Somvati Amavasya 2024: भाद्रपद माह में कब है सोमवती अमावस्या? जाने शुभ मुहूर्त, पूजा विधि व नियम

सोमवती अमावस्या का महत्व

Somvati Amavasya 2024: हिन्दू धर्म मे सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व होता है। सोमवती अमावस्या के दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा की जाती है। हिंदी पंचांग के अनुसार जो अमावस्या सोमवार के दिन पड़ती है। उसे सोमवती अमावस्या कहते हैं। सोमवती अमावस्या का व्रत विवाहित महिलाये अपने पति की लंबी आयु एवं दीर्घायु की कामना के लिए करती है। सोमवती अमावस्या पर भगवान शिव माता पार्वती और पीपल के वृक्ष की पूजा करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि सोमवती अमावस्या के दिन किए गए व्रत, पूजा-पाठ, स्नान, दान का फल अक्षय होता है। ऐसी मान्यता है कि सोमवती अमावस्या के दिन तीर्थ स्थल पर स्नान करने से कभी खत्म नहीं होने वाला पुण्य फल प्राप्त होता है।

ऐसी मान्यता है कि अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ पर भगवान विष्णु का वास होता है। इसलिए भगवान विष्णु की भी पूजा सोमवती अमावस्या के दिन की जाती है। इस दिन स्नान, दान सब सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। सोमवती अमावस्या के दिन मौन व्रत व स्नान, ध्यान करने से सहस्र गोदान का पुण्य फल प्राप्त होता है। ऐसी मान्यता है कि महाभारत काल के दौरान भीष्म पितामहः ने धर्मराज युधिष्ठिर को समझाते हुए कहा था की सोमवती अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने वाला मनुष्य समृद्ध, स्वस्थ्य और सभी दुखों से मुक्त होता है। और पितरों कि आत्माओं को शांति मिलती है।

सोमवती अमावस्या महिलाओं का प्रमुख व्रत है। इस दिन महिलाएँ अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत करती है। सोमवती अमावस्या के दिन अपने सामर्थ्य के अनुसार दान देना चाहिए। जो महिलाएँ हर अमावस्या का व्रत नहीं कर सकती है वह सोमवती अमावस्या का व्रत करना चाहिए और पीपल के पेड़ की 108 बार घागा लपेटतें हुए परिक्रमा करनी चाहिए। पीपल की पेड़ विधान पूर्वक पूजा करनी चाहिए। इस व्रत करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। सोमवार चन्द्रमा का दिन है। इस दिन सूर्य तथा चन्द्रमा एक सीध में स्थित रहते हैं। इसलिए यह पर्व विशेष पुण्य फल वाला माना जाता है।

आईये जानते है साल 2024 में सोमवती अमावस्या कब है? जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन किये जाने वाले उपाय

सोमवती अमावस्या पूजा विधि

Somvati Amavasya 2024 Puja Vidhi: सोमवती अमावस्या का संयोग बेहद दर्लभ माना गया है इसलिए इस दिन विशेष पूज़ा की जाती है। सोमवती अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर लें संभव हो तो गंगा स्नान नहीं तो घर में ही थोड़ा सा गंगाजल डालकर स्नान कर लें। इसके बाद भगवान सूर्य देव को अर्घ्य दें। आज के दिन शिव-पार्वती, भगवान विष्णुऔर पीपल के वृक्ष की पूजा करना चाहिए। पीपल के वृक्ष में मीठा जल अर्पित कर 108 बार कच्चा सूत लपेटकर परिक्रमा करे. पूजा के बाद दान आदि करना चाहिए।

सोमवती अमावस्या के दिन क्या करना चाहिए

सोमवती अमावस्या के दिन पीपल की 108 बार धागा लपेट कर परिक्रमा करते हुए पूजन करना चाहिए। सोमवती अमावस्या के दिन भगवान विष्णु का पूजन करते हुए। धान, पान और खड़ी हल्दी को मिला कर विधि पूर्वक तुलसी के पौधे पर चढ़ाने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यता है कि सोमवती अमावस्या के दिन शिवलिंग का पंचामृत से अभिषेक करना चाहिए। सोमवती अमावस्या के दिन व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन करने से सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। सोमवती अमावस्या के दिन माता पार्वती को सभी शृंगार की वस्तुएं अर्पित करनी चाहिए।

सोमवती अमावस्या 2024 शुभ मुहूर्त

Somvati Amavasya 2024 Date Time: साल 2024 में भाद्रपद सोमवती अमावस्या 02 सितम्बर दिन सोमवार को मनाई जाएगी।

अमावस्या तिथि प्रारम्भ होगी – 02 सितम्बर 2024 को सुबह 05 बजकर 21 मिनट पर

अमावस्या तिथि समाप्त होगी – 03 सितम्बर 2024 को सुबह 07 बजकर 24 मिनट पर

स्नान-दान का समय – सुबह 04 बजकर 29 मिनट से लेकर सुबह 05 बजकर 15 मिनट तक रहेगा।

पूजा का अभिजीत मुहूर्त है – प्रात:काल 11 बजकर 55 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक रहेगा

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