Mangala Gauri Vrat 2025: हिन्दू धर्म मे मंगलागौरी व्रत का विशेष महत्व माना जाता है। मंगला गौरी का व्रत हर साल सावन मास के प्रत्येक मंगलवार के दिन रखा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि सावन का महीना भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती का प्रिय महीना होता है। इसलिए धार्मिक मान्यता के अनुसार इस व्रत में माता पार्वती का पूजन किया जाता। इस व्रत को सौभाग्यवती महिलाएं और कुआरी लड़कियां दोनों कर सकती है। ऐसी मान्यता है कि मंगला गौरी का व्रत पूजा करने से जीवन मे आ रही सभी बाधा प्रकार की बाधा दूर होती है।
और ब्यक्ति को सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। और मंगला गौरी का व्रत करने से मनचाहा फल की प्राप्ति होती है। जिस किसी को महिला हो या पुरुष किसी भी प्रकार का कोई भी दोष हो, या विधवा दोष हो, या मंगलदोष हो, या विवाह दोष हो, या विवाह में देरी हो रही है, तो उस व्यक्ति को मंगलागौरी व्रत अवश्य करना चाहिए। धार्मिक मान्यता के अनुसार मंगला गौरी का व्रत सभी सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु, पुत्र प्राप्ति व पुत्र की लम्बी आयु की कामना के लिए मंगला गौरी का व्रत रखती है।
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आईये जानते है साल 2025 में Mangala Guri Vrat (मंगला गौरी व्रत) कब रखा जाएगा? जाने सही दिन तारीख, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, और इस दिन किये जाने वाले उपाय –
मंगला गौरी व्रत पूजा विधि
Mangla Gauri Vrat 2025 Puja Vidhi: मंगला गौरी व्रत के दिन सभी व्रती महिलाएं प्रातःकाल उठकर नहा-धोकर व्रत का संकल्प ले इसके बाद पूजा के स्थान पर एक चैकी पर सफेद या लाल रंग का कपड़ा बिछा ले। इसके बाद उस कपड़े पर चावल से नौ ग्रहों को बनाकर चैकी के एक तरफ चावल और फूल-माला रखकर कलश की स्थापित करें हैं। इसके बाद कलश में जल भरे। तथा गेंहू के आटे का चैमुखी दीपक बनाकर 16-16 तार की चार बत्तियाँ डालकर जलाया जाता है। इसके बाद सबसे पहले भगवान गणेशजी का पूजन किया जाता है। और फिर मंगला गौरी माता का पूजन करके जल, रोली, मौली, चन्दन, सिन्दूर, सुपारी, लौंग, पान, चावल, फूल, इलायची, बेलपत्र, फल, मेवा और दक्षिणा आदि चढ़ाया जाता हैं।
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इसके बाद कलश का पूजन करके भगवान गणेश पूजन की किया जाता है। इसके बाद नौ ग्रह तथा माता मंगला गौरी की पूजा करे। तथा सभी चढ़ावा ब्राह्मण को दे दे। इसके बाद मिट्टी की माता मंगला गौरी बनाकर उन्हें जल, दूध, दही आदि से स्नान करवा कर वस्त्र पहनाकर रोली, चन्दन, सिन्दूर, मेंहदी व काजल टिका लगाये। फिर सोलह प्रकार का माता को फूल,पत्ते और माला चढ़ाते हैं। इसके बाद पाँच प्रकार के सोलह-सोलह मेवा, सुपारी, लौंग, मेंहदी, शीशा, कंघी व चूड़िया चढ़ाते हैं। तथा कथा सुनकर सभी व्रती महिलाएं अपनी अपनी सासुजी के पाँव छूकर एक समय एक अन्न खाने का विधान है। इसके बाद अगले दिन माता मंगला गौरी का विसर्जन करने के बाद भोजन करते हैं।
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कैसे करे मंगला गौरी व्रत उद्यापन
Mangla Gauri Vrat Ka Udhyapan Vidhi: धार्मिक मान्यता के अनुसार श्रावण माह के मंगलवारों का व्रत करने के बाद इसका उद्यापन करना चाहिए। मंगला गौरी व्रत का उद्यापन में एक चैकी के चार कोनों पर केले के मण्डप बनाकर उस पर लाल कपड़ा या लाल चुनरी बांधना चाहिए। इसके बाद कलश के उपर एक कटोरी रखकर उसमें मंगलागौरी की स्थापना करना चाहिए। इसके बाद साड़ी, नथ व सुहाग की सभी वस्तुए रखदे। इसके बाद हवन करके कथा सुने फिर माता मंगला गौरी की आरती करें। इसके बाद चाँदी के बर्तन में आटे के सोलह लड्डू, रुपया-पैसा व साड़ी अपनी सासू जी को देकर उनके पैर छूना चाहिए। फिर पूजा कराने वाले पंडित को भोजन आदि कराकर धोती-कुर्ता या अपने सामर्थ्य के अनुसार दान-दक्षिणा देना चाहिए। इतना सब करने के बाद स्वयं भोजन करना चाहिए।
मंगला गौरी व्रत में क्या खाना चाहिए
Mangala Guri Vrat 2025 Kya Khaye: मंगला गौरी व्रत के दिन सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए। और नमक का सेवन भुलकर भी नही करना चाहिए। मंगला गौरी व्रत में केवल एक ही समय अन्न का सेवन करना चाहिए। और मंगला गौरी व्रत में मीठा ग्रहण कर सकते है।
मंगला गौरी व्रत में क्या नही खाना चाहिए
Mangala Gauri Vrat 2025 Kya Na Khaye: मंगला गौरी व्रत में भुलकर भी कोई भी तला, भुना, गेंहू, चावल लहसुन प्याज आदि का सेवन नही करना चाहिए। और ना ही कोई तामसिक भोजन करना चाहिए जैसे – मांस, मछली, अंडा,
मंगला गौरी व्रत 2025 पूजा शुभ मुहूर्त
Mangala Gauri Vrat 2025 Date Time Puja Shubh Muhurat: अब आप को बतादे की साल 2025 में मंगला गौरी व्रत 15 जुलाई 2025 दिन मंगलवार को शुरू होगी और 05 अगस्त 2025 दिन मंगलवार को समाप्त होगी
पहला मंगला गौरी व्रत – 15 जुलाई 2025 – मंगलवार
दूसरा मंगला गौरी व्रत – 22 जुलाई 2025 – मंगलवार
तीसरा मंगला गौरी व्रत – 29 अगस्त 2025 – मंगलवार
चौथा मंगला गौरी व्रत – 05 अगस्त 2025 – मंगलवार