बछ बारस का महत्व
Bach Baras 2024: मित्रो भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि को बछ बारस या द्वादशी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन गाय और बछड़े की पूजा की जाती है। क्योकि गाय में सभी देवी-देवताओं का वास होता है और इस दिन गाय की पूजा करने से सभी देवी-देवताओं का आर्शीवाद प्राप्त होता है। हिंदी पंचांग के अनुसार हर साल भाद्रपद मास में पड़ने वाले इस पर्व को गोवत्स उत्सव के रूप में भी मनाया जाता है।
ऐसी मान्यता है कि बछ बारस के दिन सभी व्रती महिलाएं अपने बच्चो की सलामती व उनकी लम्बी आयु के लिए व्रत रखती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार बछ बारस के दिन जो भी माताएं पूरे विधि-विधान के साथ गौ माता और उनके बछड़े की पूजा अर्चना करती हैं। और उन्हें हरा चारा खिलाती हैं। तो उनके घर पर गौ माता की विशेष कृपा प्राप्त होती है। और इस दिन सभी पुत्र वति महिलाएं अपने पुत्र की लंबी आयु के लिए व्रत भी रखती हैं।
आईये जानते है साल 2024 में बछ बारस या गोवत्स द्वादशी कब है ? जानिए सही दिन व तारीख पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन किये जाने वाले विशेष कार्य
बछ बारस पूजा विधि
Bach Baras 2024 Puja Vidhi: मित्रो अब बछ बारस पूजा करने की पूजा विधि को भी जान लेते है जो इस प्रकार है।
बछ बारस के दिन सभी व्रत रखने वाली महिलाएं सुबह जल्दी उठकर नित्य क्रिया से निवित्र होकर स्नान आदि करके साफ कपड़े पहनकर व्रत का संकल्प ले। कि हे गौ माता यदि आपकी पूजा में भूलवश कोई गलती हो जाये तो उसे कृपा करके क्षमा करना।
इसके बाद गाय और उसके बछड़े को स्नान आदि कराकर नए वस्त्र पहनाकर सजाया जाता हैं। और गाय के बछड़े को सुंदर फूलों की माला पहनाकार दोनों के माथे पर तिलक लगाया जाता है।
और गाय के सीगों को सजाया जाता है। इसके बाद एक तांबे के पात्र में या पूजा की थाली में अक्षत, तिल, जल, सुगंध और फूलों की माला आदि रख ले इसके बाद गौ माता के पैरों में लगी मिट्टी से अपने माथे पर तिलक लगाएं।
यदि आप के घर गाय नही है तो आस पास में जिसके पास गाय है उनके घर जाकर गाय माता की पूजा करनी चाहिए। यदि फिर भी गाय ना मिले तो मिट्टी से ही गाय और उनके बछड़ों की मूर्तियां बनाकर उनकी पूजा करनी चाहिए।
इसके बाद मिट्टी से बनी मूर्तियों को कुमकुम और हल्दी से सजाकर गाय और बछड़े के पौरो को धोया जाता है। और बछ बारस की कथा सुनी या फिर पढ़ी जाती है। और दिनभर व्रत रखते हुए रात को अपने इष्ट और गौ माता की आरती करके व्रत खोला जाता है।
बछ बारस व्रत में क्या खाएं क्या नही ?
Bach Baras puja 2024 Niyam: मित्रो आप को बतादे की बछ बारस पूजा के दीन गाय के दूध से बनी कोई भी वस्तु ना तो बनानी और नही खाना चाहिए। बल्कि इस दिन बाजरे की ठंडी रोटी बनाकर खाना चाहिए।
बछ बारस के दिन भूलकर भी चाकू से काटी गई कोई भी वस्तु नही खानी चाहिए और नाही किसी जो खिलानी चाहिए।
बछ बारस 2024 पूजा मुहूर्त
Bach Baras 2024 Puja Date Time: मित्रो अब पूजा करने का शुभ मुहूर्त को भी जान लेते है जो इस प्रकार है।
अब आप को बतादे की साल 2024 में बछ बारस का पर्व 28 अक्टूबर दिन सोमवार को मनाया जाएगा।
भाद्रपद द्वादशी तिथि प्रारंभ होगी – 28 अक्टूबर 2024 को सुबह 07 बजकर 50 मिनट पर
भाद्रपद द्वादशी तिथि समाप्त होगी – 29 अक्टूबर 2024 को सुबह 10 बजकर 31 मिनट पर
प्रदोष काल में बछ बारस पूजा का शुभ मुहूर्त – 28 अक्टूबर 2024 को शाम 06 बजकर 01 मिनट से लेकर रात्रि 08 बजकर 27 मिनट तक रहेगा।
पूजा की कुल अवधि है – 02 घंटे 34 मिनट