Ashwin Amavasya 2025: आश्विन अमावस्या का हिन्दू दहरम में विशेष महत्व है। इस अमावस्या के दिन स्नान दान तथा पितरो का तर्पण करना चाहिए। हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को आश्विन अमावस्या या पितृ विसर्जनी अमावस्या, महालया अमावस्या और सर्वपितृ अमावस्या के नाम से जाना जाता है। आश्विन अमावस्या के दिन श्राद्ध पक्ष का समापन होता है और पितृ लोक से आए हुए पितृजन अपने लोक लौट जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि आश्विन अमावस्या के दिन किसी भी नदी तालाब, कुआ, बावड़ी या किसी पोखर में स्नान आदि करने के बाद उगते हुए सूर्य देव को जल अर्पित करे। इसके बाद पितरो के निर्मित तर्पण करे। और किसी जरूरत मंद गरीब ब्राह्मणों को भोजन आदि कराकर तथा गरीबो को दान दक्षिणा देना चाहिए।
ऐसा करने से पितृजन तृप्त होते हैं। और जाते समय अपने पुत्र, पौत्रों और परिवार को अपना आशीर्वाद देकर जाते हैं। इसलिए आश्विन अमावस्या के दिन पितरों का श्राद्ध और पूजन करने का बड़ा महत्व होता है। हिंदी पंचांग के अनुसार आश्विन अमावस्या समाप्त होने के बाद अगले दिन से ही शारदीय नवरात्रि का प्रारम्भ हो जाता है। इसलिए इन नव दिनों में माता दुर्गा के नव स्वरूपो की पूजा अर्चना की जाती है। आश्विन अमावस्या के दिन गंगा में या फिर किसी पवित्र नदी या सरोवर में स्नान करके भगवान सूर्य देव को अर्घ्य दे और पितरों के लिए तर्पण और और किसी पीपल के पेड़ के नीचे दीया जलाएं। और भूले-बिसरे पितरों के लिए विशेष रूप से श्राद्ध करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
आइए जानते है साल 2025 में आश्विन अमावस्या कब है ? 21 या 22 सितम्बर, जानिए सही दिन व तारीख, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन किये जाने वाले विशेष कार्य –
इसे भी पढ़े – Sita Navami 2025: सीता नवमी कब है? जाने सही तिथि, पूजा शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, और दिव्य उपाय
आश्विन अमावस्या 2025 पूजा विधि
आश्विन अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर नित्य क्रिया से निवित्र होकर स्नान आदि करके साफ व शुद्ध कपड़े पहनकर भगवान सूर्य देव को जल अर्पित करे और दिन भर व्रत उपवास का संकल्प लें। इसके बाद पूजा को अच्छे से साफ-सफाई करके भगवान विष्णु को फल, फूल आदि अर्पित करे इसके बाद दीपक जलाकर भगवान सूर्य देव को जल अर्पित करे और व्रत कथा पढ़े या फिर सुने। और पूजा के अंत मे भगवान विष्णु सहित सभी देवी देवताओं की पूजा करके आरती करें इसके बाद व्रत का पारण करे।
आश्विन अमावस्या पर जरूर करे यह उपाय
आश्विन अमावस्या के दिन 16 दिनों का चलने वाला श्राद्ध पक्ष समाप्त होता है। इसलिए आज के दिन अपने पितरों को प्रसन्न करने के लिए खास दिन माना जाता है। इसलिए आश्विन अमावस्या के दिन यह उपाय जरूर करे जैसे –
- आश्विन अमावस्या के दिन ब्रम्ह मुहूर्त में उठकर स्नान आदि करके भगवान सूर्य देव को जल अर्पित करे। इसके पश्चात किसी जरूरतमंद लोगो को वस्त्र दान, अन्न दान जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से पितृ अति प्रसन्न होते हैं।
- आश्विन अमावस्या के दिन पूजा स्थल पर और तुलसी पौधे के पास सुबह और शाम को दीपक जलाने से परिवार में हो रहे कलह और संकट दूर होते है और दरिद्रता समाप्त होती है।
- आश्विन अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से घर मे चल रही पैसों की तंगी दूर होती है और धन प्राप्ति का योग बनता है।
- आश्विन अमावस्या के दिन किसी भी गरीब ब्राह्मण और किसी जरूरतमंद व्यक्ति को गाय का दान करने से या किसी भी गौशाला में जाकर गाय को हरा चारा खिलाने सुर उनकी सेवा करने से कई गुना फल की प्राप्ति होती है।
आश्विन अमावस्या के दिन ना करे यह काम
धार्मिक मान्यता है कि पितृपक्ष के दौरान 16 दिनों तक हमारे पूर्वज हमारे घर मे निवास करते है। और अपने पौत्र, पुत्रो को आशीर्वाद देते है। और सर्वपितृ अमावस्या के दिन अपने लोक को जाते समय अपना आर्शीवाद देकर जाते है। इसलिए पित्रो को पसन्न करने के लिए भूलकर भी कुछ ऐसे कार्य है जिसे नही करना चाहिए जैसे –
- आश्विन अमावस्या के दिन भूलकर भी मास, मछली, मदिरा पान, धूम्रपान नही करना चाहिए। ऐसा करने से हमारे पूर्वज नाराज होकर जाते है जिसके कारण परिवार पर दरिद्रता बनी रहती है।
- आश्विन अमावस्या के दिन भूलकर भी श्राद्ध तर्पण नही करना चाहिए इसके अलावा अपने से बड़े का अपमान नही करना चाहिए। जो लोग ऐसा करते है यह लोग हमेशा परेसान रहते है। इससे बचने के लिए दोपहर के समय श्राद्ध तर्पण करना चाहिए। ऐसा करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है।
आश्विन अमावस्या 2025 पूजा शुभ मुहूर्त
अब आप को बतादे की वर्ष 2025 में अश्विन अमावस्या 21 सितंबर दिन रविवार को मनाई जाएगी।
अमावस्या तिथि शुरू होगी – 21 सितंबर 2025 को रात्रि 12 बजकर 18 मिनट पर
अमावस्या तिथि समाप्त होगी – 22 सितंबर 2025 को रात्रि 01 बजकर 25 मिनट पर