Ashwin Shukla Durga Ashtami 2025: हिन्दू धर्म मे दुर्गा अष्टमी व्रत का विशेष महत्व है। हिंदी पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्री का प्रारम्भ होता है। वैसे तो नवरात्री का हर दिन खास होता है लेकिन नवरात्री की अष्टमी और नवमी तिथि बहुत ही खास मानी जाती है। अष्टमी और नवमी तिथि के दिन घर-घर में कुल देवी की पूजा, हवन, कन्या पूजन जैसे धार्मिक कार्य किए जाते हैं। हिंदी पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष आश्विन मास के शुक्लपक्ष की अष्टमी तिथि को दुर्गा अष्टमी मनाई जाती है।
अष्टमी के दिन कन्या पूजन करने का विधान है। कन्या पूजा को कंचक पूजा के नाम से भी जाना जाता है। दुर्गा अष्टमी के दिन नव छोटी लड़कियों को माता दुर्गा के नव स्वरूप को मानकर पूजा जाता है और उन्हें नव दुर्गा भी कहा जाता है। आइये जानते है साल 2025 में आश्विन मास की शुक्लपक्ष की दुर्गा अष्टमी कब है ? 29 या 30 सितम्बर, जानिए सही दिन तारीख, पूजा का शुभ मुहूर्त, ओज विधि और इस दिन किये जाने वाले उपाय
दुर्गा अष्टमी 2025 पूजा शुभ मुहूर्त Durga Ashtami 2025 Date Time Puja Shubh Muhurat
साल 2025 में आश्विन मास की शुक्लपक्ष की अष्टमी तिथि प्रारम्भ होगी 29 सितम्बर 2025 को शाम 04 बजकर 31 मिनट पर और समाप्त होगी 30 सितम्बर 2025 को शाम 04 बजकर 31 मिनट पर इसलिए साल 2025 में आश्विन मास शुक्लपक्ष की दुर्गा अष्टमी 30 सितम्बर 2025 दिन मंगलवार को मनाई जाएगी।
दुर्गा अष्टमी पूजा विधि Durga Ashtami 2025 Puja Vidhi
कन्या पूजन के लिए दुर्गा अष्टमी से एक दिन पहले ही 2 से 10 साल की कन्याओं को भोजन के लिए आमंत्रित करना चाहिए। कन्या पूजन करने से पहले सुबह जल्दी उठकर दैनिक क्रिया से निवित्र होकर स्नान आदि करके कन्या पूजन का संकल्प लें। इसके बाद कन्या पूजन के लिए आमंत्रित की गई कन्याओं को घर पर उनके पैरों को दही कर आसन पर बैठाए। इसके बाद सभी कन्याओं को अक्षत, रोली, चंदन आदि से तिलक करें। इसके बाद गाय के उपले को जलाकर उसपर लौंग, कपूर और घी डालकर अग्नि जलाये।
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इसके बाद कन्याओं के लिए बनाये गए भोजन में से थोड़ा सा भोजन निकाल कर पूजा स्थान पर अर्पित करे। इसके बाद सभी कन्याओं को भोजन परोसे और अपने सामर्थ के अनुसार कन्याओं को फल, फूल, मेवा, वस्त्र, और श्रीगार कि वस्तुएं अर्पित करे। इसके बाद सभी कन्याओं के पैर को छूकर उनका आशीर्वाद ले और उन कन्याओं को पूरे सन्मान के साथ विदा करे।
नवरात्रि व्रत पारण विधि Navratri 2025 Vrat Paran Vidhi
शास्त्रो के अनुसार नवरात्रि व्रत पारण के लिए नवमी तिथि सबसे उत्तम नवमी तिथि की समाप्ति और दशमी तिथि के आरंभ को माना जाता है। लेकिन अपनी-अपनी मान्यताओं के अनुसार हर जगह पर अलग अलग दिन किया जाता है। कहि पर नवमी तिथि को तो कही पर दशमी तिथि के दिन नवरात्रि व्रत का पारण किया जाता है। लेकिन आप जिस भी दिन व्रत का पारण करे सबसे पहले माता दुर्गा की पूजा करे और उन्हे भोग लगाए और फिर हवन करे। हवन करने के बाद कन्या पूजन करके कन्याओ को भोग लगाने के बाद ही प्रतिमा का विसर्जन करना चाहिए।
दुर्गा अष्टमी 2025 व्रत नियम Durga Ashtami 2025 Vrat Niyam
▪️दुर्गा अष्टमी के दिन माता दुर्गा के मंदिर में जाकर माता दुर्गा को लाल चुनरी, बतासा के साथ सिक्का मिलाकर माता दुर्गा को अर्पित करे और मालपुए और खीर का भोग लगाये माता प्रसन्न होती है।
▪️दुर्गा अष्टमी के दिन माता दुर्गा के मंदिर में जाकर माता दुर्गा की पूजा करके माता के मंदिर के ऊपर लाल ध्वजा अर्पित करना चाहिए। इसके अलावा अष्टमी या नवमी तिथि के दिन शनि देव की पूजा अर्चना करनी चाहिए जिससे शनि दोष से मुक्ति मिलती है।