Paush Pradosh Vrat 2025: हिन्दू धर्म मे प्रदोष व्रत का विशेष महत्व होता है। यह तिथि भगवान शिव जी को समर्पित होती है। हिंदी पंचांग के अनुसार प्रत्येक मास में 2 बार त्रयोदशी तिथि आती है। एक शुक्लपक्ष में तो दूसरी कृष्ण पक्ष में। त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखने का विधान है। ऐसी मान्यता है की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष काल में भगवान शिव जी की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती है। जिस दिन त्रयोदशी तिथि प्रदोष काल के समय व्याप्त होती है उसी दिन प्रदोष व्रत किया जाता है। प्रदोष काल सूर्यास्त से प्रारम्भ हो जाता है।
शिव पुराण के अनसार प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में यानि शाम के समय करने से मनोकामना पूरी होती है। साल 2025 में पौष मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 11 दिसंबर दिन शनिवार को पड़ रही है। इसलिए यह शनिवार के दिन पड़ने की वजह से यह शनि प्रदोष व्रत होगा। आइये जानते है साल 2025 में पौष शुक्ल प्रदोष व्रत कब है 11 या 12 जनवरी जानिए सही तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, और प्रदोष के दिन किये जाने वाला उपाय
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प्रदोष व्रत 2025 पूजा विधि Pradosh Vrat Puja Vidhi 2025
शनि प्रदोष व्रत के दिन व्रती प्रातःकाल स्नान आदि से निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र धारण कर व्रत का संकल्प ले। फिर सबसे पहले भगवान सूर्य देव को जल का अर्ध्य दे और विधिवत भगवान शिव माता पार्वती का पूजा करे। प्रदोष व्रत की पूजा शाम के समय करने की मान्यता है इसीलिए सायंकाल पूजा के शुभ मुहूर्त में पुनः स्वच्छ होकर गाय के टूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करें फिर शिवलिंग पर श्वेत चंदन लगाकर बेलपत्र, मदार, पुष्प, भस्म आदि अर्पित करे। इसके बाद शनि व्रत की कथा पढ़कर आरती करे इसके पच्यात भगवान शिव माता पार्वती की आरती करें।
शनि प्रदोष व्रत के उपाय Remedies for Shani Pradosh fast
प्रदोष व्रत में भगवान शिव जी की पूजा करना शुभ माना जाता है ऐसी मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव जी पूजा करने से मनोकामना पूरी होती है। लेकिन प्रदोष व्रत के कुछ नियम बताए गए हैं जिनका पालन करना जरूरी होता है। तो आइये जानते है प्रदोष के दिन क्या करें और क्या नहीं जैसे –
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- ऐसी मान्यता है कि यदि किसी जातक की जन्म कुंडली में चंद्रमा कमजोर पड़ रहा है तो शुक्र प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव जी की आराधना करके माथे पर चंदन का तिलक लगाएं। ऐसा करने से कुंडती में चंद्रमा की स्थिति मजबूत हो सकती है। माना जाता है कि प्रदोष के दिन प्रदोष काल में शिवलिंग पर दही अर्पित करने से जीवन में सिथिरता आती है।
- शनि प्रदोष व्रत के दिन काले कपड़े में काली उड़द, सवा किलो अनाज, दो लड्डू, कोयला, लोहे की कील, लपेटकर बहते जल में प्रवाहित करें। और गौ माता को बूंदी के लड्डू खिलाये हो सके तो एक पितल की कटोरी में टिल का तेल लेकर में अपना चेहरा देखे और उसे किसी को दान करे आपकी समस्त मनोकामना पूरी होगी।
- शास्त्रो के अनुसार शनिवार के दिन प्रदोष व्रत रखने वालो को सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए और व्रत का संकल्प लेना चाहिए। इसके बाद पास के किसी भी शनि मंदिर जाकर शनि देव की पूजा करना चाहिए लेकिन इस बात का वशेष ध्यान रखें की घर पर शनि देव की प्रतिमा स्थापित न हो।
पौष प्रदोष पूजा 2025 शुभ मुहूर्त Pradosh Puja Shubh Muhurat 2025 Date Time
अब आइये जानते है जनवरी 2025 में शुक्लपक्ष का प्रदोष व्रत कब है। 11 या 12 जनवरी को तो आप को बता दे की साल 2025 जनवरी में पौष शुक्ल प्रदोष व्रत 11 जनवरी दिन शनि को मनाया जाएगा।
प्रदोष पूजा शुभ मुहूर्त – 11 जनवरी 2025 को शाम 05 बजकर 43 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 26 मिनट
प्रदोष पूजा की अवधि – 02 घण्टे 42 मिनट
शुक्ल त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ होगी – 11 जनवरी 2025 को सुबह 08 बजकर 21 मिनट पर
शुक्ल त्रयोदशी तिथि समाप्त होगी – 12 जनवरी 2025 को सुबह 06 बजकर 33 मिनट पर
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