संतान सप्तमी का महत्व
Santan Saptami 2024: मित्रो हिन्दू धर्म मे भाद्रपद मास का विशेष महत्व माना जाता है। हिंदी पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। इसलिए भाद्रपद मास में भगवान श्रीकृष्ण का पूजन किया जाता है। हिंदी पंचांग के अनुसार संतान सप्तमी हर वर्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनायी जाती है। जिसे ललिता सप्तमी, अनन्त सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है। यह व्रत संतान प्राप्ति के लिए रखा जाता है।
ऐसी मान्यता है कि संतान सप्तमी के दिन पुत्रवती महिलाएं अपने पुत्रों की मंगलकामना के लिए, उनकी सुख संमृद्धि के लिए, और उनकी उन्नति के लिए भगवान विष्णु, भगवान शिव व माता पार्वती का पूजन करती है। तो वही कुछ महिलाएं पुत्र प्राप्ति के लिए भी संतान सप्तमी का व्रत रखती है। इस व्रत को संतान साते के नाम से भी जाना जाता है। संतान सप्तमी का व्रत माता-पिता या अन्य कोई भी स्त्री और पुरुष रख सकते हैं।
आईये जानते है साल 2024 में संतान सप्तमी व्रत कब है? पूजा का शुभ मुहूर्त कब है, पूजा विधि क्या है, और संतान सप्तमी दिन क्या करना चाहिए।
संतान सप्तमी व्रत पूजा विधि
Santan Saptami 2024 Puja Vidhi: मित्रो अब सन्तान सप्तमी व्रत की पूजन विधि को भी जान लेते है जो इस प्रकार है।
- संतान सप्तमी के दिन सभी व्रती महिलाएं सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करके साफ कपड़े पहनकर व्रत का संकल्प ले। इसके बाद भगवान शिव माता पार्वती के सामने हाथ जोड़कर पुत्र की मंगलकामना के लिए विनती करती है।
- फिर पूजा के लिए घर में किसी जगह को साफ करके एक चौकी रखें। और उस चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर भगवान शिव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें. फिर पूजा के लिए कलश की स्थापना करे।
- और कलश के ऊपर स्वस्तिक का चिह्न बनाएं और उस पर आम के पत्ते आदि रखकर ऊपर से नारियल रखें। फिर गाय के घी का दीपक जलाएं। इसके बाद भगवान शिवजी को मौली, अक्षत, चंदन, फूल, पान और सुपारी आदि चढ़ाए।
- और खीर-पुरी गुड़ से बने मीठे पुए का भोग लगाएं। फिर संतान सप्तमी व्रत की कथा सुनें। या फिर सुनाए और अंत में भगवान शिव व माता पार्वती की आरती करके पूजा का समापन करें। और पूजा करने के बाद भोजन ग्रहण कर सकते हैं।
संतान सप्तमी व्रत के दिन क्या करना चाहिये
Santan Saptami 2024 Kya Kare: मित्रो हिन्दू धर्म मे संतान सप्तमी व्रत का विशेष महत्व है। इस व्रत में व्रती महिलाओं को कुछ विशेष बातो का हमेशा ध्यान रखना चाहिए जैसे-
- संतान सप्तमी के दिन सभी व्रती महिलाओं को पुआ का भोग लगाती है। और उसी को खाकर व्रत का पारण करती है। इसके अलावा सभी व्रती महिलाओं को कुछ भी नही खाना चाहिए।
- संतान सप्तमी के दिन सभी व्रती महिलाएं भगवान विष्णु, भगवान शिवजी और माता पार्वती का पूजन करती है। ऐसी मान्यता है कि जो भी किसी महिला को पुत्र नही है।
- उस महिला को संतान सप्तमी का निर्जला व्रत जरूर रखना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि संतान सप्तमी के दिन जो महिला भगवान भोलेनाथ को सूती डोरा अर्पित करके संतान सप्तमी की कथा सुनती है।
- और कथा समाप्त होने के बाद उस डोरे को अपने गले में पहनती है। तो उसे सन्तान सुख की प्राप्ति होती है। संतान सप्तमी के दिन जो भी व्रती महिला निर्जला व्रत रखकर शाम के समय गुड़ से बनी 7 सात पूड़ी का भोग लगाती है। तो उसके पुत्र की दीर्घायु होती है और उसके पुत्र की तरक्की होती है।
- संतान सप्तमी के दिन जो भी महिला भगवान सूर्यदेव को जल का अर्घ देती है और भगवान शिव जी को 21 बेलपत्र और माता पार्वती सूखा नारियल चढ़ाती है। तो उस महिला को संतान की प्राप्ति होती है।
संतान सप्तमी पूजा मुहूर्त
Santan Saptami 2024 Shubh Muhurat: मित्रो अब पूजा करने का शुभ मुहूर्त को भी जान लेते है जो इस प्रकार है।
- अब आप को बतादे की साल 2024 में संतान सप्तमी 10 सितंबर दिन मंगलवार को मनाई जाएगी।
- भाद्रपद मास की सप्तमी तिथि शुरू होगी – 09 सितंबर 2024 को रात्रि 09 बजकर 53 मिनट पर
- भाद्रपद मास की सप्तमी तिथि समाप्त होगी – 10 सितंबर 2024 को रात्रि 11 बजकर 11 मिनट पर