Ashwin Purnima 2025: कब है आश्विन पूर्णिमा 2025 में, जाने शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्व और उपाय

Ashwin Purnima 2025: हिन्दू धर्म मे पुर्णिमा तिथि का विशेष महत्व बतलाया गया है। आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहते हैं। अश्विन पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा, कोजागरी पूर्णिमा और कुन्नर पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा आश्विन पूर्णिमा को रास पूर्णिमा, कोजागर व्रत, कौमुदी व्रत आदि के नाम से भी जानी जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने राधारानी और गोपियों के संग महारास रचाया था। इसलिए आशिन पूर्णिमा के दिन व्रत रखकर पवित्र नदियों में स्नान- दान करने के बाद भगवान सत्यनारायण की पूजा अर्चना करने के बाद कथा सुनने से घर में सुख-समृद्धि आती है।

शास्त्रो के अनुसार पूरे वर्ष में केवल इसी दिन चंद्रमा सोलह कलाओं का होता है। और इससे निकलने वाली किरणें अमृत समान मानी जाती है। उत्तर और मध्य भारत में शरद पूर्णिमा की रात्रि को दूध की खीर बनाकर चंद्रमा की रोशनी में रखी जाती है। ऐसी मान्यता है कि चंद्रमा की किरणें खीर में पड़ने से यह कई गुना गुणकारी और लाभकारी हो जाती है।
शरद पूर्णिमा पुर्णिमा के दिन मंदिरों में विशेष रूप से सेवा-पूजा का आयोजन किया जाता है। शरद पूर्णिमा के दिन से ही स्नान और व्रत प्रारंभ हो जाते हैं। इसलिए शरद पूर्णिमा के दिन माताएँ अपनी संतान की मंगल कामना के लिए देवी-देवताओं का पूजन करती हैं। और शरद पूर्णिमा के दिनभगवान शिव-पार्वती और भगवान कार्तिकेय की भी पूजा अर्चना की जाती है।

आश्विन पूर्णिमा 2025 पूजा विधि

Ashwin Purnima 2025 Puja Vidhi: आश्विन पूर्णिमा के दीन प्रातःकाल जल्दी उठकर दैनिक क्रिया से निपटकर स्नान आदि करके साफ व शुद्ध वस्त्र पहनकर व्रत का संकल्प ले। इसके बाद पूजा घर को या पूजा स्थल को अचव्हे से साफ सफाई करके भगवान विष्णु को इसके लकड़ी की चुकी पर सुंदर वस्त्र विछाकर भगवान की मूर्ति की स्थापना करें। और उनका आचमन करके , वस्त्र, गंध, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, तांबूल, सुपारी और दक्षिणा आदि अर्पित करके पूजन करें। और रात्रि के समय गाय के दूध से बनी खीर में घी और चीनी मिलाकर आधी रात के समय भगवान को भोग लगाएँ। और रात्रि में चंद्रमा में चंद्रमा उदय होने पर चंद्र देव का पूजन करें तथा खीर अर्पण करें। और रात को खीर से भरा बर्तन चांदनी में रखकर दूसरे दिन उसका भोजन करें और सबको प्रसाद के रूप में वितरित करें।

आश्विन पूर्णिमा के दिन करे ये उपाय

Ashwin Purnima 2025 Upay : ▪️शास्त्रो के अनुसार आश्विन पूर्णिमा के दिन पूजा पाठ जप, तप और स्नान दान करने का विशेष महत्व है। इसलिए शरद पर्णिमा की शाम को घर में मुख्य दार पर हल्दी से हल्दी से स्वास्तिक का चिन्ह बनाकर शरद पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी को पान का पत्ता चढ़ाने से विशेष माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

▪️ऐसी मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात में चंद्रमा की किरणें अमृत बरसाती हैं। इसलिए शरद पूर्णिमा की रात में चावल की खीर बनाकर खुले आसमान के नीचे रखी जाती है। और फिर पूजा के बाद इस खीर का सेवन किया जाता है।

▪️ऐसी मान्यता है कि आश्विन पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी को उनकी प्रिय वस्तुएं जैसे – मखाना, सिंघाड़ा, कमल का फूल, पान के पत्ते, सुपारी, इलायची और सफेद कौड़ी आदि पूजा में शामिल करना चाहिए।

▪️मान्यता है कि सफेद कौड़िया माता लक्ष्मी को अति प्रिय है इसलिए आश्विन पूर्णिमा के दिन शाम को माता लक्ष्मी की पूजा करने के बाद इन कौड़ियों को लाल कपड़े में बाधकर धन वाले स्थान पर अथवा तिजोरी में रख दे। ऐसा करने से माता लक्ष्मी का घर सदा वास रहेगा और कभी भी धन की कमी महसूस नही होगी।

आश्विन पूर्णिमा 2025 पूजा शुभ मुहूर्त

Ashwin Purnima 2025 Date Time Puja Shubh Muhurat: अब आप को बतादे की वर्ष 2025 अश्विन पूर्णिमा 07 अक्टूबर दिन मंगलवार को मनाई जाएगी।

पूर्णिमा तिथि शुरू होगी – 06 अक्टूबर 2025 को दोपहर 12 बजकर 25 मिनट पर
पूर्णिमा तिथि समाप्त होगी – 07 अक्टूबर 2025 को सुबह 09 बजकर 16 मिनट पर

चंद्रमा निकने का समय है – शाम 06 बजकर 01 मिनट पर

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