Vaisakhi 2026: बैसाखी पर्व एक मौसमी त्यौहार है। जो बैसाख सौर मास का प्रथम दिन होता है जिसे वैसाखी पर्व के के नाम से जाना जाता है। यह पर्व मुख्य रूप से हर साल 13 या 14 अप्रैल को मनाया जाता है।यह पर्व मुख्य रूप से पंजाब और देश के अन्य हिस्सों में बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। यह त्यौहार फसल कटाई के आगमन के रूप में मनाया जाता है। बैसाखी पर्व मूल रूप से एक सिख त्योहार है जो सिख समुदाय के लिए नए साल का प्रतीक है।
बैसाखी पर्व के दिन समस्त उत्तर भारत की पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व होता है। इस दिन लोग नए कपड़े पहनने हैं। और घरों मे अपने प्रिय व्यंजनों को बनाते हैं। बैसाखी के पर्व पर लगने वाला बैसाखी मेला बहुत प्रसिद्द है। यह त्यौहार विभिन्न समुदायों में विभिन्न कारणों से मनाया जाता है। हालांकि इस त्यौहार का मूल उद्देश्य है प्रार्थना करना, एकजुट रहना और अच्छे भोजन का आनंद लेना। इस दिन लोगों में बहुत खुशी और उत्तेजना होती है। आइये जानते है साल 2026 में बैसाखी पर्व कब मनाया जाएगा ? 13 या 14 अप्रैल, जाने सही दिन तारीख, पूजा विधि और बैसाखी पर्व का क्या महत्व है।
2026 में वैसाखी कब है?
Vaisakhi 2026 Date: हिन्दू कैलेंडर के अनुसार बैसाखी हर साल 13 या 14 अप्रैल को बसंत ऋतु के आगमन की खुशी में मनाया जाता है। जो साल 2026 में वैसाखी पर्व 14 अप्रैल दिन मंगलवार को मनाई जाएगी।
बैसाखी पूजा विधि
Vaisakhi 2026 Puja vidhi: बैसाखी पर्व के दिन प्रातःकाल जल्दी जल्दी उठकर नित्य क्रिया से निवृत्त होकर स्नान आदि करने के बाद व्रत का संकल्प ले। फिर गुरु द्वारे में जाकर पूजा अर्चना करे। और बैसाखी पर्व के दिन गुरुद्वारे में जाकर गुरु ग्रंथ साहिब जी के स्थान को जल, और दूध से शुद्ध करे। उसके बाद पवित्र किताब को ताज के साथ उसके स्थान पर रख दे। फिर गुरु ग्रन्थ साहेब की किताब पड़े। और अनुयायी ध्यान पूर्वक गुरू साहिब की वाणी सुने। इस दिन श्रद्धालुयों के लिए विशेष प्रकार का अमृत तैयार किया जाता है जो बाद में बाँटा जाता है। परंपरा के अनुसार, अनुयायी एक पंक्ति में लगकर अमृत को पाँच बार ग्रहण करते हैं। अपराह्न में अरदास के बाद प्रसाद को गुरू को चढ़ाकर अनुयायियों में वितरित की जाती है। और अंत में लोग लंगर चखते हैं।