Sankashti Chaturthi 2024: कब है विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी 2024 में, जाने शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, चंद्रोदय का समय व उपाय

Sankashti Chaturthi 2024: हिन्दू धर्म मे गणेश चतुर्थी व्रत का विशेष महत्व है। यह दिन भगवान गणेश जी की पूजा अर्चना करने का विशेष दिन होता है। धर्म शास्त्रों में भगवान गणेश को शुभता का प्रतीक माना जाता है। इसलिए आज के दिन भगवान गणेश जी की पूजा आराधना करने से कोई भी शुभ कार्य सफल होते है। हिंदी पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह के कृष्णपक्ष में पड़ने वाली चतुर्थी तिथि के दिन संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाता है।
आश्विन मास में पड़ने वाली संकष्टी चतुर्थी को विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूरे विधि विधान के साथ व्रत रखकर पूजा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
आईये जानते है साल 2024 में Vighnaraja Sankashti Chaturthi Kab Hai 20 या 21 September, जाने व्रत की सही तिथि, पूजा का शुभ मुहर्त, पूजा विधि, चंद्रोदय समय और इस दिन सुख समृद्धि व धनप्रासि के लिए किये जाने वाले उपाय

विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी 2024 पूजा विधि

Sankashti Chaturthi 2024 Puja Vidhi: संकष्टी चतुर्थी के दिन व्रती को शुभ मुहूर्त में उठकर स्नान आदि करके स्वच्छ वस्त्र धारण करे और व्रत का संकल्प ले। इसके बाद पूजा घर को अच्छे से साफ-सफाई करके पूरे घर मे गंगा जल का छिड़काव करें। इसके बाद एक लकड़ी की चौकी लेकर उसपर लाल या पिले रंग का कपड़ा विछाकर भगवान गणेश जी मूर्ति या फ़ोटो स्थापित करे। इसके बाद भगवान गणेश जी को जल अर्पित करे। इसके बाद भगवान गणेश जी को दूर्वा, माला, फल, फूल, सिंदूर, अच्छत, जनेऊ, पान आदि अर्पित करे।

इसके बाद भगवान गणेश जी मोदक और लड्डूओ का भोग लगाएं। और भगवान गणेश जी समक्ष घी का दीपक जलाये और उनके मंत्रो का जाप करे। इसके बाद गणेश चालीसा का पाठ करे या संकष्टी व्रत की कथा पढ़े या सुने और शाम के समय एक बार फिर स्नान आदि करके चंद्रोदय होने पर चंद्रमा को अर्घ देने के बाद व्रत का पारण करे।

विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी व्रत के दिन करे ये उपाय

धार्मिक मान्यता है कि आश्विन मास में आने वाली संकष्टी चतुर्थी तिथि के दिन भगवान गणेश जी की पूजा करने से व्रती की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इसके साथ ही आर्थिक तंगी भी दूर होती है। इसलिए आज दिन भगवान गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए कुछ खास उपाय किये जानते है –

  • विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी व्रत के दिन राहु-केतु के नकारात्मक प्रभावों को दूर करने के लिए भगवान गणेश जी की पूजा सबसे प्रभावशाली मानी जाती है। इसलिए आज के दिन भगवान गणेश जी को 21 जोड़े दूर्वा गणेश जी को अर्पित करने से राहु जनित दोष दूर होता है।
  • धार्मिक मान्यता के अनुसार यदि जीवन में किसी भी तरह का कष्ट है। तो दूर करने के लिए भगवान गणेश के समक्ष चौमुखी दीपक जलाएं। इसके अलावा जितनी आपकी उम्र हो उतने लड्डू भी इस दिन की पूजा में शामिल करें। पूजा करने के बाद एक लड्डू खुद खाएं और बाकी लोगों में बांट दें. इसके अलावा भगवान सूर्यनारायण के सूर्यअष्टक का 3 बार पाठ करें।
  • यदि विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी के दिन किसी जरूरत मंद ब्राम्हण या किसी गरीब व्यक्ति को हरे मूंग का दान करना शुभ माना जाता है। यदि संकष्टी चतुर्थी के दिन गणेश जी कि पूजा के बाद हल्दी की 5 गांठ गणेश जी को अर्पित करने से सभी मनोकामना पूर्ण होने कि संभावना बढ़ने लगती है।

विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी 2024 शुभ मुहूर्त

Vighnaraja Sankashti Chaturthi 2024 Date Time Muhurat: अब आप को बतादे की वर्ष 2024 में विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी 21 सितम्बर दिन शनिवार को मनाई जाएगी।

चतुर्थी तिथि प्रारम्भ होगी – 20 सितम्बर 2024 को रात्रि 09 बजकर 15 मिनट पर
चतुर्थी तिथि समाप्त होगी – 21 सितम्बर 2024 को सायंकाल 06 बजकर 13 मिनट पर

पूजा का शुभ मुहूर्त है – 21 सितम्बर 2024 को प्रातःकाल 07 बजकर 40 मिनट से लेकर प्रातःकाल 09 बजकर11 मिनट तक रहेगा।

गोधुली पूजा का शुभ मूहर्त है – सायकाल 06 बजकर 19 मिनट से लेकर सायंकाल 07 बजकर 47 मिनट तक रहेगा।

चंद्रोदय का समय है – रात्रि 09:01 मिनट पर

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