Sita Navami 2026: सीता नवमी कब है 2026 में, नोट करले डेट टाइम, पूजा शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत के नियम

Sita Navami 2026: हिंदी धर्म मे सीता नवामी पर्व का विशेष महत्व बतलाया गया है। हिन्दू पंचांग के अनुसार वैशाख माह के शुक्लपक्ष की नवमी तिथि के दिन माता सीता प्रकट हुई थी। इसलिए हर साल इस दिन को सीता नवमी, जानकी नवमी या सीता जयंती के रूप में मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि सीता जयंती के दिन माता सीता की पूजा अर्चना करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। और विशेष फलो की प्राप्ति होती है। और घर परिवार मे सुख शांति बनी रहती है। ऐसी मान्यता है कि सीता नवमी के दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए पुत्र प्राप्ति के लिए और उनकी सुख समृद्धि की कामना करती है। ऐसी मान्यता है कि सीता नवमी के व्रत को रखने से पति की लंबी आयु का वरदान प्राप्त होता है।

ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को रखने मात्र से दान पुण्य करने जितना फल प्राप्त होता है। अगर आप के मन में कोई विशेष मनोकामना है तो सीता नवमी के दिन भगवान श्रीराम के मंदिर में जाकर हुनमान जी की मूर्ति का सिंदूर लेकर माता सीता के चरणो में अर्पित करना चाहिए। ऐसा पूरे दिन में तीन बार यानी सुबह, दोपहर और शाम को करना चाहिए। ऐसा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। आईये जानते है साल 2025 में सीता नवमी कब है? 24 या 25 अप्रैल, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन किये जाने वाले उपाय

सीता नवमी 2026 कब है?

Sita Navami 2026 Date Time: हिन्दू पंचांग के अनुसार वैशाख माह की शुक्लपक्ष की नवमी तिथि प्रारम्भ होगी 24 अप्रैल 2026 को शाम 07 बजकर 21 मिनट पर और नवमी तिथि समाप्त होगी 25 अप्रैल 2026 को शाम 06 बजकर 27 मिनट पर इसलिए इस तिथि के अनुसार साल 2026 में सीता नवमी 25 अप्रैल दिन शनिवार को मनाई जाएगी। सीता नवमी मध्याह्न पूजा का शुभ मुहूर्त है – सुबह 10 बजकर 46 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 23 मिनट पर और पूजा की कुल अवधि है 02 घण्टे 36 मिनट

सीता नवमी पूजा विधि

Sita Navami 2026 Puja Vidhi: शास्त्रो के अनुसार सीता नवमी के दिन सुबह जल्दी उठकर नित्य क्रिया से निवृत्त होकर स्नान आदि करके व्रत का संकल्प लें। इसके बाद भगवान श्रीराम और माता सीता की प्रतिमा को गंगा जल से स्नान कराये इसके पच्चात घर के मंदिर में या फिर पूजा स्थान पर सभी देवी-देवताओं की पूजा करे। इसके पच्चात भगवन श्रीराम व माता सीता को फूल, फूल अक्षत् चंदन, सिंटू, फल, धूप, दीप अर्पित करे। इसके बाद दूध से बनी कोई भी मिठाई या लड्डू का भोग लगाएं। अंत में माता सीता का स्मरण करते हुए “श्री सिताये नमः और श्री सीता- रामाये नमः मंत्र का जप करे। अंत मे माता सीता सहित सभी देवी देवताओं सहित भगवान श्रीराम की आरती करे। और अपने सुखी दांपत्य जीवन के लिए माता सीता से प्रार्थना करे।

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सीता नवमी उपाय

Sita Navami 2026 Upay: सीता नवमी का हिन्दू धर्म मे विशेष महत्व है। इसलिए सीता नवमी के दिन माता सीता को प्रसन्न करने के लिए पूजा-पाठ और कुछ खास उपाय किया जाता है जैसे-

▪️ऐसी मान्यता है की सीता नवमी के दिन जो भी विवाहित महिलाएं माता सीता को सिंदू, बिंदी, मेंहदी, चूडी, चुनरी समेत 16 श्रंगार की वस्तुएं चढाती है। तो उन्हें सोभाग्य की प्राप्नि होती है।

▪️ऐसी मान्यता है कि सीता नवमी के दिन जो भो लोग माता सीता को खीर का भोग लगाकर 7 कुआरी कन्याओ को प्रसाद स्वरूप बॉटने से धन संकट दूर होते है। ऐसी मान्यता है कि सीता नवमी के दिन माता लक्ष्मी की पूजा करने से सदा सुखी और सम्पन्न रहने का आशीर्वाद देती है।

▪️धार्मिक मान्यता के अनुसार सीता नवमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करे। इसके बाद पूजा स्थान की अच्छे से साफ-करके गंगाजल का छिड़काव करें। इसके भगवान राम और माता सीता की प्रतिमा या मूर्ति स्थापित करें। और उन्हें फल, फूल, मिठाई, रोली, चंदन, अक्षत, धूप, दीप आदि अर्पित करें।

▪️सीता नवमी के दिन भूलकर भी अष्टमी या नवमी के दिन चमड़े से बनी कोई भी वस्तु का प्रयोग नही करना चाहिए। और ना ही दाढ़ी, बाल, नाखून नही काटना चाहिए ना ही किसी से कटवाना चाहिए। ऐसा करना अशुभ माना जाता है।

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