छठ पूजा का महत्व
Chhath Puja 2024: हिंदी पंचांग के अनुसार छठ पर्व हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। इस पर्व को सूर्य षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। हिंदी पंचांग के अनुसार कार्तिक छठ पूजा दिवाली पूजा से ठीक छः दिन बाद पड़ता है। जो कि यह पर्व मुख्य रूप से चार दीनी तक चलता है।हिन्दू धर्म मे छठ पूजा पर्व की विशेष मान्यता है।
छठ पर्व हर साल कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की षष्टी तिथि को मनाया जाता है। जो छठ पर्व को सूर्य षष्टी के नाम से भी जाना जाता है। हिंदी पंचांग के अनुसार छठ पर्व दीपावली से ठीक 6 दिन बाद पड़ता है। जो 4 दिनों तक चलता है यह पर्व विशेषकर भगवान सूर्य देव व उनकी बहन छठी मैया को समर्पित होता है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार छठ पूजा के दिन भगवान सूर्य देव और छठ मैया की पूजा करके उन्हें अर्घ देने का विधान है। यह पर्व मुख्य रूप से बिहार,उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है। छठ पर्व को महिलाएं मुख्य रुप से पुत्र प्राप्ति के लिए यह व्रत रखती है। ऐसी मान्यता है कि छठ पूजा करने से पति की दीर्घायु होती है। और संतान सुख व पुत्र की प्राप्ति होती है।
आईये जानते है साल 2024 में कार्तिक छठ पूजा कब है? जाने छठ पूजा की सही तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, और छठ पूजा का महत्व
छठ पूजा विधि व खरना
Chhath Puja 2024: छठ पर्व मुख्य रूप से चार दिनों तक चलने वाला महापर्व होता है।
- जो छठ पर्व का पहला दिन नहाय-खाय से शुरू होता है। इसकी सुरूआत कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि से होकर कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की सप्तमी तिथि को इसका समापन होता है।
- इस दिन स्नान आदि करने के बाद घर की साफ सफाई की जाती है। और सात्वितक भोजन ग्रहण किया जाता है। और छठ पर्व के दूसरे दिन खरना या लोहंडा कहलाता है।
- जो कि छठ पूजा का दूसरा दिन होता है। इस दीन कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि होती है। और इस दिन से निर्जल व्रत की सुरूआत भी होती है। यानी इस दिन व्रत रखने वाली महिला या व्यकि जल ग्रहण नही करता है।
- और सांयकाल के समय छठी मैया का प्रसाद बनाया जाता है। और छठ पर्व के तीसरे दिन डूबते हुये संध्या के समय भगवान सूर्य देव को अर्ध दिया जाता है। और भगवान सूर्य देव को अर्घ देने के लिए बॉस से बनी टोकरी में फल, फूल, केला, ठेकुआ, चावल से बने लड्डू आदि चीजो को सुप में सजाया जाता है।
- और व्रत करने महिला हो या पुरुष अपने परिवार के साथ सायंकाल के समय सूर्य भगवान को अर्ध दिया जाता है। इसके बाद सूर्य देव को जल और दूध का अर्घ देने बाद सजाए गए सुप से छठी मैया की पूजा की जाती है। फिर सूर्य उपासना करने के बाद छठी मैया का गीत गाकर व्रत कथा सुनी जाती है।
- और छठ पर्व के चौथे दिन सुबह का अर्घ देने का विधान है। चौथे दिन यानी सप्तमी तिथि को प्रातःकाल सूर्यदेव को अर्घ देने के बाद व्रत का पारण किया जाता है।
छठ पूजा का शुभ मुहूर्त
Chhath Puja 2024 Shubh Muhurat: अब पूजा करने का शुभ मुहूर्त को भी जान लेते है जो इस प्रकार है।
- अब आप को बतादे की साल 2024 में छठ पूजा 07 नवम्बर दिन गुरुवार को मनाया जाएगा।
- कार्तिक छठी तिथि शुरू होगी – 7 नवंबर 2024 को रात्रि 12 बजकर 41 मिनट पर
- कार्तिक छठी तिथि समाप्त होगी : 8 नवंबर 2024 को रात्रि 12 बजकर 34 मिनट पर
- शाम को अर्घ देने का समय है – यानी 07 नवम्बर 2024 को PM 05 बजकर 31 मिनट पर
- सुबह का अर्घ देने का समय है – 08 नवम्बर 2024 को AM 06 बजकर 38 मिनट पर