Pradosh Vrat 2024: हिन्दू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। हिंदी पंचांग के अनुसार महीने में दो बार त्योदशी तिथि आती है। एक शुक्लपक्ष में तो दूसरी कृष्णपक्ष में। त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोषकाल में प्रदोष व्रत करने का विधान है। प्रदोष व्रत भगवान शिव जी समर्पित होता है। इसलिए प्रदोष काल मे भगवान शिव जी के साथ माता पार्वती की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि प्रदोष व्रत करने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूरी होती है। प्रदोष व्रत यदि गुरुवार के दिन पड़े तो वह गुरु प्रदोष होता हैं।
धार्मिक मान्यता है जो भी लोग सच्चे मन से प्रदोष व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करता है। तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही जीवन मे धन- समृद्धि बनी रहती है। इसके अलावा विवाहित महिलाएं सुख और सौभाग्य में वृद्धि के लिए यह व्रत रखती हैं। आइये जानते है साल 2024 में मार्गशीर्ष कृष्ण प्रदोष व्रत कब है 28 या 29 नवम्बर, जानिए सही दिन तारीख, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और गुरु प्रदोष व्रत के दिन किये जाने वाले उपाय
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प्रदोष व्रत पूजा विधि Pradosh Vrat 2024 Puja Vidhi
प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर नित्य क्रिया से निवित्र होकर स्नान आदि करके साफ व शुद्ध वस्त्र पहनकर व्रत का संकल्प ले। इसके बाद भगवान शिव माता पार्वती और गणेश जी की विधिवत पूज़ा करें। इसके बाद शाम के समय प्रदोष काल में एक बार फिर स्नान आदि करके स्वच्छ होकर भगवान शिव का पंचामृत से अभिषेक करे और सभी पूजन सामग्री के साथ बिल्वपत्र धूप-दीप आदि अर्पित करे। इसके बाद शिव पंचाक्षरी मन्त्र नमः शिवाय का 108 बार जाप करे। और व्रत कथा पढ़े या फिर सुने और पूजा के अंत में सफेद चावल से बनी खीर का भोग लगाकर पूजा समाप्त करे।
प्रदोष व्रत महाउपाय Pradosh Vrat Upay
▪️शास्त्रो के अनुसार गुरु प्रदोष के दिन भगवान शिव की पूजा करने से जीवन मे सुख- समृद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही साथ ही जिन लोगों के विवाह में अड़चने आती रहती है तो उन लोगो को प्रदोष व्रत रखने से विवाह के योग बनने लगते है और कुंडली मे ग्रह दोष दूर होते है।
▪️धार्मिक मान्यता है कि गुरू प्रदोष व्रत के दिन शिवतिंग का जल और दूध से अभिषेक करके बेल पत्र अर्पित करना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि प्रदोष के दिन शिवलिंग पर शमी के पत्ते चढाने से सभी मनोकामना पूरी होती है।
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▪️प्रदोष व्रत के दिन शाम के समय पास के किसी भी शिव मंदिर जाकर शुद्ध देशी घी का या सरसो के तेल का दीपक जलाने से घर मे सुख शांति और खुशहाली आती है।
▪️प्रदोष व्रत के दिन शाम के समय शिव मंदिर में जाकर भगवान शिव जी को सुखा नारियल चढ़ाने से स्वास्थ्य अच्छा होता है।
मार्गशीर्ष प्रदोष व्रत 2024 शुभ मुहूर्त Margashirsha Pradosh Vrat 2024 Date Time
अब आप को बतादे की वर्ष 2024 में मार्गशीर्ष मास कृष्ण प्रदोष व्रत 28 नवंबर गुरुवार को रखा जाएगा।
प्रदोष काल पूजा का शुभ मुहूर्त – सायंकाल 05 बजकर 55 मिनट से लेकर रात्रि 08 बजकर 24 मिनट तक रहेगा।
त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ होगी – 28 नवंबर 2024 को प्रातःकाल 06 बजकर 23 मिनट पर
त्रयोदशी तिथि समाप्त होगी- 29 नवंबर 2024 को प्रातःकाल 08 बजकर 39 मिनट पर
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