फाल्गुन अमावस्या का महत्व
falgun Amavasya 2025: फाल्गुन अमावस्या का हिन्दू धर्म मे विशेष महत्व है। यह अमावस्या भगवान विष्णु और पितरो के लिए समर्पित होती है। फाल्गुन अमावस्या के दिन पूजा-पाठ गंगा में स्नान और दान करने से मनुष्य को मनोवांछित फलो की प्राप्ति होती है और पितृ अति प्रसन्न होते हैं। यह अमावस्या हिंदी पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष फाल्गुन मास के कृष्णपक्ष में आने वाली अमावस्या को फाल्गुन अमावस्या कहते हैं। यह अमावस्या सुख, संपत्ति और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए विशेष फलदायी मानी जाती है।
ऐसी मान्यता है कि फाल्गुन अमावस्या का व्रत रखने से जीवन में सुख और शांति की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण व श्राद्ध भी किया जाता है। यदि अमावस्या तिथि सोमवार, मंगलवार, गुरुवार या फिर शनिवार के दिन पड़ती है तो यह सूर्यग्रहण से भी अधिक फल देने वाली मानी जाती है। फाल्गुन मास की अमावस्या तिथि के दिन भगवान भोलेनाथ, हनुमानजी, भगवान विष्णु और भगवान शनिदेव और भगवान अग्नि देव के साथ-साथ ब्राम्हणों की पूजा करके उन्हें उड़द, दही और पूरी का भोग लगाना चाहिए। और इसे प्रसाद रूप में वितरित करके स्वयं भी ग्रहण करना चाहिए।
आईये जानते है साल 2025 में फाल्गुन अमावस्या कब है? 27 या 28 फरवरी, जानिए दिन व तारीख, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन क्या करना चाहिए और क्या नही करना चाहिए?
फाल्गुन अमावस्या पूजा विधि
Phalguna Amavasya 2025 Puja Vidhi: फाल्गुन अमावस्या के दिन व्रती सुबह जल्दी उठकर भगवान विष्णु का ध्यान करे इसके बाद किसी भी पवित्र नदी या सरवोर में स्नान आदि करके साफ, शुद्ध या नये वस्त्र धारण करे फिर सूर्य देव को जल का अर्घ दे। और घर के मंदिर को अच्छे से साफ सफाई करके भगवान विष्णु के समक्ष घी का दीपक प्रज्वलित करें। अगर उपवास रख सकते हैं तो इस दिन उपवास जरूर रखें।और इस दिन पितरों के निमित्त तर्पण और दान करें।और इस पावन दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें। और बहते हुए जल में तिल प्रवाहित करे।
फाल्गुन अमावस्या का महत्व
धार्मिक मान्यता है कि फाल्गुन अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में सभी देवी-देवताओं का निवास होता है। इसलिए इस दिन गंगा, यमुना और सरस्वती में स्नान का विशेष महत्व बतलाया गया है। यदि फाल्गुन अमावस्या सोमवार के दिन हो तो इस दिन महाकुम्भ स्नान का योग भी बनता है जो अनंत फलदायी होता है।
फाल्गुन अमावस्या के दिन क्या नही करना चाहिए
▪️धार्मिक मान्यता के अनुसार फाल्गुन अमावस्या के दिन तामसिक भोजन जैसे – मांस, मछली, अंडा, लहसुन और प्याज का सेवन भूलकर भी नही करना चाहिए। इसके अलावा सुबह देर तक नही सोना चाहिए।
▪️फाल्गुन अमावस्या के दिन भूलकर भी किसी से रुपया-पैसा नाही लेना चाहिए और नाही किसी को देना चाहिए असुभ माना जाता है।
▪️फाल्गुन अमावस्या के दिन किसी भी सुन शान जगहों पर नही जाना चाहिए आप के ऊपर नकारात्मक शक्तियां हावी हो सकती है।
▪️फाल्गुन अमावस्या के दिन ना तो किसी दूसरे के घर पर खाना चाहिए और नाही किसी को अपने घर पर खाना खिलाना चाहिए।
▪️फाल्गुन अमावस्या में दिन भूलकर भी बाल नही धोना चाहिए ऐसा करना अशुभ माना जाता है हर जीवन मे अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
फाल्गुन अमावस्या के दिन क्या करना चाहिए
▪️फाल्गुन अमावस्या के दिन किसी नदी, तालाब, जलाशय, कुआ, कुंड आदि में स्नान करें और भगवान सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद पितरों का तर्पण करें। और पितरों की आत्मा की शांति के लिए उपवास करें और किसी गरीब व्यक्ति को दान-दक्षिणा दें।
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▪️फाल्गुन अमावस्या के दिन शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे सरसो के तेल का दीपक लगाएं और अपने पितरों को स्मरण करें। और पीपल की सात बार परिक्रमा करे। इसके बाद भगवान भोलेनाथ, हनुमानजी, भगवान विष्णुजी, और भगवान शनिदेव ,अग्नि और ब्राह्मणों का पूजन करके उन्हें उड़द, दही और पूरी आदि का नैवेद्य अर्पण करें।
▪️फाल्गुन अमावस्या के दिन किसी भी शिव मंदिर में जाकर गाय के कच्चे दूध, दही, शहद से भगवान शिवजी का अभिषेक करें और उन्हें काले तिल अर्पित करें। ऐसा करने से भगवान शुव अति प्रसन्न होते हैं। और अपने भक्ति की सभी मनोकामना पूरी करते है।
फाल्गुन अमावस्या 2025 पूजा शुभ मुहूर्त
Phalgun Amavasya 2025 Date Time: अब आप को बतादे की साल 2025 में फाल्गुन अमावस्या 27 फरवरी दिन गुरुवार को मनाई जाएगी।
अमावस्या तिथि आरम्भ होगी – 27 फरवरी 2025 को सुबह 08 बजकर 57 मिनट पर
अमावस्या तिथि समाप्त होगी – 28 फरवरी 2025 को सुबह 06 बजकर 16 मिनट पर