Vinayak Chaturthi 2025: विनायक चतुर्थी 2025 सूची प्रत्येक माह की दोनों पक्ष में आने चतुर्थी तिथि के दिन भगवान गणेश जी का व्रत, पूजा लिए खास दिन माना जाता है। यह तिथि भगवान गणेश जी को बहुत प्रिय है। क्योकि आज के दिन ही भगवान गणेश जी का जान हुआ था। हिंदी पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष पौष माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी व्रत किया जाता है।
इस दिन दोपहर के समय गणेश जी की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की उपासना करने से सभी प्रकार की मनोकामना पुरी होती है। और जीवन के सारे कष्ट दूर होते है। और धन सम्पत्ति में बढ़ोतरी होती है। अब आइये जानते साल 2025 में विनायक चतुर्थी कब-कब पड़ेगी? नोट करले सही दिन तारीख, पूजा विधि और इस दिन किये जाने वाले उपाय
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विनायक चतुर्थी 2025 लिस्ट Vinayak Chaturthi 2025 list
03 जनवरी 2025 दिन शुक्रवार (विनायक चतुर्थी)
02 फरवरी 2025 दिन रविवार (विनायक चतुर्थी)
03 मार्च 2025 दिन सोमवार (विनायक चतुर्थी)
01 अप्रैल 2025 दिन मंगलवार (विनायक चतुर्थी)
01 मई 2025 दिन गुरुवार (विनायक चतुर्थी)
30 मई 2025 दिन शुक्रवार (विनायक चतुर्थी)
29 जून 2025 दिन रविवार (विनायक चतुर्थी)
28 जुलाई 2025 दिन सोमवार (विनायक चतुर्थी)
27 अगस्त 2025 दिन बुधवार (विनायक चतुर्थी)
26 सितम्बर 2025 दिन शुक्रवार (विनायक चतुर्थी)
25 अक्टूबर 2025 दिन शनिवार (विनायक चतुर्थी)
24 नवम्बर 2025 दिन सोमवार (विनायक चतुर्थी)
24 दिसम्बर 2025 दिन बुधवार (विनायक चतुर्थी)
विनायक चतुर्थी 2025 पूजा विधि Vinayak Chaturthi Puja Vidhi 2025
हिंदू धर्म में विनायक चतुर्थी व्रत को सुख-समृद्धि और सौभाग्यशाली माना जाता है। इसलिए आज के दिन भगवान गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए पूरे विधि विधान के साथ करना चाहिए। आइए जानते हैं विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी की पूजा कैसे करनी चाहिए।
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विनायक चतुर्थी के दिन व्रती को प्रातःकाल जल्दी उठकर दैनिक क्रिया से निपटकर स्नान आदि करले इसके बाद साफ व शुद्ध कपड़े पहनकर व्रत का संकल्प ले। इसके बाद गणेश मंदिर या घर में पूजा स्थल को अच्छे साफ-सफाई करके एक लकड़ी की चौथी पर लाल कपड़ा बिछाकर भगवान गणेश की स्थापना करें।
इसके पच्चात भगवान गणेश जी को पंचामृत से स्नान कराकर रोली, चंदन, सिंदूर और पुष्पों से भगवान गणेश जी का श्रृंगार करें। और उन्हें नये वस्त्र अर्पित करे। और भगवान गणेश को मोदक का भोग लगाकर 21 दूर्वा के अर्पित करें। और भगवान गणेश जी के समक्ष दीपक जलाकर उनको जल का अर्घ्य दें। और इस मंत्र ॐ गं गणपतये नमः और ॐ वक्रतुण्डाय हुं मंत्र का जाप करें। और पूजा के अंत भगवान गणेश जी की आरती करके पौंआ समाप्त करे।
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विनायक चतुर्थी व्रत के नियम Rules of Vinayaka Chaturthi Fast
- विनायक चतुर्थी के दिन भुलकर भी चांद को नही देखना चाहिए।
- किसी के साथ बहस और झगड़ा नही करना चाहिए।
- तामसिक चीजो का सेवन नही करना चाहिए।
- भगवान गणेश जी का पीठ नही देखना चाहिये।
- विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी की मूर्ति को लकड़ी के पटरे के ऊपर लाल कपड़ा बिछाकर स्थापित करना चाहिए।
- और मूर्ति को उत्तर-पूर्व कि दिशा में हीरखना चाहिए और उसका मुख उत्तर दिशा में होना चाहिए।
- गणेश जी की पूजा में ॐ गं गणपतये नमः मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए।
- और पूजा के अंत में भगवान गणेश जी की आरती करनी चाहिए।
- और भगवान गणेश जी की मूर्ति को कभी भी अकेला नहीं छोड़ना चाहिए।