Chaitra Navratri 2026: कब है चैत्र नवरात्रि 2026 में, नोट करले डेट टाइम, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि

Chaitra Navratri 2026: हिन्दू धर्म में चैत्र मास का विशेष महत्व माना जाता है। क्योंकि यह माह हिंदी पंचांग के अनुसार साल का पहला महीना होता है। इस महीने में ही चैत्र नवरात्रि का पर्व भी मनाया जाता है। इन 9 दिनों में माता दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा आराधना की जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार नवरात्रि के समय में माता दुर्गा धरती लोक पर आती है। और अपने भक्तों की सारी मनोकामना पूरी करती है। हिंदी पंचांग के अनुसार चेैत्र मास की शुक्लपक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैंत्र नवरात्रि प्रारम्भ हो जाती है। चैत्र नवरात्रि के पहले दिन ही व्रती कलश स्थापना करते है और माता शैत्रपुत्री की पूजा-अर्चना करते हैं। इसके बाद अष्टमी और नवमी तिथि के दिन कन्या पूजन करने के बाद व्रत का पारण करते है। वैसे तो साल में कुल चार नवरात्रि पड़ती है। लेकिन शारदीय नवरात्रि और चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व होता है।

साल 2026 में चैत्र नवरात्रि 18 मार्च से शुरू हो रही है। धार्मिक मान्यता के अनुसार प्रत्येक नवरात्रि पर माता दुर्गा धरती पर अलग-अलग वाहनों (सवारी) से आती हैं। जिसका भी विशेष महत्व माना जाता है। मान्यता है कि इस बार माता दुर्गा हाथी पर सवार होकर धरती पर आएगी। ऐसी मान्यता है कि माता रानी का हाथी पर आना शुभ माना जाता है और यह अधिक वर्षा और समृदि का सूवक है। इसलिए चैत्र नवरात्रि पर माता दुर्गा की पूजा अर्चना करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। और माता दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है। अब आइये जानते है साल 2026 में चैत्र नवरात्रि कब से शुरू होगी और कब समाप्त होगी, जानिए कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि

चैत्र नवरात्रि पूजा विधि

Chaitra Navratri 2026 Shubh Muhurat: साल 2026 में चेैत्र मास की शुक्लपक्ष की प्रतिपदा तिथि शुरू होगी 18 मार्च 2026 को शाम 07 बजकर 23 मिनट पर और शुक्लपक्ष की प्रतिप्रदा तिथि समाप्त होगी 19 मार्च 2026 को शाम 05 बजकर 22 मिनट पर इस तिथि के अनुसार चैत्र नवरात्रि 19 मार्च दिन गुरुवार को मनाई जाएगी।
सुबह पूजा का शुभ मुहूर्त है 09 बजकर 39 मिनट से लेकर सुबह 09 बजकर 11 मिनट तक रहेगा। और चैत्र नवरात्रि व्रत पारण 27 मार्च 2026 दिन शुक्रवार को किया जायेगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कन्या पूजन करने के बाद ही व्रती को अपने व्रत का पारण करना चाहिए।

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आइए जानते हैं माता दुर्गा के नौ रूप कौन-कौन से हैं और इनकी पूजा कब कब होगी-

1. माँ शैलपुत्री पूजा – 19 मार्च 2026 दिन गुरुवार

2.  माँ ब्रह्मचारिणी पूजा – 20 मार्च 2026 दिन शुक्रवार
3.  माँ चंद्रघण्टा पूजा – 21 मार्च 2026 दिन शनिवार
4.  माँ कूष्मांडा पूजा – 22 मार्च 2026 दिन रविवार
5.  माँ स्कंद माता पूजा – 23 मार्च 2026 दिन सोमवार
6.  माँ कात्यायनी पूजा – 24 मार्च 2026 दिन मंगलवार
7.  माँ कालरात्रि पूजा – 25 मार्च 2026 दिन बुधवार
8.  माँ महागौरी पूजा – 26 मार्च 2026 दिन गुरुवार

नवरात्रि पूजा का पहला दिन

चैत्र नवरात्रि के पहले दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करके व्रत का संकल्प ले और पूजा स्थल को अच्छे से साफ-सफाई करें और लाल रंग के कपड़े पर माता दुर्गा की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करे। इसके बाद माता दुर्गा को लाल चुनरी, लाल पुष्प से सजाएं। इसके बाद माता दुर्गा की मूर्ति के सामने अखंड ज्योति जलाएं। फिर एक कलश में गंगाजल भरकर उसमें कुछ आम के पत्ते डालें। और कलश के ऊपर नारियल को लाल कपड़े
लपेटकर मोली से बांधकर रखदे और इस कलश को मूर्ति के पास रखें। इसके बाद मिट्टी के घड़े में मिट्टी डालकर उसमे जौ के बीज बो दे और इसे पूजा स्थल पर स्थापित करें। फिर माता दुर्गा के समकक्ष धूप जलाएं, शंख बजाएं, और “ऊ ऐं हीं क्लीं चामुंडाये विच्चे” मंत्र का जाप करें। और घंटी बजाकर माता दुर्गा की पूजा करें।

दैनिक पूजा

प्रातः जल्दी उठकर स्नान करें। धी से भरा हुआ दीपक जलाएं और धूप अर्पित करें। और नवरात्रि के प्रत्येक दिन माता दुर्गा रूप के लिए विशेष मंत्रों का जाप और मौसमी ताजे फूल, फल, और शुद्ध धी से बनी मिठाइयों को भोग के रूए में अर्पित करें। और पूजा जे अंत में आरती करें और भक्ति गीतों का पाठ करें। इसके बाद नवमी के दिन पूजा का समापन करके कन्या पूजन करे पूजा के बाद प्रसाद ग्रहण करें।

अखंड ज्योति

यदि आप अखंड ज्योत जलाते हैं, तो इसे निरंतर जलते रहना चाहिए। समय-समय पर इसमें घी डालते रहें ताकि यह बुझने न पाए। पुराणों के अनुसार, अखंड ज्योत को घर की नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करने के उद्देश्य से जलाया जाता है।

नवरात्री पूजा मंत्र

ॐ जयंती मंगला काली भद्र काली कपालिनी । दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते।।
ॐ सर्वमंगलमांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके । शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते ॥

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