Ahoi Mata Ki Aarti: अहोई अष्टमी व्रत की पूजा में सभी व्रती महिलाएं को माता अहोई की पूजा अर्चना करने के बाद माता अहोई की आरती करनी चाहिए। मान्यता है कि माता अहोई हर अनहोनी से अपने भक्तों की और उनकी संतान की सदा रक्षा करती हैं। इसलिए माता अहोई की आरती जो भी व्रती महिलाएं सच्चे मन से करती हैं माता अहोई उन पर अपना स्नेह, आशीर्वाद बरसाती है।
श्री अहोई माता की आरती Ahoi Mata Ki Aarti
ॐ जय अहोई माता, मैया जय अहोई माता !
रोग-शोक विदारिणी, सुख-सन्तति दाता !!
ॐ जय अहोई माता, मैया जय अहोई माता !
तुम करुणा की सागर, तुम हो कल्याणी !
तुम्हारे यश को गावै, हम सारे प्राणी !!
ॐ जय अहोई माता, मैया जय अहोई माता !
गाय माता की सेवा, करें जो भी नारी !
स्याऊ पाता हों कृपालु, विघ्न हरे भारी !!
ॐ जय अहोई माता, मैया जय अहोई माता !
कार्तिक बंदी अष्टमी को, जो नारी व्रत करे !
सन्तान होवै दीर्घायु, दुःख जा दूर परे !!
ॐ जय अहोई माता, मैया जय अहोई माता !
अहोई माता की आरती, जो नाही नित गांवै !
कहत भक्त आशारानी, मनवांछित फल पावै !!
!! बोलो अहोई माता की जय !!