Ahoi Ashtami Kab Hai 2025: कब है अहोई अष्टमी 2025 में, नोट करले डेट टाइम, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि व नियम

Ahoi Ashtami Kab Hai 2025: हिन्दू धर्म मे अहोई अष्टमी व्रत का विशेष होता है अहोई अष्टमी का व्रत प्रत्येक वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। अहोई अष्टमी के दिन माताएं अपने बच्चों की लंबी आयु और उनकी सलामती के लिए और संतान सुख की प्राप्ति के लिए यह व्रत रखती है। इस दिन सभी माताएं अपनी संतानों के यश और वैभव की कामना माता अहोई से करती हैं। अहोई अष्टमी के दिन व्रत महिलाएं भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा अर्चना की जाती है। इस दिन माताएं निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को तारों को अर्घ्य देने के बाद अपना व्रत तोड़ती है।

अहोई अष्टमी का व्रत करवा चौथ के व्रत के ठीक 4 दिन बाद पड़ती है। इस व्रत को अहोई आठें के नाम से भी जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि अहोई अष्टमी के दिन यदि निसंतान महिलाए इस दिन व्रत रखती हैं तो उन्हें संतान सुख की प्राप्ति होती हैं। आईये जानते है साल 2025 में अहोई अष्टमी का व्रत कब रखा जाएगा 13 या 24 अक्टूबर, जानिए सही दिन व तारीख, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन क्या करना चाहिए क्या नही करना चाहिए।

अहोई अष्टमी 2025 शुभ मुहूर्त Ahoi Ashtami 2025 Shubh Muhurat

साल 2025 में कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि प्रारम्भ हो रही है 13 अक्टूबर 2025 को दोपहर 12 बजकर 24 मिनट पर और अष्टमी तिथि समाप्त होगी 14 अक्टूबर 2025 को सुबह 11 बजकर 09 मिनट पर इसलिए अहोई अष्टमी मनाई जाएगी 13 अक्टूबर 2025 दिन सोमवार को और शाम के समय तारे देखने का समय है शाम 06 बजकर 17 मिनट पर और अहोई अष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त है 13 अक्टूबर 2025 को शाम 05 बजकर 53 मिनट से लेकर शाम 07 बजकर 08 मिनट तक रहेगा।

अहोई अष्टमी पूजा विधि Ahoi Ashtami 2025 Puja Vidhi

अहोई अष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। इसके बाद पूजा स्थल को अच्छे से साफ सफाई करके गंगाजल से शुद्ध करे। इसके बाद पूजा स्थल पर एक लकड़ी की चौकी रखकर उसपर लाल चूनरी बिछाकर उसपर माता अहोई की फ़ोटो प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद माता अहोई का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें।

इसके बाद माता अहोई को सभी सोलह श्रृंगार करें। इसके माता अहोई को कमल के फूल की माला पहनाएं। इसके बाद माता अहोई को गाय का दूध, सिंघाड़ा, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य आदि अर्पित करें। और माता अहोई को भोग लगाएं और मंत्रों का जाप करते हुए माता की आरती करें।

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अहोई अष्टमी व्रत के नियम Ahoi Ashtami Vrat Ke Niyam

▪️अहोई अष्टमी के दिन अहोई माता के भोग के लिए गुलगुले जरूर बनाए, क्योंकि यह भोग अहोई माता का प्रिय है। मान्यता है कि गुलगुले अर्पित करने से पूजा सफल होती है और संतान को जीवन में सफलता प्राप्त होती है।

▪️अहोई अष्टमी के दिन जो महिलाएं व्रत रखी है उन महिलाएं को चमकदार कपङे नही पहनना चाहिए हो सके तो हल्के रंग का कपड़ा पहनना चाहिए।

▪️अहोई अष्टमी व्रत के दिन हो सके तो व्रत महिलाये दान पुण्य जरूर करे तभी व्रत सफल माना जायेगा।

▪️अहोई अष्टमी व्रत के दिन व्रती महिलाओं को मिट्टी से जुड़े कोई भी कार्य नही करना चाहिए।

▪️अहोई अष्टमी के दिन व्रत महिलाओं को दिन में नही सोना चाहिए और नाही इस दिन मन मे किसी के प्रति गंदे विचार नही लाना चाहिए।

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