Margshirsha Amavasya 2024: मार्गषीर्श अमावस्या 2024 हिन्दू धर्म में अमावस्या का विशेष महत्व होता है। हिंदी कैलेंडर के अनुसार साल में कुल 12 अमावस्या पड़ती हैं। इन्हीं में से एक है मार्गशीर्ष माह में आने वाली अमावस्या मार्गषीर्श अमावस्या और अगहन अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है। इसके साथ ही इस दिन गंगा में स्नान और दान पुण्य के लिए यह अमावस्या तिथि उत्तम मानी जाती है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार अमावस्या का दिन पितृ पूजा और तर्पण के लिए बहुत ही खास मानी जाती है। ऐसी मान्यता है कि मार्गशीर्ष अमावस्या पर तर्पण और पिंड दान करने से हर समस्याओं का अंत होता है और जीवन में सुख-समृद्दि का आगमन होता है। और वही पितृदोष का निवारण भी होता है और पूर्वजों का आशीर्वाद परिवार पर बना सदा बना रहता है।
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हिंदी कैलेंडर के अनुसार साल 2024 में अमावस्या तिथि दो दिन पड़ यही है। ऐसे में लोगों में कंप्यूजन है कि इस साल मार्गशीर्ष अमावस्या किस दिन मनाई जाएगी? 30 नवंबर या फिर 1 दिसम्बर को तो आईये जानते है साल 2024 में मार्गषीर्श अमावस्या की तिथि शुभ मुहर्त, ओज विधि और इस दिन किये जाने वाले उपाय के बारे में
मार्गषीर्श अमावस्या व्रत की पूजा विधि Margshirsha Amavasya 2024 Puja Vidhi
मार्गषीर्श अमावस्या के दिन जो लोग अमावस्या का व्रत रखते है या रखना चाहते है वे लोग सूर्योदय से पहले उठकर किसी भी पवित्र नदी में स्नान करें और फिर पूजा का संकल्प लें। यदि नदी पर स्नान करना संभव ना हो तो आप घर पर ही स्नान के पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान करें। इससे पवित्र नदी में स्नान के बराबर का ही फल प्राप्त होता है। फिर स्नान आदि करने के बाद भगवान विष्णु जी का ध्यान करे। और सूर्योदय होने के पच्यात भगवान सर्य देव को जल का अर्य दें। इसके बाद अपने पितरों का स्मरण करके व्रत रखें।
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मान्यता है कि मार्गषीर्श अमावस्या के दिन दान -दक्षिणा का भी काफी महत्व होता हे। इसलिए इस दिन किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को अपनी इच्छा और सामर्थ्य अनुसार दान-दक्षिणा देना चाहिए और हो सके तो इस दिन गाय को रोटी अवश्य खिलाए। और मार्गषीर्श अमावस्या दिन पीपल के पेड़ की पूजा करे। और पेड़ की जड़ में जल चढ़ाएं। इसके बाद पेड़ की परिक्रमा करे। और पूरे दिन अमावस्या का व्रत रखते हुए भजन कीर्तन करते रहे।
मार्गषीर्श अमावस्या के दिन जरूर करे ये खास उपाय Margshirsha Amavasya Vrat Upay
शास्त्रो में बतलाया गया है कि मार्गषीर्श अमावस्या के दी यदि कोई जातक चांदी के लोटे से शिवलिंग पर जल चढ़ाता है उसे सुख शांति की प्राप्ति होती है। और इसके अलावा चंद्र दोष के साथ साथ शुक्रदोष से भी मुक्ति मिलती है और भाग्य उदय होता है। और शरीर के समस्त रोगों से मुक्ति भी मिलती है।
धार्मिक मान्यता है कि मार्गषीर्श अमावस्या के दिन किसी भी गरीब या ब्राम्हण को भोजन कराकर उसे अपनी सामर्थ्य के अनुसार अन्न, दान, वस्त्र दान आफ करने से पितृ अति प्रसन्न होते है।
मार्गशीर्ष अमावस्या 2024 पूजा शुभ मुहूर्त Margshirsha Amavasya 2024 Date Time
अब आईये जानते हैं हिदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष महीने की अमावस्या तिथि की शुरूआत 30 नवम्बर 2024 को सुबह 10 बजकर 29 मिनट पर होगी वहीं इस मार्गषीर्श अमावस्या का समापन 1 दिसंबर 2024 को सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर होगा। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार मार्गशीर्ष अमावस्या 1 दिसंबर को मनाई जाएगी। इसलिए मागशीर्ष अमावस्या के दिन ब्रम्हमुहूर्त में स्नान और दान करना उत्तम होगा।
मार्गषीर्श अमावस्या के दिन स्नान करने का मुहूर्त है सुबह 05 बजकर 08 मिनट से लेकर सुबह 06 बजकर 02 मिनट तक रहेगा। और पूजा करने का अभिंजीत मुहूर्त है सुबह 11 बजकर 49 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 31 मिनट तक रहेगा।
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और राहु काल शाम को 04 बजकर 05 मिनट से लेकर शाम 05 बजकर 24 मिनट तक रहेगा। और इस समय आपको किसी भी प्रकार के शुभ कार्य से करने से बचना चाहिए। और गोधूलि पूजा का शुभ मुहूर्त है शाम 05 बजकर 21 मिनट से लेकर शाम 05 बजकर 48 मिनट तक रहेगा।