Jaya Ekadashi 2026: जया एकादशी व्रत का विशेष महत्व होता है। हिंदी पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष माघ मास के शुक्लपक्ष की एकादशी तिथि को पढ़ने वाली एकादशी को जया एकादशी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन एकादशी का व्रत करने से नीच योनि जैसे भूत, प्रेत,पिचास जैसी योनि मुक्ति मिलती है। और जीवन मे सुख समृद्धि आती है। इस दिन भगवान विष्णु जी के साथ माता लक्ष्मी की पूजा करने का विधान है। मान्यता है कि यदि जो लोग जया एकादशी के दिन व्रत उपवास रखते हुए पूजा पाठ करते है उनको सीधे वैकुंठ की प्राप्ति होती है और मोक्छ कि प्राप्ति होती है।
ऐसी मान्यता है कि जया एकादशी के दिन भगवान विष्णु के पूजन में पुष्प, अक्षत, रोली, धूप, दीप आदि अर्पित करना चाहिए। क्योकि ऐसा करने से जया एकादशी व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है। आइये जानते है इस साल जनवरी 2026 में जया एकादशी कब है? 29 या 30 जनवरी, जानिए सही दिन व तारीख, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन किये जाने वाले उपाय –
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जया एकादशी व्रत पूजा विधि Jaya Ekadashi 2026 Puja Vidhi
Jaya Ekadashi व्रत से एक दिन पूर्व दशमी तिथि के दिन एक ही समय सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए। और व्रती को ब्रमचर्य का पालन करना चाहिए। और व्रत वाले दिन प्रातःकाल जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद व्रत का संकल्प ले।
इसके बाद धूप, दिप, फल, और पंचामृत आदि अर्पित करके भगवान विष्णु के श्रीकृष्ण अवतार की पूजा करनी चाहिए और रात्रि में जागरण करते हुए। श्री हरि के नाम का भजन, कीर्तन करना चाहिए। और द्वादशी के दिन किसी भी जरूरत मन्द ब्यक्ति या ब्राम्हड़ को भोजन कराकर दान दक्षिणा देकर व्रत का पारण करना चाहिए।
जया एकादशी व्रत उपाय Jaya Ekadashi 2026 Upay
धार्मिक मान्यता है कि जया एकादशी का व्रत रखने से मनुष्य के सभी कार्य सफल होते हैं और भगवान विष्णु की कृपा से मोक्ष की प्राप्ति होती है। ऐसी मान्यता है कि जो भी व्यक्ति जया एकादशी के दिन तुलसी का ये उपाय करता है तो भगबान विष्णु उसकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं।
आइये जानते है जया एकादशी व्रत के किये जाने वाले कुछ खास उपाय के बारे में जैसे –
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि कोई भी व्यक्ति तंगी से छुटकारा पाना चाहता है तो जया एकादशी व्रत के दिन एक तांबे के लोटे में चीनी मिलाकर पीपल पेड़ को चढ़ाने से तंगी दूर होती है। क्योकी भगवान विष्णु जी का पीपल में वास होता है।
धार्मिक मान्यता है कि जया एकादशी के दिन तुलसी का पौधा लगाना बहुत ही शुभ माना जाता है। यही कारण है कि भगवान विष्णु जी को तुलसी दल अति प्रिय है।
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ऐसी मान्यता है कि जया एकादशी के दिन अपने घर की पूर्व दिशा में तुतसी का पौधा लगाना चाहिए।
फिर जया एकादशी व्रत के अगले दिन सुबह तुलसी के पौधे की धूप, दीप, अगरवती, फल-फूल, नवैद आदि अर्पित करके उनकी पूजा करें।
इसके बाद तुलसी मंत्र का उच्चारण करे और जल अर्पित करें। और जल अर्पित करने के बाद तुलसी के पौधे की 11 बार परिक्रमा करे। इसके बाद तुलसी जी की आरती करे और फिर शाम को तुलसी के पास जाकर दीपक जलाकर ॐ भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र का जाप करे।
जया एकादशी के दिन क्या न करे What not to do on Jaya Ekadashi
धार्मिक मान्यता के अनुसार जया एकादशी व्रत के दिन चावल का सेवन भुलकर भी नही करना चाहिए क्योकि जो लोग एकादशी व्रत के दिन चावल का सेवन करते है। उनका रेंगने वाले जीव योनि में जन्म मिलता है।
ऐसी मान्यता है कि जया एकादशी व्रत के दिन भुलकर भी तामसिक चीजो का सेवन नही करना चाहिए। जैसे मांस, मछली, अंडा, लहसुन प्याज आदि
जया एकादशी 2026 शुभ मुहूर्त Jaya Ekadashi 2026 Date Time
अब आइये जानते है साल 2026 माघ मास की शुक्लपक्ष की एकादशी तिथि प्रारम्भ होगी 28 जनवरी 2026 को शाम 04 बजकर 35 मिनट पर और माघ मास की शुक्लपक्ष की एकादशी तिथि समाप्त होगी 29 जनवरी 2026 को दोपहर 01 बजकर 55 मिनट पर इसलिए माघ मास में आने वाली जया एकादशी 29 जनवरी 2026 दिन गुरुवार को मनाई जाएगी। और इस व्रत का पारण होगा 30 जनवरी 2026 को सुबह 07 बजकर 10 मिनट से लेकर सुबह 09 बजकर 20 मिनट तक रहेगा।
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जया एकादशी व्रत में क्या खाना चाहिए
जया एकादशी व्रत में खानपान के नियमों का पालन करना बहुत जरूरी होता है। क्योकि एकादशी व्रत में नियम के साथ पूजा पाठ नही करने से व्रत सफल नही माना जाता है। जैसे- जया एकादशी व्रत में शकरकंद, कुट्टू के आटे से बनी रोटी खा सकते हैं। दूध, दही और फल भी खा सकते हैं। भगवान विष्णु को पंचामृत का भोग लगाएं। फिर उसे प्रसाद रूप में ग्रहण करें। इस व्रत में बाहर की बनी मिठाइयों का प्रयोग न करें और न ही बाहर की बनी चीजें खाएं।
शास्त्रो के अनुसार एकादशी व्रत में तामसिक चीजो का सेवन नही करना चाहिए जैसे- मांस, मछली, अंडा, लहसुन, प्याज, वैगन, मूली आदि।