Kalki Jayanti 2024: कब है कल्कि जयंती, जाने पूजा शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और पूजा महत्व

कल्कि जयंती के महत्व

Kalki Jayanti 2024: हिन्दू धर्म मे कल्कि जयंती का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु के दसवें अवतार भगवान कल्कि के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान कल्कि की पूजा अर्चना की जाती है। कल्कि पुराण में बतलाया गया है कि जब कलयुग में पाप अपनी चरम सिमा पर पहुच जाएगा तब कलयुग का अंतिम चरण होगा। तब भगवान विष्णु के 10 वे अवतार कल्कि का जन्म होगा।

हिंदी पंचांग के अनुसार कल्कि जयंती हर वर्ष श्रावण मास के शुक्लपक्ष की षष्ठी तिथि को भगवान विष्णु के कल्कि अवतार के रुप में मनाया जाता है। श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को पूरे देश भर में बड़े ही हर्सोल्लास के साथ कल्कि जयंती मनाई जाती है। ऐसी मान्यता है कल्कि भगवान विष्णु के दसवें अवतार हैं।

ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु के सभी 10 अवतारों में से 9 पहले ही अवतरित हो चुके हैं। और केवल दसवें यानी अंतिम अवतार भगवान कल्कि का होना अभी बाकी है। मान्यता है कि कलयुग में हो रहे सभी बुरे कर्मों को खत्म करने के लिए और कलयुग का अंत करने के लिए एक बार फिर भगवान विष्णु को कल्कि रूप में आने की उम्मीद है।

इसलिए आज के दिन पूरी दुनिया भर में उनके आगमन की उम्मीद करने और आनंद लेने के लिए यह पर्व देशभर में कल्कि जयंती के रूप में मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि कल्कि जयंती के दिन सभी भक्तगण मोक्ष की प्राप्ति के लिए भगवान विष्णु की पूजा और उपवास रखते हैं। उन्हें ऐसा लगता है कि सृष्टि का कभी भी अंत हो सकता है। इसलिए जाने अनजाने में अपने द्वारा किये गये अपराधों के लिए क्षमा याचना करते हैं।

आईये जानते साल 2024 में कल्कि जयंती कब है? जाने पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और कल्कि जयंती का महत्व क्या है ?

कल्कि जयंती पूजा विधि

Kalki Jayanti 2024 Puja Vidhi: कल्कि जयंती के दिन व्रती सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्य क्रिया से निपट कर स्नान आदि करले। इसके बाद भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत और पूजा का संकल्प लें।

इसके बाद घर के पूजा मंदिर में भगवान विष्णु को गंगाजल और पंचामृत से स्नान कराएं। फिर भगवान विष्णु को धूप-दीप जलाएं।

और फिर भगवान विष्णु की पूजा में पिले फूल, पीले चंदन, पान, सुपारी, लौंग, इलायती, तुलसी के पत्ते, फल और मिठाई आदि अर्पित करें।

इसके बाद विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें। इसके बाद भगवान विष्णु के मंत्रों का करें। और पूजन के अंत में भगवान विष्णु की आरती करें। और अगले दिन सुबह स्नान-दान करने के बाद व्रत का पारण करें। जो लोग व्रत नहीं कर सकते वे लोग सिर्फ भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करें। और फिर इन मन्त्रो ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णु प्रचोदयात् श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे हे नाथ नारायण वासुदेव का जाप करे।

कल्कि जयंती 2024 पूज मुहूर्त

Kalki Jayanti 2024 Date Time: अब आप को बतादे की साल 2024 में कल्कि जयंती 10 अगस्त दिन शनिवार को मनाई जाएगी।

कल्कि जयन्ती पूजा का शुभ मुहूर्त – 10 अगस्त 2024 को शाम 04 बजकर 09 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 47 मिनट तक रहेगा।
पूजा की कुल अवधि है – 02 घण्टे 38 मिनट

सावन षष्ठी तिथि प्रारम्भ – 10 अगस्त 2024 को सुबह 03 बजकर मिनट पर
सावन षष्ठी तिथि समाप्त – 11 अगस्त 2024 को सुबह 05 बजकर 44 मिनट पर

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