Vaikuntha Chaturdashi 2024: बैकुंठ चतुर्दशी 2024 कब है? जाने शुभ मुहूर्त, पूजा विधि व महत्व

बैकुंठ चतुर्दशी का महत्व

Vaikuntha Chaturdashi 2024: हिंदी पंचांग के अनुसार हर वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को वैकुंठ चतुर्दशी का व्रत रखा जाता है। हिन्दू धर्म में इस तिथि को पवित्र दिन माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और भगवान शिव का पूजन करना विशेष फलदायी होता है। वैकुण्ठ चतुर्दशी को हरिहर मिलन के नाम से भी जाना जाता हैं। ऐसी मान्यता है कि वैकुंठ चतुर्दशी के दिन भगवान शिव और भगवान विष्णु का मिलन हुआ था। इसलिए इसदिन बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। और इस दिन को कार्तिक स्नान के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन को गंगा किनारे, भगवान विष्णु को गहरी नींद से जागने के लिए दीप दान महोत्सव के रूप में मनाया जाता है।

और शाम के समय पवित्र गंगा नदी में दीपक जलाए जाते हैं। और इस दिन बहुत सी जगहों पर भजन कीर्तन और सांस्कृतिक उत्सव का आयोजन भी किया जाता है। इस व्रत को करने वाले भगवान विष्णु और भगवान शिव की विधिवत पूजा करके भोग लगाते है। और पुष्प, धूप, दीप, चन्दन आदि पदार्थों से भगवान की आरती उतारते है। ऐसी मान्यता है कि इसी दिन भगवान विष्णु को सुदर्शन चक्र की प्राप्ति हुई थी। कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की वैकुंठ चतुर्दशी के दिन विष्णु सहस्रनाम, के हजार नामों का पाठ करते हुए उन्हें एक हजार कमल चढ़ाते हैं। और भगवान विष्णु और भगवान शिव की विधिवत पूजा करके भोग लगाते है। और पुष्प, धूप, दीप, चन्दन आदि पदार्थों से आरती उतारे और पूजा सम्पन्न करें।

आईये जानते है साल 2024 में बैकुठ चतुर्दशी कब है ? जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत का महत्व

बैकुंठ चतुर्दशी पूजा विधि

Vaikuntha Chaturdashi 2024 Puja Vidhi: बैकुंठ चतुर्दशी के दिन व्रत सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें। और व्रत का संकल्प ले और पूरे दिन उपवास रहे। घर और पूजा मंदिर को अच्छी तरह से साफ करें।यह एकमात्र दिन है जब भगवान शिव तुलसी पत्र स्वीकार करते हैं और भगवान श्री हरि विष्णु की बेल पत्र और कमल के फूलों से पूजा की जाती है।
भगवान शिव और श्री हरि विष्णु को गोपी चंदन का तिलक लगाएं। देसी घी का दीया जलाएं। और रात्रि में कमल के फूलों से भगवान विष्णु की पूजा करे। और व्रत के अगले दिन प्रातःकाल जल्दी उठकर भगवान शिवजी का पूजन करे। और किसी जरूरत मंद लोगी को भोजन कराकर व्रत का पारण करे। और इस विशेष मन्त्र का जाप करे। ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः! तथा ‘ॐ विष्णवे नमः!!

बैकुंठ चतुर्दशी 2024 शुभ मुहूर्त

Vaikuntha Chaturthi 2024 Date Time: अब आप को बतादे की वर्ष 2024 में बैकुंठ चतुर्दशी 14 नवम्बर दिन गुरुवार को मनाया जाएगा।

वैकुण्ठ चतुर्दशी निशिताकाल पूजा का शुभ मुहूर्त है – 15 नवम्बर 2024 को – रात्रि 11 बजकर 25 मिनट से लेकर रात्रि 12 बजकर 17 मिनट तक रहेगा।
पूजा की कुल अवधि – केवल 00 घण्टे 53 मिनट

चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ होगी – 14 नवम्बर 2024 को सुबह 09 बजकर 43 मिनट पर
चतुर्दशी तिथि समाप्त होगी – 15 नवम्बर 2024 को सुबह 06 बजकर 19 मिनट पर

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