Jagannath Rath Yatra 2025: हिंदू धर्म में जगन्नाथ रथ यात्रा का विशेष महत्व है। हिंदी पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को जगन्नाथ रथ यात्रा निकाली जाती है। और इस जगन्नाथ रथ यात्रा का निर्माण कार्य की शुरुआत अक्षय तृतीया से शुरू हो जाती है। और इस रथयात्रा के लिए भगवान श्रीकृष्ण, बलराम, और बहन सुभद्रा के लिए अलग- अलग 3 रथ तैयार किया जाता है। और आषाढ़ मास की द्वितीया तिथि को इन तीनो रथों को सिंह द्वार पर लगाया जाता है। इसके बाद इस मंदिर की प्रतिमाओं को स्नान कराकर वस्त्र आदि पहनाकर उनका सिंगार किया जाता है। फिर तीनो प्रतिमाओं को रथ पर बैठाया जाता है।
इसके बाद शुक्लपक्ष की दशमी तिथि को तीनो रथों को फिर से मुख द्वार पर फिर ले जाया जाता है। और मंदिर के ठीक सामने तीनो रथों को लगाया जाता है। लेकिन प्रतिमाओं को रथ से बाहर नही निकाला जाता है। और आषाढ़ मास की एकादशी के दिन मंदिर के द्वार सभी देवी देवताओं के लिए खोला जाता है। और फिर से सिंगार किया जाता है। इसके बाद मूर्तियों को मंदिर में फिर से स्थापित कर दिया जाता है। इसके साथ ही रथ यात्रा का पावन पर्व सम्पन्न होता है। ऐसी मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ आषाढ़ मास की द्वितीया तिथि से लेकर आषाढ़ मास की दशमी तिथि तक आम जनता के बीच रहते है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन इनकी पूजा अर्चना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। और इस दिन पूरी श्रद्धा भक्ति के साथ भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा में शामिल होंना चाहिए। यदि आप इस रथ यात्रा में शामिल नही हो पाते है तो अन्य कोई भी रथयात्रा में सामिल हो सकते है। यदि यह भी सम्भव न हो तो घर पर ही भगवान जगन्नाथ की पूजा अर्चना कर सकते है। और उनके प्रिय भोजन माल पुए का भोग लगाकर उनके मंत्रो का जाप कर सकते है।
आईये जानते साल 2025 में जगन्नाथ रथयात्रा यात्रा कब है ? 26 या 27 जून, जानिए सही तारीख, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन किये जाने वाले उपाय –
जगन्नाथ रथयात्रा 2025 पूजा विधि
Jagannath Rath Yatra 2025 Puja Vidhi: भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा में शामिल होना चाहिए व साथ ही सच्चे मन से भगवान जगन्नाथ की उपासना करनी चाहिए। अगर किसी कारण बस जगन्नाथ रथयात्रा में शामिल नही हो पाते है। तो घर पर ही भगवान जगन्नाथ की उपासना करें, उन्हें माल पुए का भोग लगायें और सच्चे मन से भगवान जगन्नाथ के मन्त्रों का जाप करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार केवल जगन्नाथ रथयात्रा को देखने मात्र से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिलती है और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है।
जगन्नाथ रथयात्रा 2025 नियम व उपाय
Jagannath Rath Yatra 2025 Upay v Niyan: धार्मिक मान्यता के अनुसार अगर जिन शादी शुदा लोगो को अभी तक संतान का सुख नहीं मिल पाया है। तो उन लोगों को वैशाख मास के शुक्लपक्ष की द्वतिया तिथि के दिन पति और पत्नी दोनों को ही पीले वस्त्र पहनकर सबसे पहले भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और बलराम जी के चित्र या फिर मूर्ति की स्थापना करे।
इसके बाद पूजा स्थल को फूल माला से सजाकर भगवान जगन्नाथ के सामने घी का दीपक भी जलाएं। इसके बाद पति-पत्नी दोनों मिलकर एक साथ “हरि बोल-हरि बोल” का कीर्तन करें।
और फिर साथ में सभी मिलकर प्रसाद को ग्रहण करें। भगवान जगन्नाथ की पूजा-अर्चना करे और भगवान जगन्नाथ को माल पुए का भोग लगाएं।
और ध्यान रहे कि एक ही मालपुए के दो हिस्से करके आधा-आधा हिस्सा पति और पत्नी दोनों ही खाये ऐसी मान्यता है कि जो कोई भी इस प्रसाद को खाता है, उसकी सारी बाधाएं दूर हो जाती हैं
और वह एक खुशहाल जीवन व्यतीत करता है। ऐसी मान्यता है कि जो भी सादी शुदा जोड़े रथयात्रा में शामिल होते हैं और भगवान जगन्नाथ से संतान प्राप्ति की प्रार्थना करते हुए संतान गोपाल मंत्र का जाप करते है तो उन लोगो को संन्तान की प्राप्ति होती है।
जगन्नाथ रथयात्रा 2025 शुभ मुहूर्त
Jagannath Rath Yatra 2025 Date Time Muhurat: अब आप को बतादे की वर्ष 2025 में भगवान जंगनाथ रथयात्रा 27 जून दिन शुक्रवार को निकाली जाएगी।
द्वितीया तिथि प्रारम्भ – 26 जून 2025 को दोपहर 03 बजकर 27 मिनट पर
द्वितीया तिथि समाप्त – 27 जून 2025 को सुबह 11 बजकर 22 मिनट पर