Amalaki Ekadashi 2025 Upay: आमलकी एकादशी पर करें ये 6 उपाय, जागेगा भाग्य, बढ़ेगा सुख-सौभाग्य

Amalaki Ekadashi 2025 Upay: हिन्दू धर्म आमलकी एकादशी व्रत का विशेष महत्व होता है। इसदिन भगवान विष्णु और आंवले वृक्ष की पूजा अर्चना की जाती है। हिंदी पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष फाल्गुन मास के शुक्लपक्ष की एकादशी तिथि के दिन आमलकी एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस एकादशी को आंवला एकादशी, रंग भरी एकादशी आदि नामो से भी जाना है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आमलकी एकादशी का व्रत रखने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। और भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है। मान्यता है कि इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा करने से सभी पाप नष्ट होते है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। आंवले का पेड़ भगवान विष्णु को अति प्रिय है इसलिए इस दिन इसकी पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं आमलकी एकादशी व्रत के दिन भगवान श्री हरि प्रसन्न करने के लिए कुछ विशेष उपाय आदि किया जाता है जैसे –

आमलकी एकादशी व्रत उपाय

Ekadashi 2025 Vrat Upay: धार्मिक मान्यता के अनुसार आमलकी एकादशी के दिन पूरी श्रद्धा के साथ भगवान विष्णु की आराधना करने से पापों से मुक्ति मिलती है। और इस दिन कुछ उपायों को करने से घर की दरिद्रता दूर हो सकती है।

  • मान्यता है आमलकी एकादशी व्रत के दिन भगवान विष्णु को गाय के दूध से बने पंचामृत अर्पित करने से कार्य मे आ रही मुश्किलें दूर होती है और आगे बढ़ने के रास्ते भी नजर आने लगता है।
  • धार्मिक मान्यता है कि आमलकी एकादशी के दिन पीपल के पेड़ के नीचे घी का दीपक जलाने के बाद पीपल वृक्ष की परिक्रमा करने से भगवान विष्णु के साथ-साथ माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। और घर से दरिद्रता कोषों दूर रहती है।

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  • आमलकी एकादशी के दिन दान पुण्य करने का विशेष महत्व होता है। इसलिए आमलकी एकादशी के दिन किसी भूखे को भोजन कराने और उसे दान दक्षिणा देने से जीवन में आने वाली सभी मुश्किलें दूर होती है।
  • आमलकी एकादशी व्रत के दिन माता तुलसी को सिंगार की सभी सामग्री अर्पित करने से वैवाहिक जीवन मे आने वाले सभी मन मुटाव दूर होते है। और पति पत्नी के विच कलह, क्लेश दूर होता है और आपसी प्रेम बना रहता है।
  • ऐसी मान्यता है कि यदि जो लोग आमलकी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूरे विधि विधान के साथ पूजा अर्चना करता है। और पान के पत्ते पर ॐ विष्णवे नमः लिखकर उनके चरणों में अर्पित करे और अगले दिन इस पत्ते को पीले रंग के कपड़े में लपेटकर तिजोरी या पर्स में रखने से दरिद्रता दूर होती है। और घर मे माता का आगमन होता है।

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