Kabir Das Jayanti 2025: कब है कबीरदास जयंती 2025 में, जाने पूजा शुभ मुहूर्त, और संक्षिप्त जीवन परिचय

कबीर दास जयंती के महत्व

Kabir Das Jayanti 2025: हिंदी पंचांग के अनुसार हर वर्ष ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि को संत कबीर दास जी की जयंती लगभग सम्पूर्ण भारत वर्ष मनाई जाती है। संत कबीर दास जी का जन्म वाराणसी में संवत्‌ लगभग 1455 ईसवी में ज्येष्ठ मास की पुर्णिमा तिथि को ब्रम्हमुहूर्त में हुआ था। कबीर दास जी ने समाज मे रहते हुए अपने दोहे के माध्यम से जन जागरण की अलख जगाने की कोशिश की समाज से पाखंड को हटाना, और समाज सुधार के लिए अपनी तरफ से पूरी कोशश की थी। इसलिए इन्हें समाज सुधारक के रूप में भी जाना जाता है। कबीर दास जी ने सुखी और सफल जीवन के लिए कुछ अनमोल बिचार अपने दोहे के माध्यम से इंसान के जीवन की नई प्रेरणा देते थे।

कबीर दास जी ने अपने उपदेशों में हमेशा प्रेम, सहिष्णुता और भाईचारे पर बल दिया। उन्होंने जाति-पाति और ऊंच-नीच के भेदभाव को गलत बताया।
भक्तिकाल के प्रमुख कवि संत कबीरदास न सिर्फ एक संत थे। बल्कि वे एक विचारक और समाज सुधारक भी थे। समाज की दोष को खत्म करने के लिए उन्होंने अपने पूरे जीवन में कई दोहे और कविताओं की रचना की और अपने साहित्य लेखन के जरिए उन्होंने आजीवन समाज में फैले अंधविश्वास और आडंबरों की न सिर्फ निंदा की बल्कि अपने दोहों के माध्यम से जीवन को सही ढंग से जीने की सीख हमें दी।

आइए जानते है साल 2025 में संत कबीर दास जयंती कब है ? 10 या 11 जून, जानिए सही तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त और इनका संक्षिप्त जीवन परिचय के बारे में

कबीर दास जयंती के दिन क्या करना चाहिए

▪️कबीर दास जयंती के दिन जीवन मे सुख-शांति पाना चाहते है तो कभी भी अपनी योग्यता का घमंड नही करना चाहिए। वरना आप की योग्यता समाप्त हो जाएगी।

▪️कबीर दास जयंती के दिन घर परिवार में बाद विवाद नही करना चाहिए। और पति पत्नी को धैर्य, सैयम से रहना चाहिए। एक दूसरे की पूरी बात समझे के बाद ही उत्तर देना चाहिए। अगर इस बात का ध्यान रखोगे तो वैवाहिक जीवन में सुख-शांति आएगी।

कबीर दास के अनमोल वचन

▪️बड़ा भया तो क्या हुआ, जैसे पेड़ खजूर। पंथी को छाया नहीं, फल लागे अति दूर।।

▪️पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय। ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय।।

▪️धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय। माली सींचे सौ घड़ा, ॠतु आए फल होय।।

▪️माला फेरत जुग भया, फिरा न मन का फेर। कर का मनका डार दे, मन का मनका फेर।।

▪️दुःख में सुमिरन सब करे, सुख में करे न कोय। जो सुख में सुमिरन करे, तो दुःख काहे को होय॥

▪️काल करे सो आज कर, आज करे सो अब। पल में परलय होएगी, बहुरि करेगा कब॥

कबीर दास जयंती 2025 पूजा मुहूर्त

Kabir Das Jayanti 2025 Date Time: अब आप को बतादे की साल 2025 में संत कबीरदास जी की जयंती 11 जून दिन बुधवार को मनाई जाएगी।

पूर्णिमा तिथि शुरू होगी : 10 जून 2025 को दोपहर 11 बजकर 35 मिनट पर
पूर्णिमा तिथि समाप्त होगी : 11 जून 2025 को दोपहर 01 बजकर 15 मिनट पर

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