Bhadrapada Amavasya 2025: कब है भाद्रपद अमावस्या, जाने पूजा शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और स्नान दान का महत्व

Bhadrapada Amavasya 2025 : हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व बतलाया गया है। हिंदी पंचांग के अनुसार हर वर्ष भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को भाद्रपद अमावस्या मनाई जाती है। जिसे भादो अमावस्या या पिठौरी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार भाद्रपद अमावस्या के दिन ब्रम्ह मुहूर्त में स्नान, दान और तर्पण करने से पितरो का आशीर्वाद प्राप्त होता है और पुण्य फल की प्राप्ति होती है और पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।

भाद्रपद अमावस्या के दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए और परिवार की सुख समृद्धि के लिए व्रत उपास रखती है। मान्यता है कि भाद्रपद का महीना भगवान श्री कृष्ण का पवित्र महीना माना जाता है इसलिए भाद्रपद अमावस्या का महत्व और भी बढ़ जाता है। पौराणिक मान्यता है कि इस दिन माता पार्वती ने इंद्राणी को भाद्रपद अमावस्या का महत्व बतलाया था। भाद्रपद अमावस्या के दिन विवाहित महिलाएं अपनी संतान के कुशल मंगल के लिये पुत्र प्राप्ति के लिए उपवास रखती है।

आइए जानते है साल 2025 में भाद्रपद मास में आने वाली अमावस्या कब है? 22 या 23 अक्टूबर, जाने पूजा विधि, पूजा का शुभ मुहूर्त और इस दिन किये जाने वाले उपाय

भाद्रपद अमावस्या की पूजा विधि Amavasya 2025 Puja Vidhi

धार्मिक मान्यता है कि भाद्रपद अमावस्या का विशेष महत्व माना जाता है। इसलिए इस अमावस्या पर शुभ मुहूर्त में धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना करने से परिवार से आर्थिक तंगी समाप्त होती है।

  • भाद्रपद अमावस्या के दिन व्रती ब्रम्ह मुहर्त में उठकर दैनिक क्रिया करके किसी भी पवित्र नदी, तालाब, बावड़ी, आदि में जाकर स्नान आदि करले। आगर आप के आस-पास कोई नदी, तालाब, पोखर आदि नही है तो नहाने के पानी मे थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर स्नान करले। इसके बाद भगवान सूर्य देव को जल में थोड़ा सा गाय के दूध में चीनी मिलाकर अर्घ दे और पूरे दिन निर्जल व्रत का संकल्प ले।

अमावस्या के दिन जरूर करे ये उपाय Amavasya 2025 Upay

भाद्रपद अमावस्या के दिन कुछ ऐसे उपाय है जिसे करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है जैसे –

  • भाद्रपद अमावस्या के दिन ब्रह्न मुहूर्त में उठकर किसी नदी, जलाशय या कुंड में जाकर स्नान करें। और भगवान सूर्य देव को जल का अर्घ्य देने के बाद बहते हुये जल में तिल प्रवाहित करें। ऐसा करने से भगवान सूर्य देव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
  • भाद्रपद अमावस्या के दिन नदी के तट पर जाकर पितरों की आत्म शांति के लिए पिंडदान करें और किसी गरीब व्यक्ति या ब्राह्मण को दान-दक्षिणा दें।
  • भाद्रपद अमावस्या के दिन शाम को पीपल के पेड़ के नीचे सरसो के तेल का दीपक लगाएं और अपने पितरों को स्मरण करें। इसके बाद पीपल पेड़ की सात बार परिक्रमा करे।
  • भाद्रपद अमावस्या के दिन अगर सादी सुधा जोड़े इस अमावस्या के दिन व्रत उपवास रखते है और किसी जरूरत मंद लोगो को आपने सामर्थ के अनुसार दान दक्षिणा देते है। तो उनके वैवाहिक जीवन मे सुख-शांति आती है।
  • मान्यता है कि भाद्रपद अमावस्या के दिन शाम के समय तुलसी माता के समीप दिप जलाकर उनकी 108 बार परिक्रमा करते से माता तुलसी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
  • भाद्रपद अमावस्या के दिन देर तक नहीं सोना चाहिए। बल्कि सुबह जल्दी उठकर भगवान विष्णु की उपासना करनी चाहिए।
  • भाद्रपद अमावस्या के दिन भूलकर भी तामसिक भोजन जैसे मांस, मछली, शराब का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • भाद्रपद अमावस्या के दिन भूलकर भी तुलसी के पत्तों को नहीं तोड़ना चाहिए क्योंकि तुलसी का पौधा भगवान विष्णु को सबसे ज्यादा प्रिय है।

भाद्रपद अमावस्या 2025 पूजा मुहूर्त Amavasya 2025 Date Time

अब आप को बतादे की साल 2025 में भाद्रपद अमावस्या कब है। 23 अगस्त दिन शनिवार को मनाई जाएगी।
अमावस्या तिथि आरम्भ होगी : 22 अगस्त 2025 को दोपहर 11 बजकर 58 मिनट पर
अमावस्या तिथि समाप्त होगी – 23 अक्टूबर 2025 को दोपहर 11 बजकर 38 मिनट पर

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