Sheetala Saptami 2025 Date: शीतला सप्तमी व्रत का हिंदू धर्म मे विशेष महत्व होता है। यह व्रत माता शीतला को समर्पित होता है। शीतला सप्तमी का व्रत होली के बाद सातवें दिन हिन्दू पंचांग के अनुसार हर साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी के दिन शीतला सप्तमी का व्रत रखा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि माता शीतला की पूजा अर्चना करने से चेचक, अन्य तरह की बीमारियां और संक्रमण नहीं होता है। महिलाएं यह व्रत माता-पति और संतान की सलामती और निरोगी काया के लिए ये व्रत रखती हैं। ये एकमात्र ऐसा व्रत है जिसमें पूजा के दौरान माता को बासी भोजन का भोग लगता है। मान्यता है कि माता शीतला को अर्पित किए भोग को अगले दिन यानी बासी भोजन प्रसाद के रूप में खाने से व्यक्ति रोग मुक्त हो जाता है। आईये जानते है साल 2025 में शीतला सप्तमी का व्रत उपवास कब रखा जायेगा? जनये सही सही दिन तारीख, पूजा का शुभ मुहूर्त पूजा विधि और इस दिन क्या करना चाहिए।
शीतला सप्तमी 2025 शुभ मुहूर्त
Sheetala Saptami 2025 Date: हिन्दू पंचांग के अनुसार साल 2025 में चैत्र मास की कृष्णपक्ष की सप्तमी तिथि प्रारम्भ हो रही रही 21 मार्च 2025 को सुबह 02 बजकर 45 मिनट पर और सप्तमी तिथि की समाप्त होगी 22 मार्च 2025 को सुबह 04 बजकर 23 मिनट पर और उदया तिथि अनुसार 21 मार्च दिन शुक्रवार को मनाई जाएगा और शीतला सप्तमी के दिन पूजा करने का शुभ मुहूर्त है सुबह 06 बजकर 24 मिनट से लेकर सुबह 06 बजकर 33 मिनट तक रहेगा। और पूजा की कुल अवधि होगी 12 घंटा 09 मिनट
शीतला सप्तमी पूजा विधि
Sheetala Saptami Puja Vidhi: शीतला सप्तमी के दिन माता शीतला की पूजा अर्चना करने के लिए सुबह जल्दी उठकर दैनिक क्रिया से निपटकर नहा लें। इसके बाद साफ कपड़े पहनकर व्रत का संकल्प ले इसके बाद पूजा की थाली सजाये। और पूजा की थाली में दही, पुआ, रोटी, बाजरा, सप्तमी को बने मीठे चावल, नमक पारे और मठरी रखें। और पूजा की दूसरी थाली में आटे से बना दीपक, रोली, वस्त्र, अक्षत, हल्दी, मोली, होली वाली बड़कुले की माला, सिक्के और मेहंदी रखें। इसके बाद दोनों थालियों में ठंडे पानी का लोटा भी रखे।
इसके बाद माता शीतला पूजा शुरू करें। माता शीतला को सभी सामग्री अर्पित करने के बाद खुद और घर से सभी सदस्यों को हल्दी का टीका लगाएं। इसके बाद मंदिर में पहले माता को जल चढ़ाकर रोली और हल्दी का टीका करें। आटे के दीपक को बिना जलाए माता को अर्पित करें। अंत में जल चढ़ाएं और थोड़ा जल बचाकर उसे घर के सभी सदस्यों को आंखों पर लगाने के लिए दे दें। बाकी बचा हुआ जल घर के हर हिस्से में छिड़क दें। इसके बाद होलिका दहन वाली जगह पर जाकर होलिका की पूजा करें। वहां थोड़ा जल और पूजन सामग्री चढ़ाएं। घर आने के बाद पानी रखने की जगह पर पूजा करें। इसके बाद पूजन सामग्री बच जाए तो गाय या ब्राह्मण को दे दें।
शीतला सप्तमी व्रत के नियम
शीतला सप्तमी का व्रत साल 2025 में 21 मार्च को मनाया जाएगा। इस व्रत में व्रत से एक दिन पहले ही खाना बनाकर रखा जाता है और दूसरे दिन बासी भोजन प्रसाद के रूप में खाया जाता है। लेकिन बहुत सी जगहो पर सप्तमी के दिन ठंडा खाया जाता है तो कही पर अष्टमी के दिन खाया जाता है।।
शीतला सप्तमी क्या करें
- शीतला सप्तमी के दिन पूजा से एक दिन पहले ही मीठे चावल बना कर रखले और उसके बाद पूजा की सभी समाग्री तैयार कर लें। जिसमें मीठे चावलों के साथ-साथ हल्दी और चने की दाल अवश्य होनी चाहिए।
- शीतला सप्तमी के दिन सुबह ठंडे पानी से स्नान आदि करके साफ कोड़े पहनकर जहां पर होली जलाई गई होती है उस स्थान पर जाकर होलिका दहन के स्थान पर आते से बनी दिया लगाना चाहिए।
- दबितला सप्तमी के फिन जिस स्थान पर होलिका जलाई गई थी उस स्थान पर जाकर जी भी ओकवां बनाया गया है वहां पर रख दे इसके बाद होलिका दहन वाले स्थान पर चले कि दाल और हल्दी भी अवश्य चढ़ाये।
- इसके बाद मंदिर जाकर माता शीतला की पूजा करें। सबसे पहले माता शीतला को हल्दी और रोली का तिलक लगाएं।