Dasha Mata Vrat 2026: 2026 में दशामाता का व्रत कब रखा जाएगा, नोट करले पूजा का डेट, पूजा विधि व महत्व

Dasha Mata Vrat 2026: चैत्र मास के दशमी तिथि के दिन महिलाएं दशामाता की पूजा करती है। इस व्रत को महिलाएं घर की दशा को शुधारने के लिए करती है। मान्यता है जब मनुष्य जी दशा ठिक होती है तो उनके सभी कार्य अनुकूल होते है। और जब मनुष्य के कार्य प्रतिकूल होते है तो मनुष्य को बहुत बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए सभी परेशानियों को दूर करने के लिए इस व्रत को रखा जाता है। दशामाता का व्रत हिन्दू महिलाओं का विशेष पर्व है।

यह पर्व हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि को किया जाता है। मान्यता है कि सुहागिन महिलाएं यह व्रत अपने घर की दशा सुधारने के लिए करती हैं। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार इस दिन महिलाएं व्रत-पूजन करके गले में एक खास डोरा पहनती है। ताकि घर-परिवार में सुख-समृद्धि, शांति, सौभाग्य और अपार धन संपत्ति बनी रहे। आइये जानते है साल 2026 में दशामाता का व्रत कब रखा जाएगा? जानिए पूजा की सही तिथि, पूजा विधि और व्रत के नियम

दशामाता व्रत 2026 कब है

Dasha Mata Vrat 2026 Date Time: 2026 में दशा माता का व्रत चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि को रखा जाएगा जो कि 04 अप्रैल दिन शनिवार को पड़ेगा। दशा माता की पूजा का शुभ मुहूर्त 04 अप्रैल 2026 को सुबह 06 बजकर 29 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 02 मिनट तक रहेगा। दोपहर में पूजा का शुभ मुहूर्त है 11 बजकर 08 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 46 मिनट तक रहेगा इसलिए इस शुभ मुहूर्त में दशामाता की पूजा कर सकते है।

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दशामाता व्रत पूजा विधि

Dasha Mata Vrat 2026 Puja Vidhi: इस दिन महिलाएं दशामाता की पूजा करने के लिए घर के किसी कोने में साफ-सफाई करके एक दीवार पर स्वास्तिक बनाएं। फिर स्वास्तिक के पास 10 बिंदियां बनाएं। पूजा में रोली, मौली , सुपारी, चावल, दीप, नैवेद्य, धुप आदि शामिल करें। इसके अलावा सफेद धागा लें और उसमे गांठ बना लें। फिर उसे हल्दी में रंग लें। इस धागे को दशामाता की बेल कहा जाता है। दशामाता की पूजा के बाद इस धागे को गले में धारण करें। इस धागे को पूरे साल ना उतारें। अगले साल जब दशामाता की पूजा करें तो पुराने धागे को उतारकर नया धागे धारण करें। दशमाता की पूजा विधि विधान से करने पर मनुष्य का बुरा समय दूर हो सकता है तथा दशमाता की कृपा सदैव बनी रहती है। इसके साथ ही घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

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