Sawan Shivratri 2026: हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष में 2 बार शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। एक फाल्गुन मास में तो दूसरा सावन मास में सावन मास में पड़ने वाली शिवरात्रि को सावन शिवरात्रि के नाम नाम से जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि सावन शिवरात्रि के दिन भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान गणेश, भगवान कार्तिकेय और नंदी की पूजा करने से आप की हर मनोकामना पूरी होती है। इस दिन भगवान शिव जी का अभिषेक करना करना उत्तम फलदायी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि अगर सावन शिवरात्रि के दिन भगवान शिवजी की विधिवत रूप से पूजा आराधना करने से व्यक्ति को उत्तम फलों की प्राप्ति होती है। और साथ ही सभी परेशानियों से छुटकारा मिलता है।
सावन का पूरा महीना भगवान शिव को समर्पित होता है इसलिए शिवरात्रि की रात सावन महीने की सबसे शक्तिशाली रातों में से एक मानी जाती है। इसलिए सावन शिवरात्रि से जुड़े सभी अनुष्ठानों का पालन करने और व्रत रखने से आत्मा और मानव शरीर को शुद्ध करने और अपने भक्तों को आध्यात्मिक मुक्ति प्रदान करने की शक्ति मिलती है। आइये जानते है साल 2026 में सावन शिवरात्रि कब मनाई जाएगी? 11 या 12 अगस्त, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, व्रत पारण और सावन शिवरात्रि के दिन क्या करना चाहिए क्या नही?
सावन शिवरात्रि 2026 में कब है
Sawan Shivratri 2025 Date Time: साल 2026 में श्रावण मास की चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ हो रही है – 11 अगस्त 2026 को सुबह 04 बजकर 54 मिनट पर और श्रावण मास की चतुर्दशी तिथि समाप्त होगी – 12 अगस्त 2026 को सुबह 01 बजकर 52 मिनट इसलिए उदया तिथि के अनुसार साल 2026 में सावन शिवरात्रि 11 अगस्त दिन मंगलवार को मनाई जाएगी। सावन शिवरात्रि के दिन निशितकाल पूजा का शुभ है। 12 अगस्त 2026 को रात 12 बजकर 05 मिनट से लेकर रात 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। अवधि – 00 घण्टे 43 मिनट और अगले दिन व्रत पारण का शुभ मुहूर्त है। 12 अगस्त 2026 को सुबह 05 बजकर 49 मिनट पर
सावन शिवरात्रि पूजा विधि
Sawan Shivratri 2026 Puja Vidhi: सावन शिवरात्रि के दिन व्रती को सुबह जल्दी उठकर नित्यक्रिया से निवित्त होकर स्नान आदि करके सफेद वस्त्र धारण कर व्रत का संकल्प लें। फिर किसी शिव मंदिर में जाकर। या घर पर ही भगवान शिव जी की पूजा अर्चना करे। इसके बाद शिव पूजा के लिए पूजा स्थल पर एक लकड़ी की चौकी पर भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान गणेश, भगवान कार्तिकेय और नंदी की प्रतिमा को स्थापित करे।
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और उनकी पूजा करे। पूजा में शिव परिवार को गाय के दूध से बना पंचामृत से स्नान कराये। और शिव परिवार को फल, फूल, धूप, दिप, नैवैद्य, इत्र आदि अर्पित करे और उनकी पूजा करे। इसके बाद भगवान शिव चालीसा का पाठ करते हुए रात्रि जागरण करे। और सुबह शुभ मुहूर्त में व्रत का पारण करे।
सावन शिवरात्रि व्रत उपाय
Sawan Shivratri 2026 Vrat Upay: हिन्दू धर्म मे सावन महीने का विशेष महत्व होता है। धार्मिक मान्यता है कि सावन का महीना भगवान भोलेनाथ का अति प्रिय महीना माना जाता है। कहा जाता है कि सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ धरती पर विचरण करते है। इसलिए सावन में भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करना चाहते है तो सावन शिवरात्रि के दिन करे ये खास उपाय जैसे
- ऐसी मान्यता है कि जो लोग सावन शिवरात्रि के दिन दूध, दही, शहद, शक्कर और घी से भगवान शिव का अभिषेक करते है। तो उसे अपार धन प्राप्ति की प्राप्ति होती है। यदि सावन शिवरात्रि के दिन जो भी लोग शिव लिंग पर घी का अभिषेक करते है। उनको संतान सुख की प्राप्ति होती है।
- यदि विवाह में किसी भी तरह की कोई समस्या आ रही है तो सावन शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर 108 बेल पत्र अर्पित करें। और हर बेल पत्र के साथ “नमः शिवाय” बोलते हुए शिवलिंग पर अर्पित करने से शीघ्र विवाह योग बनने लगते है।
सावन शिवरात्रि व्रत में क्या नही खाना चाहिए
शास्त्रो के अनुसार सावन शिवरात्रि के व्रत में मांस, मछली, और किसी भी प्रकार का भारी भोजन खाने से पूरी तरह परहेज करना चाहिए।
- सावन शिवरात्रि के व्रत के भोजन में प्याज और लहसुन का इस्तेमाल भूलकर भी नहीं करना चाहिए।
- जिन लोगों को गैस या एसिडिटी की समस्या होती हो वो व्रत के दिन चाय और कॉफी का सेवन भूलकर भी ना करें।
- सावन शिवरात्रि व्रत में साधारण नमक का इस्तेमाल बिल्कुल न भी ना करें। हो सके तो इसकी जगह पर सेंधा नमक का ही प्रयोग करे।
- सावन शिवरात्रि व्रत में मदिरा पान भूलकर भी ना करे।
सावन शिवरात्रि व्रत में क्या खाना चाहिए
- सावन शिवरात्र व्रत में मौसमी फल जैसे – अनार, संतरा, आम, सेव, नाशपाती, अमरूद, केला आदि का सेवन करना चाहिए। हो सके तो जूस का सेवन कर सकते है।
- सावन शिवरात्रि के दिन आप मखाने और मुंगफली को हल्के घी में फ्राई करके इसमें सेंधा नमक मिलाकर भी खा सकते हैं। इसके अलावा व्रत में कोई भी मीठी चीजें बनाकर खा सकते है। जैसे गाजर या लौकी की खीर