Shabari Jayanti 2025: हिन्दू धर्म मे शबरी जयंती का विशेष महत्व है। इस दिन भारत के लगभग सभी क्षेत्रों मे शबरी जयंती बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। इस दिन भक्त श्रद्धा पूर्वक माता शबरी और प्रभु श्रीराम की पूजा अर्चना करते हैं। हिंदी पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष फाल्गुन मास के कृष्णपक्ष की सप्तमी तिथि के दिन शबरी जयंती मनाई जाती है। इस दिन भगवान राम और माता शबरी की पूजा आराधना की जाती है।
धार्मिक मान्यता है आज के दिन जो भी लोग सच्चे मन से व्रत रखते है और पूजा पाठ करते तो उन पर भगवान श्रीराम की कृपा प्राप्त होती है। और उनके जीवन में सुख-समृद्धि आती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार जब माता शबरी ने भगवान श्रीराम को बेर खिलाई थी तब उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हुई थी। आइये जानते है साल 2025 में शबरी जयंती कब मनाई जाएगी 19 या 20 फरवरी, जानिए पूजा की सही तिथि, पूजा विधि, और इस दिन क्या दान करे-
शबरी जयंती 2025 में कब है?
Shabari Jayanti 2025 Date: हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को शबरी जयंती मनाई जाती है। साल 2025 में फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि 19 फरवरी 2025 को सुबह 07 बजकर 32 मिनट पर प्रारंभ होगी और इसका समापन 20 फरवरी 2025 को सुबह 09 बजकर 58 मिनट पर होगा। इस प्रकार शबरी जयंती 20 फरवरी दिन बुधवार को मनाई जाएगी और इसी दिन इस व्रत का पारण भी किया जाएगा।
शबरी जयंती पूजा विधि
Shabari Jayanti Puja Vidhi: शबरी जयंती के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद पूजा स्थल को अच्छे से साफ करें और गंगाजल छिड़कर शुद्ध करें। इसके बाद पूजा स्थल पर भगवान श्रीराम और माता शबरी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। तत्पश्चात माता शबरी को धूप, दिप, अगरबत्ती, फल, फूल, बेर, नारियल, आदि का भोग लगाएं और उनके समक्ष घी का दीप प्रज्वलित करें। इसके बाद भगवान श्रीराम के समक्ष धूप-अगरबत्ती जलाएं।
इसके बाद भगवान श्रीराम को फूल, बेर, और नैवेद्य अर्पित करें। और पूजा के अंत मे माता शबरी की कथा का पाठ करें या सुनें। इसके बाद भगवान श्रीराम और माता शबरी की आरती करें। इसके किसी भी जरूरतमंदों को भोजन कराकर, वस्त्र, या धन का दान करे।
शबरी जयंती के दिन करें इन चीजों का दान
शबरी जयंती के दिन अन्न, दान, वस्त्र दान, धन दान, रुपया पैसे का दान, बेर का दान, जरूर करना चाहिए। इसके अलावा इस दिन किसी भी असहाय ब्यक्ति को उसके जरूरत के अनुसार भोजन आदि जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से भगवान श्री राम की कृपा प्राप्त होती है और मरने के बाद सीधे स्वर्ग की प्राप्ति होती है।