Sankashti Chaturthi 2024: 26 या 27 मई कब है संकष्टी चतुर्थी, जाने शुभ मुहूर्त, पूजा विधि व उपाय

एकदंत संकष्टी चतुर्थी व्रत का महत्व-

Sankashti Chaturthi 2024: हिंदी पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह में दो बार चतुर्थी का व्रत रखा जाता है। एक शुक्लपक्ष में तो दूसरा कृष्णपक्ष में। कृष्णपक्ष की चतुर्थी संकष्टी और शुक्लपक्ष की चतुर्थी विनायक चतुर्थी कहलाती है। हिंदी पंचांग के अनुसार प्रयेक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन संकष्ठी चतुर्थी का व्रत रखा जाता है।

ज्येष्ठ मास में पड़ने वाली संकष्टी को एकदन्त संकष्ठी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि आज के दिन भगवान गणेश जी की पूजा उपासना करने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूरी होती है।
ऐसी मान्यता है की इस दिन महिलाएं अपनी संतान के उज्ज्वल भविष्य और उनकी लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत भी रखती हैं। यह व्रत सूर्योंदय से लेकर चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही पूरा होता है।

आइये जानते है साल 2024 में ज्येष्ठ माह की एकदन्त संकष्टी चतुर्थी व्रत कब है? जानिए व्रत की सही तिथि, पूजा का शुभ मुहर्त, पूजा विधि, चंद्रोदय का समय और इस दिन किये जाने वाले उपाय जानेगे

सकष्टी चतुथीं व्रत की पूजा विधि-

Akdant Sankashti Chaturthi 2024 Puja Vidhi: मित्रो अब पूजा करने की विधि को भी जान लेते है जो इस प्रकार है।

  • मित्रो चतुर्थी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि करके शुद्ध व साफ कपड़े पहनकर भगवान गणेश जी का ध्यान करते हुए ब्रत का संकल्प लें। और मंदिर की साफ-सफाई करे।
  • इसके बाद एक चौकी पर हरे रंग का कपड़ा बिछाकर उसपर भगवान गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद भगवान गणेश जी को थोड़ा-सा जल अर्पित करें और उनके सामने दीप गया के घी का दीपक जलाएं।
  • इसके बाद सभी पूजन सामग्री को पूजा स्थान पर रखले। इसके बाद भगवान गणेश जी को 11 या 21 गांठ दू्वा चढ़ाएं। और दूर्वा चढ़ाने के साथ ‘इदं दुर्वादलं ऊं गं गणपतये नम:” मंत्र का जाप करें।
  • इसके बाद भगवान गणेश जी को सिंदूर, अक्षत और भोग में लडू या फिर मोदक अर्पित करें। इसके बाद रात्रि में चंद्रोदय होने के बाद भगवान चंद्र देव को अर्घ्य दें और व्रत का समापन करे।

संकष्टी चतुर्थीं व्रत के दिन करे ये उपाय-

Sankashti Chaturthi 2024 Upay: मित्रो अब गणेश चतुर्थी व्रत के दीन अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए करे ये खास उपाय जिससे भगवान गणेश प्रसन्न होते है।

  • शास्त्रो के अनुसार भगवान गणेश जी सभी देवो में प्रथम पूज्य देव माने जाते है। इसलिए इन्हे विन्नहर्ता भी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है की चतुर्थी के दिन किये गए उपाय से सभी मनाकामना पूरी होती है।
  • ऐसी मान्यता है कि ज्येष्ठ मास में पड़ने वाली एकदंत संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी की पूजा में दूर्वा और गुड़ के 21 लड्डू अर्पित करके ओम वक्रतुंडायनमः मंत्र का जाप करना फलदायी माना जाता है।
  • ऐसी मान्यता है कि संकष्टी चतुर्थी के दिन घर में सुख, शांति और धन में वृद्धि के लिए संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी को सुपारी, लौंग और जायफल आदि चढाना चाहिए।
  • और संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी की पूजा में हल्दी से स्वास्तिक बनाया हुआ पान का पत्ता अर्पित करने से सभी कार्य सफल होते है।
  • यदि अपने कैरियर में सफलता पाना चाहते है संकष्टी चतुर्थी व्रत के दिन भगवान गणेश जी को गेंदे के फूल अर्पित करना शुभ होता है।

एकदंत संकष्टी चतुर्थी व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त-

Akdant Samashti Chaturthi 2024 Puja Shubh Muhurat: मित्रो अब पूजा करने का शुभ मुहूर्त को भी जान लेते है जो इस प्रकार है।

  • अब आप को बतादे की साल 2024 में एकदंत संकष्टी चतुर्थीं 26 मई दिन रविवार को रखा जाएगा।
  • ज्येष्ठ मास की चतुर्थी तिथि प्रारम्भ होगी – 26 मई 2024 को सायंकाल 06 बजकर 06 मिनट।
  • ज्येष्ट मास की चतुर्थी तिथि समाप्त होगी – 27 मई 2024 सायंकाल 04 बजकर 53 मिनट पर
  • और चद्रोदय का समय है – रात्रि 10 बजकर 12 मिनट पर
    पूजा का शुभ मुहर्त है – सुबह 07 बजकर 08 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक
  • और शाम की पूजा का शुभ मुहर्त है – शाम 07 बजकर 12 मिनट से लेकर रात 09 बजकर 45 मिनट तक रहेगा।
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