Papamochani Ekadashi 2026: हिन्दू धर्म में एकादशी व्रत का खास महत्व होता है। यह दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन भगवान विष्णु जी के साथ माता लक्ष्मी जी की पूजा अर्चना की जाती है। और मनचाहा वरदान पाने के लिए इस दिन व्रत भी रखा जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को पापमोचनी एकादशी मनाई जाती है। धार्मिक मान्यता है कि हर महीने में पड़ने वाली एकादशी के दिन भगवान विष्णु जी की पूजा पूरे विधि-विधान के साथ करने पर भगवान विष्णु जी के साथ माता लक्ष्मी की भी कृपा बरसती है। साल के पहले मास में पड़ने वाली एकादशी पर पापों से मुक्ति और पुण्य पाने के लिए लोग इस व्रत को पूरी श्रद्धा के साथ रखते और मनाते हैं।
पापमोचिनी एकादशी का अर्थ है पाप का नाश करने वाली एकादशी शास्त्रो में इस एकादशी व्रत का विशेष महत्व बतलाया गया। ऐसी मान्यता है की पापमोचिनी एकादशी व्रत के दिन भगवान विष्णु जी की पूजा आराधना करने से सभी पापो से मुक्ति मिलती है और सीधे मोक्ष की प्राप्ति होती है। आइये जानते है साल 2026 में पापमोचनी एकादशी कब है? 14 या 15 मार्च, जाने व्रत की सही तिथि, पूजा व पारण का शुभ मुहूर्त, व्रत पूजा विधि, एकादशी व्रत का पारण कब करें और इस दिन किये जाने वाले वाले उपाय
पापमोचिनी एकादशी कब है 2026 जानिए डेट टाइम
Papmochani Ekadashi 2026 Shubh Muhurat: साल 2026 में चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि प्रारम्भ होगी 14 मार्च 2026 को सुबह 08 बजकर 10 मिनट पर और इस तिथि का समापन होगा 15 मार्च 2026 को सुबह 09 बजकर 16 मिनट पर इसलिए उदया तिथि के अनुसार 15 मार्च दिन रविवार को पापमोचिनी का व्रत रखा जाएगा। और अगले दिन सुबह 16 मार्च 2026 को सुबह 06 बजकर 30 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 54 मिनट तक रहेगा।
एकादशी पूजा विधि
Papmochani Ekadashi Puja Vidhi: पापमोचिनी एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर दैनिक किया से निपटकर स्नान आदि करले। इसके बाद साफ पहनकर व्रत का संकल्प लेकर ओज स्थल पर भगवान विष्णु की प्रतिमा या फ़ोटो स्थापित करे। इसके बाद भगवान विष्णु जी की विधिवत पूजा करे। पूजा में भगवान विष्णु जी का तिलक करके धुप दीप अर्पित करे। और उन्हें पीले फल-फूल, तुलसी पत्र और पंचामृत आदि का भोग लगाए।
इसके बाद विष्णु मंत्रो का जाप करते हुए व्रत कथा का पाठ करे। और शाम के समय तुलसी के पौधे के सामने घी का दीपक जलाकर तुलसी मंत्रो का जाप करे। और द्वादशी तिथि को सुबह स्नान करके व्रत का पारण करे। और किसी ब्राह्मण या जरूरतमंद को भोजन कराकर दान दक्षिणा देकर व्रत का पारण करे।
एकादशी पर करे क्या ना करे
Papamochani Ekadashi Niyam: पापमोचनी एकादशी का अर्थ है पाप को नष्ट करने वाली एकादशी। इस दिन विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। पापमोचनी एकादशी के दिन किसी की निंदा और झूठ बोलने से बचना चाहिए। इस व्रत को करने से ब्रह्महत्या, स्वर्ण चोरी, मदिरापान, अहिंसा और भ्रूणघात समेत अनेक घोर पापों के दोष से मुक्ति मिलती है।
▪️शास्त्रो के अनुसार पापमोचिनी एकादशी के दिन निर्जल व्रत रहना चाहिए या फल का सेवन करना चाहिए। और इस दिन अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए। बल्कि सात्विक भोजन करना चाहिए, इसके अलावा एकादशी के दिन तुलसी की पत्तिया भी नहीं तोड़नी चाहिए।
▪️इन चीजों का सेवन ना करे पापमोचिनी एकादशी पाप नाशिनी मानी जाती है इसलिए इस दिन एकादशी का व्रत पूर्ण रूप से सात्विकता का खास ख्याल रखते हुए करना चाहिए और एकादशी के व्रत में लहसुन, प्याज या अन्य तामसिक चीजों का जैसे मांस, मछली, अंडा का सेवन न करे। बल्कि इस दिन पूर्ण रूप से ब्रह्मचर्य का भी पालन करना चाहिए।
▪️सूर्योदय होने के बाद नही सोना चाहिए शास्त्रो के अनुसार किसी भी व्रत में सूर्योंदय के बाद सोना वर्जित है जो लोग पापमोचिनी एकादशी के दिन व्रत रखते है विशेषकर उन्हें इस दिन सूर्योदय से पूर्व ही उठकर स्रान करके व्रत का संकल्प लेकर भक्ति भाव में मन लगाना चाहिए इससे व्रत का पुण्य फल प्राप्त होता है।
▪️चावल का सेवन ना करे धार्मिक मान्यता के अनुसार किसी भी एकादशी के दिन चावल नहीं खाना चाहिए। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाय तो चावल खाने से शरीर में आलस बढ़ता है और मन भक्ति में नहीं लगता है। साथ ही चावल में जल की मात्रा अधिक होने के कारण इसके सेवन से शरीर में जल की मात्रा भी बढ़ जाती है जिस कारण शरीर में चंचलता बढ़ने लगती है और भगवान की भक्ति में ध्यान नहीं लग पता है। इसीलिए एकादशी के दिन चावल का सेवन करना वर्जित होता है।
▪️किसी की निंदा ना करे शास्रों के अनुसार एकादशी ब्रत के दिन किसी भी दूसरे व्यक्ति की चुगली, झूठ बोलना या किसी की निंदा न करे। इससे व्यक्ति का मन दूषित होता है पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कभी भी दूषित मन से की गयी पूजा का पूर्ण फल व्रती को नहीं मिल पाता है।
▪️क्रोध न करे गुस्सा व्यक्ति के लिए नुकसानदायक होता है इसीलिए कभी भी क्रोध नहीं करना वाहिए। शास्रों के अनुसार एकादशी व्रत के दिन घर का माहौल शांत बनाये रखते हुए प्रभु की भक्ति करनी चाहिए। यदि किसी से कोई गलती हो भी जाय तो उसे माफ कर दे उसपर क्रोध न करे क्योकि क्रोध से घर में नकारात्मकता बढ़ जाती है।
▪️व्रत कथा का पाठ करना ना भूले शास्रों के अनुसार किसी भी व्रत में उस व्रत से जुडी व्रत कथा का बहुत ही खास महत्व होता है इसीलिए पापमोचिनी एकादशी व्रत की पूजा के समय में व्रत कथा का श्रवण या पाठ अवश्य करें ताकि आपको व्रत का पूर्ण फल प्राप्त हो सके।
▪️एकादशी के व्रत में जिस तरह चावल खाने की मनाही होती है ठीक वैसे ही एकादशी व्रत रखने वाले व्यक्ति को बैंगन, चावल, मूली, सेम, जौ. मसूर की दाल, पान आदि का सेवन भी नहीं करना चाहिए. शास्रों में ये सभी चीजे इस दिन वर्जित बताई गयी है।