Yashoda Jayanti 2025: कब है 2025 में यशोदा जयंती, जाने शुभ मुहूर्त, पूजा विधि व महत्व

यशोदा जयंती का महत्व

Yashoda Jayanti 2025: हिंदी पंचांग के अनुसार, हर वर्ष फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को यशोदा जयंती मनाई जाती है। इस दिन माता यशोदा की पूजा-उपासना की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि यशोदा मैया की पूजा करने से सुख, सौभाग्य और वैभव की प्राप्ति होती है। और जीवन मे आने वाली सभी परेशानियां दूर होती है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यदि यशोदा जयंती के दिन श्रद्धा-भाव से भगवान श्री कृष्ण और माता यशोदा जी की पूजा आराधना करने से भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप के दर्शन होते हैं। और भगवान श्रीकृष्ण सभी कष्टों को दूर करते है। ऐसी मान्यता है कि यशोदा माता का केवल नाम मात्र लेने से ही मन में ममता की प्रतिमूर्ति प्रकाशित होती है।

ऐसी मान्यता है कि यशोदा जयंती के दिन माता यशोदा की पूजा करने से माता शीघ्र प्रसन्न होती हैं। यशोदा जयंती के दिन मंदिरों और मठों को सजाया जाता है। भजन कीर्तन का आयोजन किया जाता है। और जगह जगह माता यशोदा की शोभायात्रा भी निकाली जाती हैं। और बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर आकर मांता के दर्शन करके उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

आईये जानते है साल 2025 में यशोदा जयंती कब है ? जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत का महत्व

यशोदा जयंती पूजा विधि

Yashoda Jayanti 2024 Puja Vidhi: यशोदा जयंती के दिन प्रातःकाल उठकर नित्यक्रियाओं से निवृत होकर स्नान आदि कर के साफ वस्त्र धारण करे। इसके बाद व्रत का संकल्प लें, इसके बाद एक साफ लकड़ी की चौकी लेंकर उसपर थोड़ा सा गंगाजल छिड़कर कर इसे पवित्र कर लें। फिर माता यशोदा का ध्यान करें, इसके बाद लकड़ी की चौकी पर लाल रंग का कपड़ा विछाकर एक कलश की स्थापना करें। कलश को स्थापित करने के बाद माता यशोदा की गोद में विराजमान लड्डू गोपाल की तस्वीर या मूर्ति को स्थापित करें।

इसके बाद माता यशोदा को लाल रंग की चुनरी के साथ साथ माता यशोदा को कुमकुम, फल, फूल, मीठा रोठ, पंजीरी, माखन आदि सभी चीजें अर्पित करे। इसके बाद माता यशोदा के समक्ष धूप और दीप जलाएं। और माता यशोदा और भगवान श्री कृष्ण की विधि विधान के साथ पूजा करें। और यशोदा जंयती की कथा सुने और माता यशोदा और लड्डू गोपाल की आरती करें। आरती करने के पश्चात् माता यशोदा और भगवान श्री कृष्ण को मीठे रोठ का भोग लगाएं।

इसके बाद भगवान श्री कृष्ण को पंजीरी और माखन का भोग अर्पित करें। पूजा समाप्त होने के बाद अपने दोनों हाथ जोड़कर माता यशोदा और लड्डू गोपाल से पूजा के दौरान हुई किसी भी गलती के लिए क्षमा याचना करें। और पूजा के बाद स्वयं पंजीरी का प्रसाद ग्रहण करें और परिवार के सभी लोगों को प्रसाद वितरित करें। पूजा संपन्न करने के बाद गाय को भोजन अवश्य कराएं।

यशोदा जयंती 2025 शुभ मुहूर्त

Yashoda Jayanti 2025 Date Time: अब आप को बतादे साल 2025 में यशोदा जयंती 18 फरवरी दिन मंगलवार को मनाई जाएगी।

षष्ठी तिथि प्रारम्भ होगी – 18 फरवरी 2025 को सुबह 04 बजकर 53 ए एम मिनट पर
षष्ठी तिथि समाप्त होगी – 19 फरवरी 2025 को सुबह 07 बजकर 32 ए एम मिनट पर

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