Gangaur Mata Ki Aarti: हिन्दू धर्म मे गणगौर का बड़ा महत्व है। यह पर्व हर वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव जी और माता पार्वती की पूजा की जाती है। इस दिन विवाहित स्त्रियां सुख और सौभाग्य में वृद्धि एवं पति की लंबी आयु के लिए गणगौर व्रत करती हैं। मान्यता है इस व्रत के पुण्य प्रताप से व्रती की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इसलिए सभी व्रती महिलाये पूरे निष्ठा से चैत्र नवरात्र के तीसरे दिन शिव परिवार की पूजा करती हैं। इसलिए जो लोग इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा पाना चाहती है तो गणगौर व्रत के दिन पूजा करते समय शिव चालीसा का पाठ और आरती जरूर करना चाहिए।
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गौरी माता की आरती Gauri Mata Ki Aarti
जय पार्वती माता जय पार्वती माता !
ब्रह्म सनातन देवी शुभ फल कदा दाता !!
जय पार्वती माता जय पार्वती माता !
अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राता !!
जग जीवन जगदम्बा हरिहर गुण गाता !
जय पार्वती माता जय पार्वती माता !!
सिंह को वाहन साजे कुंडल है साथा !
देव वधु जहं गावत नृत्य कर ताथा !!
जय पार्वती माता जय पार्वती माता !
सतयुग शील सुसुन्दर नाम सती कहलाता !!
हेमांचल घर जन्मी सखियन रंगराता !
जय पार्वती माता जय पार्वती माता !!
शुम्भ निशुम्भ विदारे हेमांचल स्याता !
सहस भुजा तनु धरिके चक्र लियो हाथा !!
जय पार्वती माता जय पार्वती माता !
सृष्टि रूप तुही जननी शिव संग रंगराता !!
नंदी भृंगी बीन लाही सारा मदमाता !
जय पार्वती माता जय पार्वती माता !!
देवन अरज करत हम चित को लाता !
गावत दे दे ताली मन में रंगराता !!
जय पार्वती माता जय पार्वती माता !
श्री प्रताप आरती मैया की जो कोई गाता !!
सदा सुखी रहता सुख संपति पाता !
जय पार्वती माता मैया जय पार्वती माता !!