Gopa Ashtami 2025: कब है गोपाष्टमी 2025 में, जाने सही तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि व भोग, महत्व और उपाय

Gopa Ashtami 2025: हिन्दू धर्म में गोपाष्टमी व्रत का विशेष महत्व है। गोपा अष्टमी के दिन गौ माता और उनके बछड़ों को नहला धुलाकर अच्छे से सजाया जाता है और उनकी पूजा की जाती है। हिंदी पंचांग के अनुसार गोपाष्टमी प्रत्येक वर्ष कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। गोपास्टमी का यह पर्व मुख्य रूप से मथुरा, वृंदावन, समेत ब्रज क्षेत्रों का प्रसिद्ध त्योहार है। ऐसी मान्यता है कि गोपाष्टमी के दिन गौ माता का पूजन करने से सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसलिए इस दिन गायों की पूजा करना बहुत शुभ और फलदायी होता है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

आइए जानते है Gopa Ashtami 2025 में कब है? 29 या 30 अक्टूबर, जानिए सही तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, और इस दिन किये जाने वाले उपाय –

गोपाष्टमी 2025 पूजा विधि

Gopa Ashtami 2025 Puja Vidhi: गोपाष्टमी के दिन व्रती सुबह जल्दी उठकर नित्य क्रिया से निपटकर नहा धोकर साफ या नये कपड़े पहनकर व्रत का संकल्प ले और मंदिर की साफ सफाई करे। इसके बाद मंदिर में गाय माता की बछड़े के साथ एक तस्वीर लगाएं और घी का दीपक जलाएं। इसके बाद फल, फूल की माला आदि अर्पित करें। और इस दिन गाय को अपने हाथों से हरा चारा खिलाकर गौ माता का चरण स्पर्श करे। यदि आप के घर गाय नही है तो आसपास के घरों में जाकर गाय की पूजा अर्चना करे।

यदि ऐसा करना संभव नही है तो किसी भी गौशाला में जाकर गाय की सेवा करे और हरा चारा खिलाये। और पूजा के लिए सबसे पहले गाय को स्नान कराएं और रोली-चंदन से उनका तिलक करें। फिर उन्हें फूल चढ़ाएं और भोग लगाएं। इस दिन गाय को चारे के साथ ही गुड़ का भोग लगाएं। ऐसी मान्यता है कि यदि गोपाष्टमी के दिन गाय माता को गुड़ खिलाने से सूर्य दोष से मुक्ति मिलती है।

गोपाष्टमी के दिन जरूर करे यह 3 काम

Gopa Ashtami 2025 Upay: हिन्दू धर्म में गाय को माता समान पूज्यनीय माता जाता है। इसलिए गोपाष्टमी के दिन गाय और बछड़े की पूजा की जाती है। और कुछ विशेष उपाय भी किया जाता है जैसे –

  • ऐसी मान्यता है कि गोपाष्टमी व्रत के दिन गाय माता की पूजन करने से भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त होती है। और गोपाष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर गाय माता को शुद्ध जल से स्नान कराकर फूल-माला और नये वस्त्र पहनाकर रोली-चंदन का तिलक लगाने से। गौ माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
  • ऐसी मान्यता है कि गोपाष्टमी के दिन गौमाता को फल, मिठाई, आटे व गुड़ की भेली, पकवान आदि बनाकर खिलाने से और धूप-दीप जलाकर आरती करने से भगवान श्रीकृष्ण और गौमाता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। और सुख सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
  • ऐसी मान्यता है कि गोपाष्टमी के दिन गाय की परिक्रमा करने से भाग्य उदय होता है। इसके अलावा अगर गोपाष्टमी के दिन गाय के पैरों की धूल को माथे पर लगाने से और शाम को सूर्यास्त होने से पहले दण्डवत प्रणाम करने से किस्मत चमक जाएगी और भगवान श्रीकृष्ण की विशेष कृपा प्राप्त होगी।

गोपाष्टमी व्रत कथा

Gopa Ashtami Vrat Katha 2025: एक कथा के अनुसार- एक बार भगवान श्रीकृष्ण ने सभी ब्रजवासियों को भगवान इंद्र को दी जाने वाली वार्षिक भेंट को बंद करने का सुझाव दिया था। जिस पर भगवान इंद्र नाराज हो गए और क्रोध में आकर सभी ब्रज क्षेतो में 7 दिनो तक भारी बारिश शुरू कर दी जिसमें सब कुछ बहने लगा। इसलिए इंद्र देव के क्रोध से बचाने के लिए गोवर्धन पूजा के दिन अपनी कनिष्ठा उंगली पर भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठाया था। जिसके नीचे सभी ब्रजवासियों ने बाढ़ से बचने के लिए शरण ली थी। सात दिनों की निरंतर बारिस के बाद भगवान इंद्र का क्रोध शांत हुआ और उन्होंने गोपाष्टमी के दिन ही अपनी हार स्वीकार की थी। तभी से गोपाष्टमी का पर्व मनाया जाने लगा।

गोपाष्टमी 2025 पूजा शुभ मुहूर्त

Gopa Ashtami 2025 Date And Time: अब आप को बतादे की साल 2025 में गोपाष्टमी 30 अक्टूबर दिन गुरुवार को मनाई जाएगी।
अष्टमी तिथि प्रारम्भ होगी – 29 अक्टूबर 2025 को सुबह 09 बजकर 23 मिनट पर
अष्टमी तिथि समाप्त होगी – 30 अक्टूबर 2025 को सुबह 10 बजकर 06 मिनट पर

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