धूमावती जयंती के महत्व
Dhumavati Jayanti 2025 : मित्रो हिंदी पंचांग के अनुसार हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को धूमावती जयंती मनायी जाती है। ऐसी मान्यता है कि आज के दिन माता पार्वती के विधवा स्वरूप की पूजा अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार माता सती से दस महाविद्याओ की उतपत्ति हुई थी। और इन्हीं में से एक है माता धूमावती। यह सातवीं महाविद्या हैं, इन्हें अलक्ष्मी नाम से भी जाना जाता है।
ऐसी मान्यता है कि जब माता सती से अपने पिता द्वारा कराये गए यज्ञ में भगवान शिवजी का अपमान सहन न कर सकी और अपनी इच्छा से स्वयं को जलाकर भस्म कर दिया था। और जलने के बाद जो शरीर से धुआं निकला उसी से माता धूमावती की उतपत्ति हुई।
आमतौर माता धूमावती की पूजा सभी तांत्रिक तंत्र साधाना, तंत्र विद्या को सिद्ध करने के लिए करते है। इसके अलावा सभी गृहस्थ जीवन वाले भी माता धूमावती के सौम्यरूप की पूजा उपासना करते है। ऐसी मान्यता है की आज के दिन माता धूमावती की पूजा अर्चना करने से संतापों का नाश होता है।
इसके अलावा माता धूमावती की पूजा करने से सभी प्रकार के रोग दोष से मुक्ति मिलती है और दरिद्रता दूर होती है। आईये जानते है साल 2025 में धुमावती जयंती कब पड़ेगी। जानेंगे सही दिन तारीख, पूजा विधि और इस दिन किये जाने वाले उपाय
धूमावती व्रत पूजा विधि
Dhumavati Jayanti 2025 Puja Vidhi : मित्रो अब पूजा विधि को भी जान लेते है। जो इस प्रकार है।
- धूमावती जयंती के दिन सुबह जल्दी उठकर नित्य क्रिया से निपटकर स्नान आदि करले इसके बाद पूजा स्थल को साफ सुथरा करके गाय के गोबर से पूजा स्थल को लीप पोतकर आटे से चौक बनाले।
- इसके बाद पूजा स्थल पर माता धूमावती की मूर्ति या फ़ोटो को स्थापित करे। इसके बाद माता धूमावती को जल पुष्प, आक का फूल, सफेद वस्त्र, केसर, अक्षत, घी, सफेद तिल, धतूरा, जौ, सुपारी, दूर्वा, गंगाजल, शहद, कपूर, चंदन,नारियल और पंचमेवा आदि अर्पित करें।
- इसके बाद ‘ॐ धूं धूं धूमावती स्वाहा’ मंत्र का रुद्राक्ष की माला से जाप करें। इसके बाद माता धूमावती की कथा पढ़े या कथा सुने।
धूमावती जयंती पर क्या करे क्या नही
Dhumavati Jayanti 2025 Kya Karen Kya Nahi : मित्रो माता धूमावती को प्रसन्न करने के लिए यह खास उपाय जरूर करे।
- माता धूमावती को प्रसन्न करने के लिए नमकीन युक्त भोजन जैसे कचौड़ी या पकौड़े या सुखी रोटी में नमक लगाकर माता को अर्पित करने से माता धूमावती अति प्रसन्न होती है।
- ऐसी मान्यता है कि काले तिल को काले वस्त्र में बांधकर मांता धूमावती को चढ़ाने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। और माता धूमावती अपने भक्तों के सभी कष्टों को दूर करती है।
- ऐसी मान्यता है कि माता धूमावती का केवल दर्शन करने मात्र से ही संतान और पति की रक्षा होती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार आज धूमावती जयंती के दिन सुहागिन महिलाएं माता धूमावती का पूजन नही करती है।
- क्योकि माता धूमावती एक विधवा के रूप में होती है। इसलिए सभी सुहागिन महिलाएं मंदिर में न जाकर दूर से ही मांता के दर्शन करती हैं।
- धार्मिक मान्यता है कि इस मंत्र ॐ धूं धूं धुमावत्यै फट या धू धू धूमावती ठः ठः मंत्र का 108 बार राई में नमक मिलाकर हवन आदि करके आहुति देने से शत्रुओं का नाश होता है।
- तो वहीं नीम की पत्तिया और घी का हवन करने से कर्ज से मुक्ति मिलती है। दरिद्रता कोसो दूर भागती है।
- भाग्य को जगाने के लिए धूमावती जयंती के दिन रक्त चंदन घिसकर शहद मिलाएं और इसमें जौ मिलाकर हवन करें।
- तो वही कानूनी झंझटों से छुटकारा पाना चाहते है तो काली मिर्च से हवन करें।
मित्रो अब आप को बतादे की साल 2025 में धूमावती जयंती 03 जून दिन मंगलवार को मनाई जाएगी।