Dasha Mata Vrat 2025: कब है 2025 में दशामाता व्रत ? जाने शुभ मुहूर्त, पूजा विधि व व्रत के नियम

दशामाता व्रत का महत्व

Dasha Mata Vrat 2025: मित्रो दशामाता व्रत का हिन्दू धर्म मे विशेष है। दशामाता का यह व्रत हर साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। यह व्रत 10 दिनों तक चलता है। दशामाता को माता पार्वती का ही स्वरूप माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि दशामाता का व्रत करने से घर-परिवार के बिगड़े ग्रहों की दशा और परिस्थितिया में अनुकूल रहती है। और घर परिवार में बरकत होती है। इसलिए इस दिन सभी व्रती महिलाएं दशामाता का व्रत रखती है। और पूरे विधि विधान के साथ दशामाता की पूजा करती है।

ऐसी मान्यता है कि इस दिन सभी व्रती महिलाए दशामाता का व्रत रखकर गले में पूजा का धागा पहनती है। ताकि घर परिवार में सुख-समृद्धि, सुख शांति, सौभाग्य और धन संपत्ति आदि बनी रहे। इस दिन सभी व्रती महिलाएं एक जुट होकर दशामाता और पीपल के वृक्ष की पूजा करती है। और 10 कच्चा डोरा लाकर उसमें 10 गांठ लगती है। और फिर पीपल के पेड़ के साथ-साथ डोरे की भी पूजा करती है। और पूजा करने के बाद पूजन स्थल पर नल दमयंती की कथा सुनती है। इसके बाद इस डोरे को गले में पहनती है। फिर पूजन करने के बाद सभी व्रती महिलाएं अपने अपने घर पर जाकर हल्दी कुमकुम के छापे लगाती है।

मित्रो अब आईये जानते है साल 2025 में दशामाता का व्रत कब है? जानिए सही दिन व तारीख, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, और सम्पूर्ण पूजा सामग्री व व्रत के नियम

दशामाता व्रत की पूजा विधि

Dasha Mata Vrat 2025 Puja Vidhi: मित्रो अब दशामाता की पूजा करने की विधि को भी जान लेते है जो इस प्रकार है।

  • दशामाता की पूजा करने से पहले सभी व्रती महिलाएं घर की अच्छे से साफ-सफाई करके घर का कुरा कचरा बाहर निकाल फेकती है,और जरूरत की चीजें एक दिन पहले ही खरीद लेनी चाहिए।
  • ऐसी मान्यता है कि आज के दिन जैसे झाडू, खरीदने से माता दशा प्रसन्न होती है। फिर स्नान आदि करके दशामाता की पूजा करने की थाली में जैसे –
  • सबसे पहले दशा माता की एक तस्वीर या फिर पीपल के पेड़ की लकड़ी की चोकी, लाल वस्त्र, रोली, मोली, सुपारी, चावल, धुप दीप, फुल माला, फल, हल्दी मेहंदी, काजल सिंदूर, मेवा, बताशे, गुड़ से बनी मीठी रोटी, लापसी, और हलवा पूरी इत्यादि पूजा की थाली में रख ले।
  • फिर पूजा शुरू करे। सबसे पहले भगवान विष्णु स्वरूप पीपल के वृक्ष की पूजा करे। फिर पूजा करने के बाद पीपल के वृक्ष के नीचे बैठकर नल दमयंती की कथा सुने या फिर सुनाए।
  • इसके बाद परिवार की सुख-समृद्धि के लिए भगवान विष्णु और माता पार्वती से कामना करते हुए सभी व्रत महिलाएं पूजा का डोरा गले में बांधती हैं।
  • फिर घर आकर मुख्य दरवाजे के दोनों तरफ हल्दी कुमकुम के छापे लगाती है। फिर घर मे प्रवेश करती है। ऐसा करने से घर मे बरकत आती है। और घर परिवार दशा विगड़ने की वजह सुधरने लगती है।

याद रखे कुछ जरूरी बातें

दशामाता का व्रत 10 दिनों तक चलता है। इस व्रत में केवल एक ही प्रकार का अन्न केवल एक ही समय खाती है वो भी विना नमक के। आप को बतादे की जो भी महिला दशामाता का व्रत एक बार उठा लेती है तो आजीवन इस व्रत को करना होता है। बल्कि इस व्रत का उद्यापन नही होता है।

दशामाता व्रत 2025 शुभ मुहूर्त

Dasha Mata Vrat 2025 Subh Muhurat: मित्रो अब Dasha Mata Vrat 2025 पूजा करने का शुभ मुहूर्त को भी जान लेते है जो इस प्रकार है।

  • अब आप को बतादे की साल 2025 में दशामाता का व्रत 25 मार्च दिन सोमवार को रखा जाएगा।
  • दशमी तिथि शुरू होगी – 24 मार्च 2025 को सुबह 05 बजकर 39 मिनट पर और
  • दशमी तिथि समाप्त होगी – 25 मार्च 2025 को सुबह 05 बजकर 05 मिनट पर

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