Anant Chaturdashi 2024: कब है अनंत चतुर्दशी 2024 में, जाने शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत का महत्व

अनंत चतुर्दशी का महत्व

Anant Chaturdashi 2024: हिन्दू धर्म मे अनंत चतुर्दशी व्रत का विशेष महत्व होता है। हिंदी पंचांग के अनुसार अनंत चतुर्दशी प्रत्येक वर्ष भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। जिसे अनंत चौदस के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु का पूजन करने का विधान है। ऐसी मान्यता है कि अनंत चतुर्दशी के दिन अनंत भगवान की पूजा करके संकटों से रक्षा करने वाला अनंत रक्षासूत्र बाजू पर बाधा जाता है।

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार जब पाण्डव जुए में अपना सारा राज-पाट हारकर वन में कष्ट भोग रहे थे। तब भगवान श्रीकृष्ण ने उन पांडवो को अनन्त चतुर्दशी का व्रत करने की सलाह दी थी। तब धर्मराज युधिष्ठिर ने अपने भाइयों तथा द्रौपदी के साथ पूरे विधि-विधान से अनंत चतुर्दशी का व्रत किया तथा अपने बाजू पर अनंत सूत्र धारण किया। ऐसी मान्यता है कि अनंत चतुर्दशी का व्रत रखने मात्रा से पांडवो के सब संकट कट गए।

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार अनंत चतुर्दशी व्रत की शुरुआत महाभारत काल से हुई थी। यह भगवान विष्णु का दिन माना जाता है। यह व्रत भगवान विष्णु को प्रसन्न करने और अनंत फल की प्राप्ति के लिए किया जाता है। अनंत चतुर्दशी को अनंत चौदस के नाम से भी जाना जाता है। इस व्रत में भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा होती है। इस दिन भगवान गणेश विसर्जन भी किया जाता है इसलिए इस पर्व का महत्व और भी बढ़ जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को 14 सालों तक लगातार करने से विष्णु लोक की प्राप्ति होती है।

ऐसी मान्यता है कि अनंत चतुर्दशी का व्रत रखने से हर दुःख दूर होते है और सुख की प्राप्ति होती है। और इस दिन विष्णु सहस्त्र नाम का पाठ करने से भक्तो की सारी मनोकामना की पूर्ति होती है। और अनंत चतुर्दशी के दिन किसी असहाय गरीब व्यक्ति की मदत करने से अनंत फल की प्राप्ति होती है।

आइए जानते है साल 2024 में अनंत चतुर्दशी कब है ? 16 या 17 सितम्बर, जानिए सही दिन व तारीख पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस व्रत में किया जाने वाला उपाय

अनंत चतुर्दशी पूजा विधि

Anant Chaturdashi 2024 Puja Vidhi: अनंत चतुर्दशी व्रत के दिन व्रती प्रातःकाल जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद व्रत का संकल्प लें और पूजा स्थल पर कलश स्थापना करें।

इसके बाद कलश पर अष्टदल कमल की तरह बने बर्तन में कुशा से निर्मित अनंत की स्थापना करें या आप चाहें तो भगवान विष्णु की तस्वीर भी लगा सकते हैं। इसके बाद एक धागे को कुमकुम, केसर और हल्दी से रंगकर अनंत सूत्र तैयार करें।

लेकिन इसमें चौदह गांठें लगी होनी चाहिए। इसके बाद इस अनंत को भगवान विष्णु की तस्वीर के सामने रख दे। इसके बाद भगवान विष्णु और अनंत सूत्र की षोडशोपचार विधि से पूजा शुरू करें। और नीचे दिए गए मंत्र का जाप करें।

अनंत संसार महासुमद्रे मग्रं समभ्युद्धर वासुदेव।
अनंतरूपे विनियोजयस्व ह्रानंतसूत्राय नमो नमस्ते।।

पूजन करने के बाद अनंत सूत्र को अपने बाजू में बांध ले। पुरुष अनंत सूत्र को दांये हाथ में बांधे और महिलाएं बांये हाथ में बांधे। इसके बाद ब्राह्मण को भोजन आदि कराकर दान दक्षिणा देकर ब्राह्मण को बिदा करे। इसके बाद सपरिवार सहित प्रसाद ग्रहण करे।

अनंत चतुर्दशी व्रत में क्या खाएं

धार्मिक मान्यता है कि अनंत चतुर्दशी का दिन बहुत शुभ माना जाता है क्योकि आज के ही दिन भगवान गणेश का विसर्जन भी किया जाता है। इसलिए आज के दिन नमक युक्त बनाया गया किसी भी प्रकार का भोजन नही खाना चाहिए। जो लोग ऐसा करते है भगवान गंर्ष उसपर क्रोधित हो जाते है। और उनके जीवन पर बुरा असर पड़ता है।

अनंत चतुर्दशी 2024 पूजा शुभ मुहूर्त

Anant Chaturdashi 2024 Date Time: अब आप को बतादे की साल 2024 में अंनत चतुर्दशी 17 सितम्बर दिन मंगलवार को मनाई जाएगी।

अनंत चतुर्दशी पूजा का शुभ मुहूर्त है : 17 सितम्बर 2024 को सुबह 06 बजकर 07 मिनट से लेकर सुबह 11 बजकर 46 मिनट तक रहेगा।
पूजा की कुल अवधि होगी :5 घंटे 39 मिनट

चतुर्दशी तिथि शुरू होगी :16 सितंबर 2024 को दोपहर 03 बजकर 10 मिनट पर
चतुर्दशी तिथि समाप्त होगी :17 सितंबर 2024 को दोपहर 11 बजकर 45 मिनट पर

Leave a Comment

error: Content is protected !!