Shakambhari Jayanti 2025: हिन्दू धर्म मे शाकम्भरी जयंती का विशेष महत्व बतलाया गया है। हिंदी पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष मास की शुक्लपक्ष की अष्टमी तिथि से पौष मास की पूर्णिमा तक शाकम्भरी नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। पौष मास की पूर्णिमा के दिन शाकम्भरी जयंती मनाई जाती है। मान्यता है कि माता शाकम्भरी की पूजा से जीवन में समृद्धि, स्वास्थ्य और धन की प्राप्ति होती है। शाकम्भरी नवरात्रि के दौरान भक्तजन विशेष रूप से ताजे फल, सब्जियां और शाक को देवी को अर्पित करते हैं। शास्त्रो के अनुसार माता शाकम्भरी देवी माता दुर्गा के सभी अवतारों में एक माना जाता हैं। कहा जाता है कि माता दुर्गा के सभी अवतारों में से रक्तदंतिका, भीमा, भ्रामरी, शताक्षी तथा शाकम्भरी आदि देवियां प्रसिद्ध हैं।
आप को बतादे की वैसे तो वर्ष भर में कुल चार नवरात्रि मनाई जाती है। एक आश्विन माह के शुक्ल पक्ष में शारदीय नवरात्रि और दूसरी चैत्र मास के शुक्लपक्ष में चैत्र नवरात्रि मनाई जाती है। लेकिन दो और नवरात्रि मनाई जाती है जिसे गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। जो कि तृतीय और चतुर्थ नवरात्रि माघ और आषाढ़ माह में पड़ती है। गुप्त नवरात्रि में तंत्र-मंत्र के साधकों को अपनी सिद्धि के लिए खास माने जाने वाली शाकंभरी नवरात्रि का आरंभ पौष मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी से होता है।
शाकम्भरी नवरात्रि का आरम्भ पौष मास की शुक्लपक्ष की अष्टमी तिथि का आरम्भ 13 जनवरी 2025 दिन सोमवार से हो रहा है। और इसका समापन 14 जनवरी 2025 दिन मंगलवार को होगा। इसलिए 13 जनवरी 2025 दिन सोमवार को शाकम्भरी जयंती या शाकम्भरी पूर्णिमा मनाई जाएगी। यह नवरात्रि पौष मास की शुक्ल अष्टमी से लेकर पूर्णिमा तिथि तक मनाई जाती है जिसमें देवी शाकम्भरी की पूजा की जाती है। आइये जानते है साल 2025 में शाकम्भरी जयंती पूजा का शुभ मुहूर्त कब है, पूजा विधि क्या है? और इस दिन किये जाने वाले उपाय
शाकम्भरी जयंती पूजा विधि Shakambhari Jayanti 2025 Puja Vidhi
शाकम्भरी जयंती के दिन प्रात:काल जल्दी उठकर स्नान करें। और साफ वस्त्र पहनकर माता शाकम्भरी का ध्यान करें। इसके बाद पूजा स्थल या मंदिर की अच्छे से साफ सफाई करके एक लकड़ी की चौकी पर माता शाकम्भरी की मूर्ति या फ़ोटो स्थापित करे। इसके बाद धूप,दीप,पुष्प आदि से माता की पूजा अर्चना करे। इसके बाद ताजे फल और सब्जियों से भोग लगाएं और गंगा जल का छिड़काव करें।और
“शाकंभरी नीलवर्णानीलोत्पलविलोचना मुष्टिंशिलीमुखापूर्णकमलंकमलालया।।“
इस मंत्र का जाप करें। और पूजा के अंत में माता शाकम्भरी की कथा सुने या फिर पढे और फिर मंदिर में जाकर प्रसाद चढ़ाएं और जरूरतमंदों को दान करे। और पूजा के अंत मे माता शाकम्भरी की आरती करके पूजा समाप्त करे।
शाकम्भरी पूर्णिमा के उपाय Shakambhari Jayanti 2025 Upay
पौष पूर्णिमा के दिन माता शाकंभरी को प्रसन्न करने के लिए जरूरत मंदों में अनाज, सब्जी व फल और अन्न का दान अवश्य करना चाहिए। अगर ऐसा ना कर पाएं तो किसी मंदिर में जाकर असहाय लोगो को आवश्यकता अनुसार रुपया पैसा का दान करे और हो सके तो मंदिर में भंडारा इत्यादि कराकर प्रसाद वितरण करे।
शाकम्भरी जयंती 2025 पूजा शुभ मुहूर्त Shakambhari Jayanti 2025 Date Time Shubh Muhurat
अब आप को बतादे की साल 2025 में पौष मास की पूर्णिमा तिथिनक आरम्भ 13 जनवरी 2025 को सुबह 05 बजकर 03 मिनट लर होगा। और पौष मास की पूर्णिमा तिथि का समापन 14 जनवरी 2025 को सुबह 03 बजकर 56 मिनट पर होगा। इसलिए पौष मास में मनाई जाने वाली शाकम्भरी जयंती 13 जनवरी 2025 दिन सोमवार को मनाई जाएगी।