हलषष्ठी व्रत का महत्व
Hal Shashti Vrat 2024: मित्रो हिंदी पंचांग के अनुसार हर वर्ष भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष की षष्ठी तिथि के दिन हलषष्ठी का पर्व मनाया जाता है। यह व्रत भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम जी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। हलषष्ठी व्रत को ललही छट, हरछठ, हलछठ, पिन्नी छठ, या खमर छठ आदि नामो से भी जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि हलषष्ठी व्रत के दिन सभी व्रती विवाहित महिलाएं अपनी संतान की दीर्घायु और उनकी कुशलता की कामना के लिए व्रत रखती हैं। और इस व्रत में दूध,घी,सूखे मेवे, लाल चावल आदि का सेवन किया जाता है। लेकिन इस दिन गाय का दूध व दही का सेवन नहीं करना चाहिए।
आईये जानते है साल 2024 में हलषष्ठी व्रत कब है? पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि क्या है। और इस व्रत के दौरान क्या कहना चाहिए क्या नही?
हलषष्ठी व्रत 2024 पूजा विधि
Hal Shashti Vrat 2024 Puja Vidhi: मित्रो अब हलषष्ठी व्रत पूजा करने की विधि को भी जान लेते है। जो इस प्रकार है।
- हलषष्ठी व्रत के दिन सभी व्रती महिलाएं सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करके व्रत का संकल्प लेती हैं।
- इसके बाद घर या बाहर कहीं भी दीवार पर भैंस के गोबर से छठ माता का चित्र बनाती हैं।
- फिर भगवान गणेश और माता पार्वती की पूजा की पूजा करके। छठ माता की पूजा करती है।
- इस पूजा में महिलाएं घर में ही गोबर से तालाब बनाकर,उसमें झरबेरी, पलाश और कांसी के पेड़ लगाती हैं।
- और वहां पर बैठकर पूजा अर्चना करती हैं। और हलषष्ठी व्रत की कथा सुनती हैं।
हलषष्ठी व्रत में क्या खाएं
- हलषष्ठी व्रत के दिन सभी व्रती महिलाओ को हल पूजा जरूर करनी चाहिए।
- हलषष्ठी व्रत के दीन पुरुष या महिलाओ को गाय का दूध व दही का सेवन नही करना चाहिये।
- हलषष्ठी व्रत के दिन सभी व्रती महिलाये पूरे दिन निर्जला व्रत रखते हुए शाम को पसही का चावल या महुए का लाटा खाकर व्रत का पारण करती है।
हलषष्ठी व्रत में क्या करे और क्या नही
- हलषष्ठी व्रत में गाय के दूध से बनी कोई भी चीन न तो बनानी चाहिए और नाही खानी चाहिए। बल्कि इस दिन भैस का दूज खाना चाहिए।
- हलषष्ठी व्रत के दिन हल का प्रयोग नही करना चाहिए। और नाही हल से जोतकर उगाई गयी कोई फसल नही खानी चाहिए। क्योंकि हल बलराम जी मुख्य सत्र है इसलिए इसलिए आज के दीन हल की पूजा करना चाहिए।
- हलषष्ठी व्रत के व्रती को महुआ की दातुन करना चाहिए
- हलषष्ठी व्रत के दिन महुआ पसही का चावल और भैस के दूध से बनाया गया पदार्थ को खाकर व्रत का पारण करना चाहिए।
- हलषष्ठी व्रत के दिन व्रती सतगजरा तेल, चूड़ी, काजल, लकड़ी की ककई, बांस की टुकनिया, आईना छोटी-छोटी डबली, नारियल, केला, ककड़ी आदि का दान जरूर करना चाहिए। जो लोग ऐसा करते है उनपर बलराम जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- हलषष्ठी व्रत के दिन व्रती तामसिक भोजन जैसे मांस, मछली, अंडा और प्याज लहसुन से दूर रहना चाहिए।
- हलषष्ठी व्रत के दिन व्रती को भूलकर भी किसी के साथ झूट ना बोले और नाही किसी का अपमान करे।
- हलषष्ठी व्रत के दिन व्रती को बच्चों और जानवरों का खास ध्यान रखना चाहिए। और उनको खाने के लिए उनकी मनपसंद चीजें जरूर देनी चाहिए। जो लोग इन बातों का ख्याल रखते है। उनपर भगवान श्रीकृष्ण और बलराम जी का आर्शीवाद मिलता है।
Hal Shashti Vrat 2024 Date Time: मित्रो अब हलषष्ठी व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त को भी जान लेते है जो इस प्रकार है।
- अब आप को बतादे की साल 2024 में हलषष्ठी व्रत 24 अगस्त दिन शनिवार को मनाई जाएगी।
- षष्ठी तिथि शुरू – 24 अगस्त 2024 को सुबह 07 बजकर 51 मिनट पर
- षष्ठी तिथि ख़त्म – 25 अगस्त 2024 को सुबह 05 बजकर 30 मिनट पर
- चंद्रोदय का समय है – रात 09 बजकर 54 मिनट पर