Govardhan Maharaj Ki Aarti: गोवर्धन पूजा दीवाली से ठीक दो दिन बाद मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाकर सभी ब्रजवासियों को भगवान इंद्र देव के प्रकोप से बचाया था। इसलिए इस गोवर्धन पूजा में गोवर्धन महाराज की आरती की जाती है। गोवर्धन महाराज की हर रोज आरती करने से जीवन के सभी संकट दूर होते हैं और घर में सुख शांति और समृद्धि बनी रहती है।
श्री गोवर्धन महाराज की आरती
श्री गोवर्धन महाराज, महाराज !
तेरे माथे मुकुट बिराज रहयो !!
तोपै पान चढे, तोपै फूल चढे !
और चढे दूध की धार, हाँ धार !!
तेरे माथे मुकुट बिराज रहयो
तेरे कानन कुण्डल सोह्र रहे !
तेरी ठोड़ी पै हीरालाल, हाँ लाल !!
तेरे माथे मुकुट विराज रहयो
तेरे गले में कण्ठा विराज रहयो !
तेरी झाँकी बनी विशाल, हाँ विशाल !!
तेरे माथे मुकुट विराज रहयो
तेरी सात कोस को परिक्रमा !
चकलेश्वर है विश्राम, हाँ विश्राम !!
तेरे माथे मुकुट विराज रहयो।
!! बोलो गिरिराज बाबा की जय !!
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