Gopa Ashtami 2024: कब है गोपा अष्टमी, जाने शुभ मुहूर्त, पूजा विधि व भोग

गोपाष्टमी का महत्व

Gopa Ashtami 2024: हिन्दू धर्म में गोपाष्टमी व्रत का विशेष महत्व है। इस दिन गौ माता और उनके बछड़ों को सजाया जाता है और उनकी पूजा की जाती है। गोपा अष्टमी हर वर्ष कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। यह पर्व मुख्य रूप से मथुरा, वृंदावन, समेत ब्रज क्षेत्रों का प्रसिद्ध त्योहार है. ऐसी मान्यता है कि गौ माता का पूजन करने से सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसलिए इस दिन गायों की पूजा करना बहुत शुभ और फलदायी होता है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

पैराणिक कथा के अनुसार भगवान श्री कृष्ण ने सभी ब्रजवासियों को इंद्र के क्रोध से बचाने के लिए गोवर्धन पूजा के दिन अपनी छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठा लिया था जिसके नीचे सभी ब्रजवासियों ने बाढ़ से बचने के लिए शरण ली थी, ब्रज क्षेत्र में सात दिनों की निरंतर बाढ़ के बाद भगवान इंद्र का क्रोध शांत हुआ और उन्होंने गोपाष्टमी के दिन ही अपनी हार स्वीकार की थी।इसलिए गोपाष्टमी का त्योहार पूरे ब्रज क्षेत्र में बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है।

आईये जानते है साल 2024 में गोपाष्टमी कब है? जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, और इस दिन किये जाने वाले उपाय

गोपाष्टमी पूजा विधि

Gopa Ashtami 2024 Puja Vidhi: गोपाष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर नित्य क्रिया से निपटकर नहा धोकर साफ या नये कपड़े पहनकर व्रत का संकल्प ले और मंदिर की साफ सफाई करे।

इसके बाद मंदिर में गाय माता की बछड़े के साथ एक तस्वीर लगाएं और घी का दीपक जलाएं। इसके बाद फूल अर्पित करें।

और इस दिन गाय को अपने हाथों से हरा चारा खिलाकर गौमाता का चरण स्पर्श करना करे। अगर आपको अपने घर के आसपास गाय ना मिले तो गौशाला में जाकर गाय की सेवा करे।

और पूजा के लिए सबसे पहले गाय को स्नान कराएं और रोली-चंदन से उनका तिलक करें। फिर उन्हें फूल चढ़ाएं और भोग लगाएं।

इस दिन गाय को चारे के साथ ही गुड़ का भोग लगाएं। ऐसी मान्यता है कि यदि गोपाअष्टमी के दिन गाय माता को गुड़ खिलाने से सूर्य दोष से मुक्ति मिलती है।

गोपाष्टमी के दिन जरूर करे ये काम

ऐसी मान्यता है कि गोपाष्टमी व्रत के दिन गाय माता की पूजन करने से भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त होती है। और गोपाष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर गाय माता को शुद्ध जल से स्नान कराकर फूल-माला और नये वस्त्र पहनाकर रोली-चंदन का तिलक लगाने से। गौ माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

ऐसी मान्यता है कि गोपाष्टमी के दिन गौमाता को फल, मिठाई, आटे व गुड़ की भेली, पकवान आदि बनाकर खिलाने से और धूप-दीप जलाकर आरती करने से भगवान श्रीकृष्ण और गौमाता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। और सुख सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

गोपाष्टमी व्रत कथा

एक कथा के अनुसार- एकबार भगवान श्रीकृष्ण ने सभी ब्रजवासियों को भगवान इंद्र को दी जाने वाली वार्षिक भेंट को बंद करने का सुझाव दिया था। जिस पर भगवान इंद्र नाराज हो गए और क्रोध में आकर सभी ब्रज क्षेतो में 7 दिनो तक भारी बारिश शुरू कर दी जिसमें सबकुछ बहने लगा।

इसलिए इंद्र देव के क्रोध से बचाने के लिए गोवर्धन पूजा के दिन अपनी कनिष्ठा उंगली पर भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठाया था। जिसके नीचे सभी ब्रजवासियों ने बाढ़ से बचने के लिए शरण ली थी।

सात दिनों की निरंतर बारिस के बाद भगवान इंद्र का क्रोध शांत हुआ और उन्होंने गोपाष्टमी के दिन ही अपनी हार स्वीकार की थी। तभी से गोपा अष्टमी का पर्व मनाया जाने लगा।

गोपाष्टमी 2024 पूजा शुभ मुहूर्त

Gopa Ashtami 2024 Date And Time: अब आप को बतादे की साल 2024 में गोपाष्टमी 9 नवम्बर दिन शनिवार को मनाई जाएगी।

अष्टमी तिथि प्रारम्भ होगी – 08 नवम्बर 2024 को रात्रि 11 बजकर 56 PM मिनट पर
अष्टमी तिथि समाप्त होगी – 9 नवम्बर 2024 को रात्रि 10 बजकर 45 PM मिनट पर

Leave a Comment

error: Content is protected !!