Kartik Purnima 2025: हिन्दू धर्म मे कार्तिक पुर्णिमा का विशेष महत्व बतलाया गया है। यह पर्व हिंदी पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली पूर्णिमा तिथि को कार्तिक पूर्णिमा कहा जाता हैं। धर्म ग्रन्थों की माने तो कार्तिक पूर्णिमा के दिन संध्या के समय भगवान विष्णु का मत्स्यावतार हुआ था। इसलिए कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा में स्नान, दीपदान, होम यज्ञ और सभी देवी देवताओं की पूजा उपासना करने का विशेष दिन होता है। ऐसी मान्यता है की कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही भगवान शिव जी ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का बध किया था, इसलिए इसे ‘त्रिपुरी पूर्णिमा’ के नाम से भी जाना जाता हैं। ऐसी मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही माता तुलसी का बैकुंठ में आगमन हुआ था। इसलिए कार्तिक पूर्णिमा के दिन माता तुलसी की पूजा का खास महत्व है। और कार्तिक पूर्णिमा के दिन सभी देवी देवता धरती पर आके गंगा स्नान करते है इसलिए ऐसे देव दिवाली भी कहा जाता है।
आईये जानते है साल 2025 Mein Kartik Purnima Kab Hai ? जानिए स्नान दान का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, चंद्रोदय का समय और इस दिन किये जाने वाले उपाय –
कार्तिक पूर्णिमा पूजा विधि (Kartik Puja Puja Vidhi 2025)
कार्तिक पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर नित्य क्रिया से निपकर स्नान कर लें। इसके बाद साफ व शुद्ध कपड़े पहनकर व्रत का संकल्प लें। इसके बाद घर के मंदिर की अच्छे से साफ सफाई करके एक लकड़ी की चौकी पर भगवान विष्णु की मूर्ति या फ़ोटो स्थापित करे और उनके समक्ष धूप, दीप रोली, चंदन आदि से उनकी पूजा करे। इसके बाद भगवान विष्णु माता लक्ष्मी के साथ साथ सभी देवी-देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें। और चंद्रमा निकलने के बाद जल का अर्घ देने के बाद पूजा समाप्त करे।
कार्तिक पर्णिमा का महत्व (Kartik Purnima Mahatva)
शास्त्रो के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा बहुत खास मानी जाती है क्योकि कार्तिक मास का महीना सभी देवी देवताओं को एक साथ प्रसन्न करके उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है। धार्मिक मान्यता है की कार्तिक मास में भगवान विष्णु का जल में वास होता है। इसलिए कार्तिक मास की पर्णिमा तिथि के दिन किसी पवित्र नदी, सरोवर, कुंड, तालाब, व कुएं पर स्नान करने से हमारे सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली का पर्व भी मनाया जाता है।
कार्तिक पूर्णिमा 2025 उपाय ( Kartik Purnima Upay )
▪️ऐसी मान्यता है कि कार्तिक पर्णिमा के दिन किसी भी पवित्र नदी में स्नान करने के बाद भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार रूप को तुलसी दल चढ़ाना शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन जो भी यमुना जी में स्नान करके राधा-कृष्ण का पूजन करके नदियों में दीपदान करते है उनको भगवान विष्णु सहित सभी देवी देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
▪️ऐसी मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन जो भी लोग नदियों में स्नान करके दीपदान करते है। और किसी भी जरूरत मन्द को जूते-चप्पल, और गर्म कपड़े के साथ चावल का दान करते है उनके घर धन की कमी नही होगी।
▪️ऐसी मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन पीपल के पेड़ में जल और दूध चढाने के बाद शुद्ध घी का दीपक जलाने से माता लक्ष्मी की कृपा परिवार के ऊपर सदा बनी रहती है।
▪️कार्तिक पूर्णिमा के दिन शाम के समय तुलसी के समक्ष घी का दीपक जलाकर उनकी पूजा करके चंद्रमा का दर्शन करने के बाद गंगाजल मिले जल में चावल डालकर अर्घ देने से सारे कष्ट दूर हो जाते है।
▪️कार्तिक पूर्णिमा के दिन पास के किसी भी शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर कच्वा दूध, शहद व गंगाजल आदि अर्पित करने से भगवान शिव अति प्रसन्न होते है।
▪️ कार्तिक पूर्णिमा की रात्रि में स्नान आदि करके गाय, हाथी, घोड़ा, रथ और घी आदि का दान करने से संपत्ति बढ़ती है। ऐसी मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन भेड़ का दान करने से ग्रह दोष दूर होता है और समस्त कष्टों का नाश होता है। और जो लोग बैल का दान करते है उन्हें शिव पद की प्राप्ति होती है।
कार्तिक पूर्णिमा पूजा शुभ मुहूर्त (Kartik Purnima Puja Shubh Muhurat 2025)
अब आप को बतादे की साल 2025 में कार्तिक पूर्णिमा कब है ? तो आप को बतादे की साल 2025 कार्तिक पूर्णिमा 05 नवम्बर दिन बुधवार को मनाया जाएगा।
पूर्णिमा तिथि आरम्भ होगी – 04 नवम्बर 2025 को रात्रि 10 बजकर 36 मिनट पर
पूर्णिमा तिथि समाप्त होगी – 05 नवंबर 2025 को शाम 06 बजकर 48 मिनट पर
चंद्रमा उदय होगा – शाम 05 बजकर 11 मिनट पर