Yamuna Ji Ki Aarti: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को यम द्वितीया या भाई दूज के नाम से जाना जाता है। इस दिन मृत्यु के देवता भगवान यम और उनकी बहन यमुना की पूजा अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि यह द्वितीया के दिन माता यमुना की आरती उतारी जाती है। ऐसी मान्यता है कि यमुना जी की आरती पढ़ने या सुनने मात्र से ही भगवान श्री कृष्ण जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है। और इसके अलावा इस दिन यमुना में स्नान करने से सभी रोगों का नाश होता है। और सभी प्रकार का भय दूर होता है।
यमुना जी की आरती
धन्य-धन्य श्री यमुने, धन्य-धन्य श्री जमुने !
कलि के कल-मल हरनी, सर्व पाप दमने !!
रवि की आप सुता हो, केशव की पटरानी !
तुम्हरे यश को गावें, नारद शुक ज्ञानी !!
सन्ध्या समय निराजन, जो कोई निंत्य करे !
रोग शोक मिट जावे, दुःख जा दूर परे !!
कार्तिक सुदी द्वितीया को, जो कोई स्नान करे !
यम की त्रास न पावे, नित जो ध्यान धरे !!
त्री यमुना जी की आरती, जो कोई नर गावै !
सुख-सम्पत्ति घर आवै, मनवांछित फल पावै !!
!! बोलो यमुना मैया की जय !!
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