2025 Chhath Puja: छठ पूजा का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व होता है। हिंदी पंचांग के अनुसार छठ पर प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्टी तिथि को मनाया जाता है। जो चार दिनों तक चलता है। यह पर्व दीवाली से ठीक 6 दिन बाद पड़ती है। यह दिन छठी माता को प्रसन्न करके उनकी कृपा पाने के लिए मनाया जाता है। इस पर्व को महिलाएं अपनी संतान की लंबी आयु, और उनके अच्छे स्वास्थ्य और उनके उत्तम भविष्य के लिए, पति की दीर्घायु के लिए सूर्य देव और छठी मैया की पूजा अर्चना करती है। और इसके साथ दिन-रात निर्जला व्रत रखती हैं। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। छठ पूजा के पहले दिन नहाय-खाय और दूसरे दिन लोहंडा या खरना, और व्रत के तीसरे दिन संध्या का अर्घ्य और व्रत के चौथे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ व्रत का पारण किया जाता है।
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आईये जानते है छठ पूजा के दौरान व्रती महिलाओं को कुछ ऐसे कार्य है जिसे भुलकर भी नही करना चाहिए। बल्कि इस तरह की गलतिया करने से हमेशा बचना चाहिए। जो अशुभ घटनाओं या अशुभ फल का कारण बनती हैं।
छठ पूजा में भुलकर भी ना करे ये 8 गलतियां Do not commit these 8 mistakes during Chhath Puja
▪️छठ पूजा के दौरान भगवान सूर्य देव को अर्घ्य देने का विधान है। इसलिए भगवान सूर्य देव को अर्घ देने के लिए स्टील, प्लास्टिक, चमड़े का थैला, शीशे के वर्तन आदि का प्रयोग भूलकर भी नही करना चाहिए। बल्कि भगवान सूर्यदेव को पीतल के बर्तन से अर्घ देना चाहिए। और छठ पूजा के दौरान बांस से बने सूप, या पीतल से बनी धातुओं के बर्तनों का इस्तेमाल किया जाता है।
▪️धार्मिक मान्यता के अनुसार जिस घर मे पूजा पाठ होता है। उस घर मे लड़ाई झगड़ा किसी की बुराई नही करना चहिये। और ना ही किसी को अप शब्द बोलना चाहिए। वरना छठी माता आप से नाराज ही जाएगी। और पूजा में मिलने वाले फल की बजाय उसके घर से सुख संमृद्धि चली जायेगी।
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▪️धर्म शास्त्रो के अनुसार व्रती को छठ पूजा के 4 दिनों के दौरान बेड या चारपाई पर सोना नही चाहिए। बल्कि जमीन पर सोना चाहिए। और नही गंदे हाथों से प्रसाद को बनाना चाहिए। बल्कि छठ पूजा का प्रसाद शुद्धता और पवित्रता से बनाना चाहिए। प्रसाद की सामग्री को गंदे या जूठे हाथों से नहीं छूना चाहिए। साथ ही जिस जगह पर प्रसाद बनाएं उस जगह की अच्छी तरह साफ-सफाई कर लें।
▪️छठ पूजा के दौरान व्रती महिलाओ के साथ-साथ पूरे परिवार के लोगों को तामसिक भोजन का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए। जैसे मांस, मछली, अंडा, और इसके अलावा नॉनवेज, प्याज-लहसुन नही खाना चाहिए।
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▪️छठ पूजा के दौरान ना ही व्रती को और नाही परिवार के किसी भी सदस्य को शराब का सेवन भूलकर भी नही करना चाहिए। अगर जो लोग ऐसा करते है उनका व्रत पूरा नही माना जाता है। बल्कि ऐसा करने से छठी मइया को नाराज हो जाती है और जिंदगी में संकट आ सकते हैं।
▪️छठी माता की पूजा में कई तरह के फल अर्पित किए जाते हैं। लेकिन इस दौरान व्रती को फलों का सेवन नहीं करना चाहिए। पूजा पूरी होने के बाद ही फलों का सेवन करना चाहिए।
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