Radha Ashtami 2025: राधा अष्टमी कब है 2025 में, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्व और भोग

Radha Ashtami 2025: हिंदी पंचांग के अनुसार हर वर्ष भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष की अष्टमी तिथि के दिन राधा अष्टमी मनाई जाती है। धार्मिक मान्यता है कि आज के दिन ही राधा रानी का जन्म हुआ था। हिंदू धर्म में जिस तरह श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का महत्व होता है ठीक उसी प्रकार राधा अष्टमी का विशेष महत्व होता है। हिंदी पंचांग के अनुसार राधा अष्टमी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के ठीक पंद्रह दिन बाद पड़ती है। राधा अष्टमी का पर्व श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की तरह ही मथुरा, बृंदावन, और बरसाने में बड़ी ही धूम धाम के साथ मनाई जाती है।

इस दिन व्रती महिलाएं घर मे सुख शांति, परिवार की उन्नति के लिए, पुत्रो की दीर्घायु के लिए राधा अष्टमी का व्रत रखती है। और राधा रानी के साथ-साथ भगवान श्रीकृष्ण की भी पूजा करती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की विधिवत पूजा करने से जीवन मे सुख समृद्धि व खुशहाली आती है। और महिलाओं को अखण्ड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

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आइये जानते है साल 2025 में राधा अष्टमी कब है? 31 अगस्त या 01 सितम्बर को, जानिए सही दिन व तारीख, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि व राधा अष्टमी व्रत का महत्व

राधा अष्टमी 2025 पूजा विधि Radha Ashtami Puja Vidhi 2024

राधा अष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें। फिर अपने घर के पूजा स्थल की साफ-सफाई करके पूजा स्थल पर एक जल से भरा कलश स्थापित करे। इसके बाद पूजा स्थल पर चौकी बिछाकर उस चौकी पर पीले या लाल रंग का कपड़ा विछा कर उसके ऊपर भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। इसके बाद राधा जी को पंचामृत और गंगाजल से स्नान कराएं। और सुंदर वस्त्र व आभूषणों से उनका श्रृंगार करें। इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी को चंदन, अक्षत, फूल और मौसमी फल आदि चढ़ाएं। इसके बाद राधा जी के समक्ष धूप-दीप जलाए और अंत मे आरती करें। आरती करने के बाद राधा-कृष्ण के मंत्रों का जाप करें। फिर पूजा सम्पन्न करें।

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राधा अष्टमी के दिन क्या करे Radha Ashtami Kya Karen Kya Nahi

हिन्दू धर्म मे राधा अष्टमी व्रत का विशेष महत्व होता है। राधा अष्टमी के दिन राधा रानी के साथ भगवान श्रीकृष्ण की पूजा अर्चना करने से जन्माष्टमी पूजा करने के समान फल की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी अति प्रसन्न होते है। जैसे

ऐसी मान्यता है कि राधा अष्टमी के दिन जो भी लोग गुप्त रूप से तिल, उड़द डाल, काले कपड़े, लोहा आदि का दान करते है। उनके विवाह में आने वाली रुकावटे दूर होती है। और विवाह के योग बनते है। लेकिन कुआरी कन्याये भूलकर भी शृंगार का दान ना करे।

राधा अष्टमी पर क्या भोग लगाना चाहिए Radha Ashtami 2025 Bhog

धार्मिक मान्यता है कि राधा अष्टमी के दिन जो भी लोग भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी को सफेद मिठाई, चावल या फिर दूध, और मिश्री रहित खीर का भोग लगाते है। उनको राधा कृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त होता है। और सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।

राधा अष्टमी 2025 शुभ मुहूर्त Radha Ashtami 2025 Date Time

आइये जानते है साल 2025 में राधा अष्टमी 31 अगस्त दिन रविवार को मनाई जाएगी।

अष्टमी तिथि शुरू होगी – 31 अगस्त 2025 को रात्रि 08 बजकर 40 मिनट
अष्टमी तिथि समाप्त होगी – 01 सितम्बर 2025 को रात्रि 12 बजकर 55 मिनट

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